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राजस्थान बोर्ड 10वीं 12वीं की परीक्षाएं रद्द होने पर बोले विधायक कालीचरण सराफ, कहा- सरकार लौटाए छात्रों की परीक्षा फीस

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Published : Jun 14, 2021, 7:52 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 9:02 AM IST

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी है. ऐसे में अब भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ ने छात्रों की परीक्षा फीस लौटाने की मांग की है.

10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द पर बोले कालीचरण सराफ, Kalicharan Saraf said on cancellation of 10th 12th board exam
10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द पर बोले कालीचरण सराफ

जयपुर. कोरोना महामारी के संकट के बीच बचाव के लिए सरकार ने राजस्थान बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं, ताकि इस वैश्विक महामारी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सके. ऐसे में अब भाजपा छात्रों की परीक्षा फीस लौटाने की मांग कर रही है. यह मांग कोई और नहीं बल्कि पूर्व शिक्षा मंत्री रहे भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ कर रहे हैं.

कालीचरण सराफ के अनुसार जब इन परीक्षाओं के आयोजन पर राजस्थान बोर्ड की ओर से खर्च होने वाला पैसा बच गया, तो मौजूदा स्थिति में छात्रों के अभिभावकों की मांग पर राज्य सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करके वोट को परीक्षा शुल्क रिफंड करने का आदेश भी दे.

पढ़ें- सरकार किसी का भी फोन टैप नहीं करती, यह हमारा चरित्र नहीं है : प्रताप सिंह खाचरियावास

21 लाख छात्रों ने 130 करोड़ रुपए किए हैं जमा

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि परीक्षा शुल्क में केंद्र अधीक्षक के 150 अतिरिक्त केंद्र अधीक्षक के 115 और वीक्षक के 90 रुपए का खर्च प्रति पेपर शामिल होता है, जो कि बोर्ड को अब नहीं करना पड़ेगा. बोर्ड के पास 10वीं और 12वीं के 21 लाख छात्रों की ओर से जमा करवाई गई फीस के 130 करोड़ रुपए जमा हैं.

फीस लौटाने की मांग

कालीचरण सराफ की माने तो फीस वापसी की मांग को लेकर कुछ स्कूल एसोसिएशन तो कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं. परीक्षाएं निरस्त करने के सरकार के निर्णय के बाद फीस लौटाने में बोर्ड की बहानेबाजी से प्रदेश के छात्रों और उनके अभिभावकों में निराशा और रोष व्याप्त है.

पढ़ें- डॉक्टर दंपती हत्याकांड का मुख्य आरोपी अनुज गिरफ्तार, गाड़ी में बैठकर गर्लफ्रेंड से मिलने आ रहा था भरतपुर

सराफ ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द करके राज्य सरकार ने प्रदेश के छात्रों और अभिभावकों को आंशिक राहत दी है, लेकिन पिछले साल स्कूल बंद होने के बावजूद स्कूल फीस जमा करवाने की मजबूरी और अब परीक्षाएं रद्द होने के बावजूद शुल्क वापस नहीं मिलने की दोहरी मार झेल रहे प्रदेश के 21 लाख छात्रों और उनके अभिभावकों को पूरी राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार न्यायसंगत फैसला करे. साथ ही बोर्ड को परीक्षा शुल्क लौटाने के निर्देश दे.

जयपुर. कोरोना महामारी के संकट के बीच बचाव के लिए सरकार ने राजस्थान बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं, ताकि इस वैश्विक महामारी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सके. ऐसे में अब भाजपा छात्रों की परीक्षा फीस लौटाने की मांग कर रही है. यह मांग कोई और नहीं बल्कि पूर्व शिक्षा मंत्री रहे भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ कर रहे हैं.

कालीचरण सराफ के अनुसार जब इन परीक्षाओं के आयोजन पर राजस्थान बोर्ड की ओर से खर्च होने वाला पैसा बच गया, तो मौजूदा स्थिति में छात्रों के अभिभावकों की मांग पर राज्य सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करके वोट को परीक्षा शुल्क रिफंड करने का आदेश भी दे.

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21 लाख छात्रों ने 130 करोड़ रुपए किए हैं जमा

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि परीक्षा शुल्क में केंद्र अधीक्षक के 150 अतिरिक्त केंद्र अधीक्षक के 115 और वीक्षक के 90 रुपए का खर्च प्रति पेपर शामिल होता है, जो कि बोर्ड को अब नहीं करना पड़ेगा. बोर्ड के पास 10वीं और 12वीं के 21 लाख छात्रों की ओर से जमा करवाई गई फीस के 130 करोड़ रुपए जमा हैं.

फीस लौटाने की मांग

कालीचरण सराफ की माने तो फीस वापसी की मांग को लेकर कुछ स्कूल एसोसिएशन तो कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं. परीक्षाएं निरस्त करने के सरकार के निर्णय के बाद फीस लौटाने में बोर्ड की बहानेबाजी से प्रदेश के छात्रों और उनके अभिभावकों में निराशा और रोष व्याप्त है.

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सराफ ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द करके राज्य सरकार ने प्रदेश के छात्रों और अभिभावकों को आंशिक राहत दी है, लेकिन पिछले साल स्कूल बंद होने के बावजूद स्कूल फीस जमा करवाने की मजबूरी और अब परीक्षाएं रद्द होने के बावजूद शुल्क वापस नहीं मिलने की दोहरी मार झेल रहे प्रदेश के 21 लाख छात्रों और उनके अभिभावकों को पूरी राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार न्यायसंगत फैसला करे. साथ ही बोर्ड को परीक्षा शुल्क लौटाने के निर्देश दे.

Last Updated : Jun 14, 2021, 9:02 AM IST
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