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रिश्वत मामले में एएफओ के चालक की हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज - राजस्थान समाचार

राजस्थान हाईकोर्ट ने फायर उपकरण लगाने को लेकर एनओसी देने के बदले रिश्वत लेने के मामले में ग्रेटर निगम के एएफओ के चालक की जमानत याचिका वापस लेने के आधार पर खारिज कर दी है. अदालत ने आरोपी को छूट दी है कि वह आरोप पत्र पेश होने के बाद पुन: याचिका पेश कर सकता है.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 22, 2021, 9:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फायर उपकरण लगाने को लेकर एनओसी देने के बदले रिश्वत लेने के मामले में ग्रेटर निगम के एएफओ के चालक की जमानत याचिका वापस लेने के आधार पर खारिज कर दी है. अदालत ने आरोपी को छूट दी है कि वह आरोप पत्र पेश होने के बाद पुन: याचिका पेश कर सकता है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी फतेह सिंह की जमानत याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि वह याचिका वापस लेकर आरोप पत्र पेश होने के बाद पुन: याचिका दायर करना चाहता है. ऐसे में उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता को अनुमति देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश में 7 फीसदी वैक्सीन की डोज खराब, अकेले चूरू में 39.37 प्रतिशत की बर्बादी

बता दें, रिकी जोशी ने गत 9 अप्रैल को एसीबी को प्रार्थना पत्र पेश कर एएफओ छोटूराम के खिलाफ निजी अस्पताल में फायर उपकरण लगाने की एनओसी देने के बदले एक लाख रुपए रिश्वत की मांगने की शिकायत दी थी. शिकायत के बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए छोटूराम और उसके चालक फतेह सिंह को 90 हजार रुपए के साथ ट्रैप किया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फायर उपकरण लगाने को लेकर एनओसी देने के बदले रिश्वत लेने के मामले में ग्रेटर निगम के एएफओ के चालक की जमानत याचिका वापस लेने के आधार पर खारिज कर दी है. अदालत ने आरोपी को छूट दी है कि वह आरोप पत्र पेश होने के बाद पुन: याचिका पेश कर सकता है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश आरोपी फतेह सिंह की जमानत याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि वह याचिका वापस लेकर आरोप पत्र पेश होने के बाद पुन: याचिका दायर करना चाहता है. ऐसे में उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए. इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता को अनुमति देते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

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बता दें, रिकी जोशी ने गत 9 अप्रैल को एसीबी को प्रार्थना पत्र पेश कर एएफओ छोटूराम के खिलाफ निजी अस्पताल में फायर उपकरण लगाने की एनओसी देने के बदले एक लाख रुपए रिश्वत की मांगने की शिकायत दी थी. शिकायत के बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए छोटूराम और उसके चालक फतेह सिंह को 90 हजार रुपए के साथ ट्रैप किया था.

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