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विधिवत पूजा के बाद अयोध्या भेजी गई राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों की 'रजकण'

अयोध्या में आगामी पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन में देश भर की पवित्र नदियों का जल और पवित्र भूमि की रजकण लाने का निर्देश दिया गया है. इसी क्रम में सबसे पहले जयपुर प्रांत से शुक्रवार को 51 तीर्थ स्थलों की रजकण अयोध्या भेजी गई.

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राजस्थान की रजकण विधिवत पूजा के बाद भेजी गई अयोध्या
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Published : Jul 24, 2020, 10:54 PM IST

जयपुर. आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए सम्पूर्ण भारत वर्ष के पवित्र धार्मिक स्थलों की रजकण को श्रीराम मंदिर की नींव में लगाया जाएगा. इस पवित्र रज कण को विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में एकत्रित किया गया. जहां शुक्रवार को पवित्र धार्मिक रजकण पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया.

राजस्थान की रजकण विधिवत पूजा के बाद भेजी गई अयोध्या

गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्य तीर्थ स्थान, जिनकी अखिल भारतीय राजस्थानी पहचान है. ऐसे पवित्र धार्मिक स्थानों की पवित्र मिट्टी को इकट्ठा कर विधिवत पूजन हुआ. जहां संत-महंतों ने रजकण पर पुष्प अर्पित कर आरती उतारी. इस मौके पर गलताजी पीठ के सियाराम महाराज, प्रस्थानंद महाराज सहित विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL: रामलला मंदिर की नींव में लगेगी मरुधरा की रज और जल

बता दें कि राजस्थान के 121 धर्मिक स्थलों से मिट्टी भेजी जाएगी. उसी कड़ी में सबसे पहले जयपुर प्रांत से शुक्रवार को 51 तीर्थ स्थलों की रज अयोध्या भेजी गई. इसी प्रकार बाकी प्रांतों में भी रजकण का पूजन कर रामनगरी भेजी जाएगी. राम मंदिर के निर्माण में छोटी कांशी जयपुर से प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर और आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर की मिट्टी और सिंदूर अयोध्या भिजवाया जा रहा है. यहां की रज मंदिर की नींव में शामिल करना बेहद शुभ है. रज के साथ सिंदूर और अन्य सामग्री भेजी गई है. ऐसे में जयपुरवासियों के साथ साथ संत-महंतों ने गौरवान्वित होते हुए जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की कामना की है.

जयपुर. आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए सम्पूर्ण भारत वर्ष के पवित्र धार्मिक स्थलों की रजकण को श्रीराम मंदिर की नींव में लगाया जाएगा. इस पवित्र रज कण को विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में एकत्रित किया गया. जहां शुक्रवार को पवित्र धार्मिक रजकण पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया.

राजस्थान की रजकण विधिवत पूजा के बाद भेजी गई अयोध्या

गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्य तीर्थ स्थान, जिनकी अखिल भारतीय राजस्थानी पहचान है. ऐसे पवित्र धार्मिक स्थानों की पवित्र मिट्टी को इकट्ठा कर विधिवत पूजन हुआ. जहां संत-महंतों ने रजकण पर पुष्प अर्पित कर आरती उतारी. इस मौके पर गलताजी पीठ के सियाराम महाराज, प्रस्थानंद महाराज सहित विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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बता दें कि राजस्थान के 121 धर्मिक स्थलों से मिट्टी भेजी जाएगी. उसी कड़ी में सबसे पहले जयपुर प्रांत से शुक्रवार को 51 तीर्थ स्थलों की रज अयोध्या भेजी गई. इसी प्रकार बाकी प्रांतों में भी रजकण का पूजन कर रामनगरी भेजी जाएगी. राम मंदिर के निर्माण में छोटी कांशी जयपुर से प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर और आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर की मिट्टी और सिंदूर अयोध्या भिजवाया जा रहा है. यहां की रज मंदिर की नींव में शामिल करना बेहद शुभ है. रज के साथ सिंदूर और अन्य सामग्री भेजी गई है. ऐसे में जयपुरवासियों के साथ साथ संत-महंतों ने गौरवान्वित होते हुए जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की कामना की है.

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