जयपुर. 3 मई 2008 के सिलसिलेवार 8 बम धमाकों से लेकर 20 दिसंबर 2019 न्याय के फैसले तक एक ऐसा पुलिस अधिकारी है, जो इस पल का खास गवाह बना है. नाम है बजरंग सिंह शेखावत. उस समय परकोटे के सदर पुलिस थाने के सीओ और आज एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने भी बम ब्लास्ट के चारों गुनहगारों को फांसी देने के फैसले का स्वागत किया है और खुशी जाहिर की है.
एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने कहा, कि में सदर सीओ के पद पर कार्यरत था और जालूपुरा थाने में बैठे हुए थे. तो उसी समय कुछ पटाखों जलने जैसी आवाज आई. तो उसके बाद बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की तरफ दौड़े. साथ ही मौके पर जाब्ता भी लगाया और तलाश की. क्योंकि कोई संदिग्ध हो सकते हैं. फिर उसके बाद घटनास्थल पर जाकर वहां का मंजर देखा. उसके बाद एटीएस में भी ये ट्रायल चल रही थी और आज जब मेरे सामने निर्णय आया है, जो बड़ा ही सुखद है.
साथ ही उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने इस पीड़ा को सहा है और इस दुखत घटना से गुजरे हैं. उन लोगों के लिए भी सुखद पल है. क्योंकि पीड़ा देने वाले गुनहगारों को फांसी की सजा हुई है. तो वहीं 5 आरोपियों में से चार को फांसी और एक अन्य शहबाज के बरी होने में कमजोर पैरवी और सबूत के सवाल पर उन्होंने कहा, कि वो बरी हुआ है. लेकिन अभी फाइनल बरी नहीं हुआ है. बरी हुआ है, तो हो सकता है न्यायिक एजेंसियां, पुलिस या पुलिस से जुड़ी एजेंसियां फिर से विचार करेंगी और उस निर्णय के बाद में उसकी अपील हो और उसको भी इस तरफ की सजा हो.
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वही एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने 13 मई 2008 के मंगलवार शाम के 7 बजकर 30 मिनट पर हुए उन दर्दनाक पलों के बारे में कहा, कि वो पल बड़े दुखत थे. लेकिन आज बड़ा खुशी का विषय है कि चार को फांसी हुई है. इससे जो पीड़ित परिवार है और जो जांच एजेंसियां हैं, उनके लिए भी सुखद और खुशी का पल है.