जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर की आबोहवा एक बार फिर बिगड़ने लगी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AIR Quality Index) लगातार बढ़ रहा है. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया था. अब अनलॉक के साथ ही प्रदेश में वाहनों की आवाजाही में बढ़ोतरी होने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार तक पहुंच रहा है जो कि Yellow Zone यानी कि खतरे का स्तर है. हालांकि एनसीआर को छोड़ कुछ क्षेत्रों में इनके मुकाबले थोड़ी राहत देखी जा रही है.
वहीं लोग भी लापरवाही बरत रहे हैं. जगह-जगह कूड़ा भी जलाया जा रहा है. प्राधिकरण भी सड़कों से धूल को साफ नहीं कर रहा है. लॉकडाउन में जयपुर सहित प्रदेश की आबोहवा बहुत अच्छी हो गई थी. AQI भी 50 से 70 तक पहुंच गया था, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक होता है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद वायु प्रदूषण फिर बढ़ने लगा है. कुछ ही दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स येलो जोन में पहुंच गया है. रविवार शाम एनसीआर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में AQI 150 से 200 के बीच बना हुआ है. एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार बढ़ रहा है, जो कि मानव शरीर के लिए काफी हानिकारक भी है.
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आने वाले दिनों में बढ़ेगा AQI
भिवाड़ी में एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात की जाए तो भिवाड़ी में यह 198 और राजधानी जयपुर में अथॉरिटी अंडर 150 दर्ज किया गया है. प्रदूषण विभाग के अफसरों का कहना है कि आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर और बढ़ेगा. हवा में धूल के कण की मात्रा भी बढ़ेगी. यही हाल रहा तो जल्द ही राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर के कई जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 से 300 तक पहुंच जाएगा. प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन स्तर पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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लॉकडाउन के दौरान कम हुआ था प्रदूषण
लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया था और जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से 70 के बीच दर्ज किया गया था जो कि ग्रीन जोन माना जाता है. अब फिर प्रदूषण बढ़ने के साथ ही दमा और सांस के रोगियों की संख्या में दोबारा से बढ़ोतरी होने लगी है. लॉकडाउन के दौरान बार-बार आए तूफान, वाहनों की आवाजाही कम होने व बारिश के चलते भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं पिछले 10 सालों में मई सबसे ठंडी भी रही थी.
ऐसे समझें खतरा
0 से 50 हवा की गुणवत्ता अच्छी
50 से 100 हवा की गुणवत्ता ठीक
101 से 200 मोडरेट
201 से 300 हवा की गुणवत्ता खराब
301 से 400 सांस रोग का खतरा