जयपुर. सरकार बनने के करीब 3 साल बाद अब गहलोत कैबिनेट का विस्तार (Rajasthan Cabinet Reorganization) हो रहा है. इस बार मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) में जातीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है. ये पहली मर्तबा है जब दलित वर्ग से आने वाले चार जनप्रतिनिधि कैबिनेट में शामिल हो रहे हैं. टीकाराम जूली, भजन लाल जाटव, ममता भूपेश और गोविंद राम मेघवाल को गहलोत कैबिनेट इस बार स्थान दिया गया है. राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री में प्रमोट हुए टीकाराम जूली ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के इस कदम की सहाना की. इसके साथ ही 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनने का दावा भी किया.
टीकाराम जूली (Tikaram julie) ने कहा कि राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है जब दलित वर्ग के चार जनप्रतिनिधि कैबिनेट मंत्री बने हैं. इससे एक संदेश पूरे प्रदेश में जाएगा और दलित पिछड़ों को मोरल सपोर्ट भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार की अस्थिरता वाली कोई बात नहीं है. मंत्रिमंडल का हमेशा दो-तीन बार विस्तार होता ही है और अब एक संतुलित टीम बन गई है. आने वाले समय में इसका फायदा भी राज्य की जनता को मिलेगा.
उन्होंने पार्टी में किसी तरह की खेमेबाजी की बात को खारिज करते हुए कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के हैं और सभी मिलकर एकजुट होकर काम कर रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि दलित वर्ग हमेशा से कांग्रेस के साथ रहा है. कांग्रेस ने इस वर्ग के उत्थान के लिए काफी प्रयास भी किए हैं. राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रदेश है. यहां दलितों की संख्या बहुत अधिक है. ऐसे में इस वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलना अच्छा कदम है.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलो ने उन पर विश्वास जताया है और उस पर खरा उतरने का प्रयास किया जाएगा. चाहे राज्यमंत्री के रूप में हो चाहे कैबिनेट मंत्री के रूप में, काम करने का मौका मिलता है तो उसमें पूरी ताकत से काम करना चाहिए और अब दोगुने जोश के साथ काम किया जाएगा. जूली ने कहा कि अब तक केंद्र से कोई सहयोग नहीं मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में अनुकरणीय काम किया है और अब जो काम किया जाएगा उसका फायदा 2023 के चुनाव में मिलेगा. प्रदेश में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनेगी.
माना जा रहा है कि हाल ही में पंजाब में भी दलित वर्ग से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया था. राजस्थान में भी इसी फॉर्मेट पर काम करते हुए कांग्रेस आलाकमान ने चार दलितों को कैबिनेट में जगह दी है. बहरहाल, टीकाराम जूली के इस प्रमोशन से अलवर जिले के समीकरण भी साधे जाएंगे और आगामी 2023 के चुनाव में दलित वर्ग के वोट बैंक को भुनाने का भी प्रयास किया जाएगा.