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सीएम की सख्ती के बाद कमर्चारी-अधिकारी हरकत में, प्रशासनिक सुधार विभाग ने जारी की गाइडलाइन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लापरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारी और कमर्चारियों पर दिखाई गई सख्ती असर दिखने लगा है, यही वजह है कि अब राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है.

Rajasthan Sampark portal, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
CM ashok gehlot strictness
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Published : Dec 14, 2019, 4:55 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 5:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान सम्पर्क पोर्टल और सीएम जन सुनवाई में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाये, इसको लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर पानला सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

प्रशासनिक सुधार विभाग की और जारी निर्देशों में संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री की ओर से हर महीने की जाने वाली वीसी और मुख्य सचिव की ओर से हर पखवाड़े की जाने वाली वीसी के निर्देशों की पालना सुनिश्चित कर रिपोर्ट भेजी जाए.

मुख्यमंत्री की सख्ती का दिखने लगा असर, शिकायतों के निपटारे को लेकर जारी हुई गाइडलाइन

मुख्यमंत्री की जन सुनवाई और राजस्थान संपर्क पोर्टल जहां प्रदेश का आम आदमी एक फोन डायल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है, लेकिन इन शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा था. ऐसे में अधिकारी और कमर्चारियों की लापरवाही पर सीएम गहलोत ने सख्ती दिखाई तो उसका असर अब सभी जगह दिखने लगा है.

पढ़ेंः नो सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए नन्हें हाथ बना रहे रोबोट

आम आदमी की ओर से दर्ज शिकायतों पर काम हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले, इसी के लिए अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर ऐसी शिकायतों और परिवेदनाओं के तुरंत निस्तारण के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जनकल्याकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल रहा है या नहीं इसकी भी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं.

प्रशासनिक सुधार विभाग ने दिए निर्देश

  • आमजन की समस्याओं के जिला एवं विभागीय स्तर पर ही निस्तारण के लिए नियमित जनसुनवाई की व्यवस्था की जाए.
  • सुशासन के लिए जनसुनवाई को और अधिक सार्थक व प्रभावी बनाया जाए ताकि आमजन के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा सके. इसके लिए भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आवंटित कार्य को और अधिक तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाए.
  • सीएम की जनसुनवाई में प्राप्त एवं राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं पर आवश्यक समयावधि में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
  • विभिन्न योजनाओं से संबंधित लंबित प्रकरणों के लिए प्रत्येक जिले में विशेष शिविर आयोजित कर अविलंब निस्तारण किया जाए.

पढ़ेंः Exclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में

दरअसल हाल ही में 5 दिसंबर को सीएम अशोक गहलोत ने कलक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद किया था. जिसमें शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर 9 अधिकारियों को निलंबित करने के साथ-साथ 3 अधिकारियों को चार्जशीट जारी की थी. इतना ही नहीं दो ए.सी.एस. (अतिरिक्त मुख्य सचिव) रैंक के अधिकारीयों द्वारा प्रभारी जिले का दौरा नहीं करने पर स्पष्टी करण मांगा गया था.

जयपुर. राजस्थान सम्पर्क पोर्टल और सीएम जन सुनवाई में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाये, इसको लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर पानला सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

प्रशासनिक सुधार विभाग की और जारी निर्देशों में संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री की ओर से हर महीने की जाने वाली वीसी और मुख्य सचिव की ओर से हर पखवाड़े की जाने वाली वीसी के निर्देशों की पालना सुनिश्चित कर रिपोर्ट भेजी जाए.

मुख्यमंत्री की सख्ती का दिखने लगा असर, शिकायतों के निपटारे को लेकर जारी हुई गाइडलाइन

मुख्यमंत्री की जन सुनवाई और राजस्थान संपर्क पोर्टल जहां प्रदेश का आम आदमी एक फोन डायल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है, लेकिन इन शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा था. ऐसे में अधिकारी और कमर्चारियों की लापरवाही पर सीएम गहलोत ने सख्ती दिखाई तो उसका असर अब सभी जगह दिखने लगा है.

पढ़ेंः नो सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए नन्हें हाथ बना रहे रोबोट

आम आदमी की ओर से दर्ज शिकायतों पर काम हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले, इसी के लिए अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर ऐसी शिकायतों और परिवेदनाओं के तुरंत निस्तारण के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जनकल्याकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल रहा है या नहीं इसकी भी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं.

प्रशासनिक सुधार विभाग ने दिए निर्देश

  • आमजन की समस्याओं के जिला एवं विभागीय स्तर पर ही निस्तारण के लिए नियमित जनसुनवाई की व्यवस्था की जाए.
  • सुशासन के लिए जनसुनवाई को और अधिक सार्थक व प्रभावी बनाया जाए ताकि आमजन के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा सके. इसके लिए भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आवंटित कार्य को और अधिक तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाए.
  • सीएम की जनसुनवाई में प्राप्त एवं राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं पर आवश्यक समयावधि में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.
  • विभिन्न योजनाओं से संबंधित लंबित प्रकरणों के लिए प्रत्येक जिले में विशेष शिविर आयोजित कर अविलंब निस्तारण किया जाए.

पढ़ेंः Exclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में

दरअसल हाल ही में 5 दिसंबर को सीएम अशोक गहलोत ने कलक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद किया था. जिसमें शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर 9 अधिकारियों को निलंबित करने के साथ-साथ 3 अधिकारियों को चार्जशीट जारी की थी. इतना ही नहीं दो ए.सी.एस. (अतिरिक्त मुख्य सचिव) रैंक के अधिकारीयों द्वारा प्रभारी जिले का दौरा नहीं करने पर स्पष्टी करण मांगा गया था.

Intro:जयपुर
सीएम की सख्ती के बाद कमर्चारी अधिकारी हरकत में , प्रशानिक सुधार विभाग ने जारी की गाइडलाइन

एंकर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लापरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारी और कमर्चारियों पर दिखाई गई सख्ती असर दिखने लगा है , यही वजह है कि अब राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है , सम्पर्क पोर्टल और सीएम जन सुनवाई में आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाये इसको लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर पानला सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है , प्रशासनिक सुधार विभाग की और जारी निर्देशों में संभागीय आयुक्तों, कलक्टरों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की ओर से हर महीने की जाने वाली वीसी और मुख्य सचिव की ओर से हर पखवाड़े की जाने वाली वीसी के निर्देशों की पालना सुनिश्चित कर रिपोर्ट भेजे ,
VO :- मुख्यमंत्री की जन सुनवाई और राजस्थान संपर्क पोर्टल जहां प्रदेश का आम आदमी एक फोन डायल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है , लेकिन इन शिकायतों का निस्तारण नहीं होता था , अधिकारी और कमर्चारियों की और से बरती जा रही लापरवाही पर सीएम गहलोत ने सख्ती दिखाई तो उसका असर अब सभी जगह दिखने लगा है , आम आदमी की ओर से दर्ज शिकायतों पर काम हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेसाथ हर व्यक्ति की शिकायत का निस्तारण हो इसी के लिए अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर ऐसी शिकायतों और परिवेदनाओं के तुरंत निस्तारण के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक सुधार विभाग की और जारी निर्देशों में संभागीय आयुक्तों, कलक्टरों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की ओर से हर महीने की जाने वाली वीसी और मुख्य सचिव की ओर से हर पखवाड़े की जाने वाली वीसी के निर्देशों की पालना सुनिश्चित कर रिपोर्ट भेजे , इसके साथ ही जनकल्याकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल रहा है या नहीं इसकी भी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं।

प्रशासनिक सुधार विभाग ने दिए निर्देश -
- आमजन की समस्याओं के जिला एवं विभागीय स्तर पर ही निस्तारण के लिए नियमित जनसुनवाई की व्यवस्था की जाए
- सुशासन के लिए जनसुनवाई को ओर अधिक सार्थक व प्रभावी बनाया जाए ताकि आमजन के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा सके। इसके लिए भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आवंटित कार्य को और अधिक तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाए
- सीएम की जनसुनवाई में प्राप्त एवं राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं पर आवश्यक समयावधि में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए
- विभिन्न योजनाओं से संबंधित लंबित प्रकरणों के लिए प्रत्येक जिले में विशेष शिविर आयोजित कर अविलंब निस्तारण किया जाए

VO :- इसके साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर संबंधित विभागों से समन्वय एवं मॉनिटरिंग के लिए मुख्य आयोजना अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाकर कलक्टरों को साप्ताहिक समीक्षा करे , दरअसल हाल ही में 5 दिसंबर को सीएम अशोक गहलोत ने कलक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद किया था। जिसमें शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर 9 अधिकारियों को निलंबित किया था साथ 3 अधिकारीयों को चार्जशीट जारी की , इतना ही नहीं दो एसीएस रेंक के अधिकारीयों दुवारा प्रभारी जिले का दौरा नहीं करने पर स्पष्टी करण मांगा , सीएम गहलोत की ओर से साफ मैसेज दिया गया था कि सरकार की मंशा है कि अधिकारी आम लोगों की शिकायतों पर काम करें। अब अगले महीने फिर सीएम वीसी के जरिए समीक्षा होगी ,

पीटीसी :- जसवंत सिंह Body:VoConclusion:Vi
Last Updated : Dec 14, 2019, 5:44 PM IST
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