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Additional Sessions Court Order : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के खिलाफ FIR दर्ज करने पर लगाई रोक... - अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर लगाई रोक

अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने दुष्कर्म मामले में एफआर पेश करने से जुड़े केस में जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सागर के खिलाफ प्रथामिकी रिपोर्ट दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक (stayed the registration of FIR against the ASP) लगा दी है.

stayed the registration of FIR against the Additional Superintendent of Police
कोर्ट के हैमर की तस्वीर
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Published : May 10, 2022, 6:44 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने दुष्कर्म मामले में एफआर पेश करने से जुड़े मामले में जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सागर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा (stayed the registration of FIR against the ASP) दी है. वहीं, अदालत ने परिवादिया को कहा है कि वह चाहे तो मामले में सीआरपीसी की धारा 200 और 202 के तहत कार्रवाई जारी रखने के लिए निचली अदालत को निवेदन कर सकती हैं. अदालत ने यह आदेश मामले में सुरेंद्र सागर व राज्य सरकार की अपील लर सुनवाई करते हुए दिए.

राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक लियाकत अली ने अदालत को बताया की मामले में पीड़िता की ओर से दुष्कर्म को लेकर रींगस थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें जांच बदलकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सागर के पास आई थी. सुरेंद्र सागर ने मामले में एफआर पेश कर दी थी. इस पर परिवादिया ने परिवाद पेश कर सुरेंद्र सागर व अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि परिवाद में परिवादिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधायक महादेव सिंह खंडेला सहित अन्य लोगों के नाम भी लिख दिए. जबकि इनका मामले से कोई सरोकार नहीं है. ऐसे में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने दुष्कर्म मामले में एफआर पेश करने से जुड़े मामले में जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सागर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा (stayed the registration of FIR against the ASP) दी है. वहीं, अदालत ने परिवादिया को कहा है कि वह चाहे तो मामले में सीआरपीसी की धारा 200 और 202 के तहत कार्रवाई जारी रखने के लिए निचली अदालत को निवेदन कर सकती हैं. अदालत ने यह आदेश मामले में सुरेंद्र सागर व राज्य सरकार की अपील लर सुनवाई करते हुए दिए.

राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक लियाकत अली ने अदालत को बताया की मामले में पीड़िता की ओर से दुष्कर्म को लेकर रींगस थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें जांच बदलकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सागर के पास आई थी. सुरेंद्र सागर ने मामले में एफआर पेश कर दी थी. इस पर परिवादिया ने परिवाद पेश कर सुरेंद्र सागर व अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि परिवाद में परिवादिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधायक महादेव सिंह खंडेला सहित अन्य लोगों के नाम भी लिख दिए. जबकि इनका मामले से कोई सरोकार नहीं है. ऐसे में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए.

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