जयपुर. राजधानी में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है. रिपोर्ट भेजने से पहले धर्मगुरुओं से भी धार्मिक स्थल खोलने को लेकर चर्चा की गई थी और उनसे सुझाव भी लिए गए थे. उन्हीं सुझावों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई है.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 जून के बाद धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर कमेटी बनाई थी और जिला कलेक्टरों से धार्मिक स्थल खोलने को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी. जयपुर में भी धार्मिक स्थलों को खोलने से पहले सभी धर्म गुरुओं से विचार विमर्श किया गया और इसके लिए जयपुर कलेक्ट्रेट में 23 जून को एक बैठक भी आयोजित की गई थी.
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इस बैठक में सभी धार्मिक स्थलों के धर्मगुरुओं और ट्रस्ट के लोगों ने भाग लिया था. बैठक में 1 जुलाई को धार्मिक स्थल खोलने को लेकर धर्मगुरु 2 मतों में बंट गए थे. एक पक्ष ने एक जुलाई से ही धार्मिक स्थल खोले जाने की मांग की और कहा कि जो भी दिशा-निर्देश जिला प्रशासन की ओर से बनाए जाएंगे उनकी पूरी तरह से पालना की जाएगी. दूसरे पक्ष ने कहा कि प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और अभी धार्मिक स्थल खोलने के लिए माहौल ठीक नहीं है. इसलिए धार्मिक स्थलों को बंद रखने का समय बढ़ाया जा सकता है.
एक जुलाई से धार्मिक स्थल खोलने वाले सभी धर्म गुरुओं ने कहा कि मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर और अन्य निर्देश तय किए जाएंगे, उसकी पालना की जाएगी. साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन का सहयोग भी आवश्यक रहेगा. जिला कलेक्टर जोगाराम ने कहा कि सुझावों को राज्य सरकार को भेज दिया गया है और धार्मिक स्थल खोलने के लिए अंतिम निर्णय सरकार करेगी. उन्होंने बताया कि गाइडलाइन भी सरकार की ओर से ही तय की जाएगी.