जयपुर. प्रदेश में 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरु हो गया. इस अभियान में गांव-ढांणियों और शहरी नागरिकों के कितने काम हो रहे हैं, इसका जायजा लेने के लिए गहलोत सरकार के तमाम मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंच गए हैं. मंत्रियों से मिले फीडबैक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ग्राउंड रिपोर्ट जांचने के लिए औचक निरीक्षण की तैयारी में हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 8 अक्टूबर के बाद प्रशासन शहरों के संग और गांवों के संग अभियान के तहत चल रहे शिविरों का जायजा लेने के लिए किसी भी जिले के औचक निरीक्षण पर निकल सकते हैं. सूत्रों की माने तो सीएम गहलोत इस इस बार प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों की ग्राउंड रिपोर्ट की जांच के लिए यह औचक निरीक्षण प्लान कर रहे हैं. यही वजह है कि जिलों के प्रभारी मंत्री शिविरों में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे इसका पूरा ख्याल रख रहे हैं.
पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान: नगरीय निकाय नहीं करेंगे पट्टों के लिए मौका मुआयना
दो साल बाद ग्राउंड रिपोर्ट का जायजा लेंगे गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के वक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान इस बात के निर्देश दिए थे कि गांव और ढाणी में हर व्यक्ति को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले. इसमें ढिलाई बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कलेक्टर संभागीय आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कई जिलों के अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई थी, लेकिन अब कोरोना संक्रमण कम होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की वास्तविकता की जांच के लिए जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं.
डोटासरा को छोड़ सभी मंत्री दौरे पर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पार्टी कार्यों के चलते फिलहाल जयपुर में ही रहकर कामकाज देख रहे हैं, जबकि सरकार के बाकी मंत्री रघु शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास, बीडी कल्ला, अर्जुन बामणिया, ममता भूपेश, भंवर सिंह भाटी, सुखराम बिश्नोई, सुभाष गर्ग, महेश जोशी और महेंद्र चौधरी अपने अपने प्रभाव वाले दिनों में जाकर अभियान शिविरों का जायजा ले रहे हैं और कामकाज की मॉनिटरिंग करते नजर आ रहे हैं.
पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान में टारगेट नहीं हुए पूरे, खाचरियावास ने अधिकारियों को लिया आड़े हाथ
मुख्यमंत्री के दौरे की तैयारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 8 अक्टूबर को वल्लभनगर और धरियावद में कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे और उसके बाद में जनसभा को संबोधित करेंगे. माना यह जा रहा है कि सीएम गहलोत 8 अक्टूबर के बाद जिलों के दौरे पर निकलेंगे और जनता से सीधे संवाद के जरिये जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लेंगे.
ब्युरोक्रेसी पर भी सख्ती
प्रभारी मंत्री के साथ प्रभारी सचिवों को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह गांव-ढाणी के व्यक्ति की समस्याओं को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास आएगी. हालांकि पिछले दिनों प्रभारी मंत्रियों के दौरे के बाद प्रभारी सचिव को जो रिपोर्ट तैयार करके देनी थी, वह समय पर नहीं दी गई. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी और प्रभारी सचिवों के जिलों में बदलाव भी किया था. सीएम गहलोत ने संदेश दिया था कि कोई भी अधिकारी अगर अपने कार्य में लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
पढ़ें. प्रदेश के 287 कनिष्ठ अभियंता करेंगे प्रशासन शहरों के संग अभियान का बहिष्कार
इन जिलों के मंत्री हैं दौरे पर
उदयलाल आंजना-राजसमंद , प्रताप सिंह-उदयपुर, सालेह मोहम्मद-पाली, ममता भूपेश- अलवर, अर्जुन बामणिया-चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़, भंवर सिंह भाटी- चूरू, सुखराम बिश्नोई- बाड़मेर-जैसलमेर, बीडी कल्ला- गंगानगर, हनुमानगढ़, शांति धारीवाल- जयपुर, परसादी लाल- बूंदी, सवाई माधोपुर, लालचंद कटारिया- अजमेर और कोटा, रघु शर्मा- भीलवाड़ा-टोंक, प्रमोद भाया-जालौर-सिरोही, अशोक चांदना-करौली,दौसा, टीकाराम जूली- झालावाड़-बारां, भजन लाल जाटव- धौलपुर, राजेंद्र यादव-डूंगरपुर-बांसवाड़ा, सुभाष गर्ग- झुंझुनू-सीकर, महेश जोशी- भरतपुर, महेंद्र चौधरी जोधपुर जिले के दौरे पर हैं.