जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी, जयपुर में राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड लर्निंग डीम्ड यूनिवर्सिटी और राजीव गांधी सेन्टर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी संस्थाओं की स्थापना के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने इन तीन संस्थाओं के गठन के क्रम में विभिन्न क्षेत्रों के सलाहकारों (कंसल्टेंट) की सेवाएं लेने के लिए 8 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान का अनुमोदन किया है.
बता दें, गहलोत ने प्रदेश के युवाओं को आर्थिक, वित्तीय, डिजिटल और तकनीकी विषयों के आधुनिकतम ज्ञान का अध्ययन करवाने और इन क्षेत्रों में नई पीढ़ी के कौशल विकास के उद्देश्य से राज्य बजट 2021-22 में इन संस्थाओं की स्थापना करने की घोषणा की थी. इस संबंध में प्रस्तावित संस्थाओं के प्रशासनिक विभाग सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग ने संस्थाओं के गठन के लिए संविदा आधार पर सलाहकारों की सेवाएं लेने का प्रस्ताव दिया है. यह सलाहकार समिति उक्त तीनों बजट घोषणाओं की समयबद्ध क्रियान्विति सुनिश्चित करने के लिए विभाग को परामर्श देगी.
आरटीडीसी कार्मिकों के बकाया वेतन आदि भुगतान के लिए 8 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण स्वीकृत
राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के कार्मिकों के जनवरी से मई 2021 की अवधि के बकाया वेतन आदि का जल्द ही भुगतान किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में पर्यटन कार्मिकों को राहत देने के दृष्टिगत वेतन आदि बकाया के भुगतान के लिए निगम को 8 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
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वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, कोविड-19 महामारी और आवागमन पर प्रतिबंधों के कारण आरटीडीसी की पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां संचालित नहीं होने के चलते निगम कार्मिकों के वेतन सहित अन्य भुगतान कई माह से लंबित हैं. ऐसे में कर्मचारियों की विषम आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने निगम को वेतन सहित अन्य बकाया भुगतान के लिए यह ऋण राशि देने का संवेदनशील निर्णय लिया है.
जेलों में सुरक्षा उपकरण और एम्बुलेंस खरीद के लिए 7 करोड़ 29 लाख के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कारागृहों (जेलों) और उच्च सुरक्षा कारागार, अजमेर के लिए सुरक्षा उपकरणों और एम्बुलेंस खरीद के लिए 7 करोड़ 29 लाख 36 हजार रुपये के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दे दी है. इस संबंध में जेल विभाग की ओर से प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था. मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के बजट में प्रदेश की जेलों में बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने और जिला कारागृहों में नॉन लिनियर जंक्शन डिक्टेक्टर जैसे सुरक्षा उपकरण और एम्बुलेंस उपलब्ध कराने और उच्च सुरक्षा कारागार, अजमेर के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण कार्यों के संबंध में घोषणा की थी.