जयपुर. कोरोना की वजह से इस साल राजस्थान यूनिवर्सिटी के 5 वर्षीय लॉ कॉलेज के एडमिशन 3 महीने देरी से हो रहे हैं. छात्र 27 अगस्त से 15 सितंबर तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे. हालांकि इस बार 5 ईयर लॉ में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट नहीं होगा. जिसके चलते छात्रों के आवेदन फीस को भी आधा किया गया है.
कोरोना की वजह से पहली बार राजस्थान यूनिवर्सिटी के 5 वर्षीय लॉ कॉलेज में बिना एंट्रेंस टेस्ट के एडमिशन होंगे. रुलेट में 12वीं क्लास के अंकों और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर बीए-एलएलबी की सीट अलॉट होगी. सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत संचालित इस कोर्स में 120 सीटें हैं. जिनके लिए पिछले वर्ष 1150 आवेदन आए थे, हालांकि इस साल कोरोना की वजह से एडमिशन 3 महीने देरी से हो रहे हैं.
स्टूडेंट 27 अगस्त से 15 सितंबर तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे. पर्सनल इंटरव्यू के लिए 19 सितंबर को मेरिट लिस्ट बनेगी, जबकि पहली एडमिशन लिस्ट 5 अक्टूबर को जारी की जाएगी. इसके लिए आवेदन शुल्क 1 हजार रुपए रखा गया है, जोकि पिछले साल की तुलना में आधा है. बावजूद इसके छात्र इस फीस पर भी सवाल उठा रहे हैं.
इस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी यादव ने स्पष्ट किया कि 5 वर्षीय लॉ कोर्स के लिए पूरे देश भर से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं. इसके लिए एडवरटाइजमेंट देना होता है. साथ ही पर्सनल इंटरव्यू के लिए रिटायर्ड जज रिटायर्ड प्रोफेसर को सीटिंग अलाउंस भी देना होता है. चूंकि ये सेल्फ फाइनेंस स्कीम कोर्स है. इसलिए इसका खर्चा वहन करने के लिए आधा आवेदन शुल्क लिया जा रहा है.
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बता दें कि हर वर्ष 5 ईयर लॉ कॉलेज में एंट्रेंस के लिए आवेदन शुल्क 2 हजार रुपए लिया जाता था. इस बार एंट्रेंस एग्जाम नहीं होने के चलते इस राशि को आधा किया गया है, लेकिन कोरोना का हवाला देकर छात्र इस शुल्क पर भी सवाल उठा रहे हैं.