ETV Bharat / city

जयपुर बम धमाकों से लेकर फैसले तक के पलों का गवाह बने ADCP बजरंग सिंह शेखावत

हमले से लेकर न्याय के फैसले तक का गवाह बनने वाले एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह ने जयपुर बम ब्लास्ट के चारों गुनहगारों को फांसी देने पर खुशी जताई है. तब वो सदर सीओ थे और आज वो एडिशनल डीसीपी है.

author img

By

Published : Dec 21, 2019, 7:57 AM IST

jaipur news, bomb blasts, जयपुर समाचार, फैसला
जयपुर बम ब्लास्ट के शुरू से अंतिम तक के गवाह एडीसीपी बजरंग सिंह शेखावत

जयपुर. 3 मई 2008 के सिलसिलेवार 8 बम धमाकों से लेकर 20 दिसंबर 2019 न्याय के फैसले तक एक ऐसा पुलिस अधिकारी है, जो इस पल का खास गवाह बना है. नाम है बजरंग सिंह शेखावत. उस समय परकोटे के सदर पुलिस थाने के सीओ और आज एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने भी बम ब्लास्ट के चारों गुनहगारों को फांसी देने के फैसले का स्वागत किया है और खुशी जाहिर की है.

जयपुर बम ब्लास्ट के शुरू से अंतिम तक के गवाह एडीसीपी बजरंग सिंह शेखावत

एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने कहा, कि में सदर सीओ के पद पर कार्यरत था और जालूपुरा थाने में बैठे हुए थे. तो उसी समय कुछ पटाखों जलने जैसी आवाज आई. तो उसके बाद बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की तरफ दौड़े. साथ ही मौके पर जाब्ता भी लगाया और तलाश की. क्योंकि कोई संदिग्ध हो सकते हैं. फिर उसके बाद घटनास्थल पर जाकर वहां का मंजर देखा. उसके बाद एटीएस में भी ये ट्रायल चल रही थी और आज जब मेरे सामने निर्णय आया है, जो बड़ा ही सुखद है.

साथ ही उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने इस पीड़ा को सहा है और इस दुखत घटना से गुजरे हैं. उन लोगों के लिए भी सुखद पल है. क्योंकि पीड़ा देने वाले गुनहगारों को फांसी की सजा हुई है. तो वहीं 5 आरोपियों में से चार को फांसी और एक अन्य शहबाज के बरी होने में कमजोर पैरवी और सबूत के सवाल पर उन्होंने कहा, कि वो बरी हुआ है. लेकिन अभी फाइनल बरी नहीं हुआ है. बरी हुआ है, तो हो सकता है न्यायिक एजेंसियां, पुलिस या पुलिस से जुड़ी एजेंसियां फिर से विचार करेंगी और उस निर्णय के बाद में उसकी अपील हो और उसको भी इस तरफ की सजा हो.

यह भी पढ़ें- जयपुर ब्लास्ट मामले का फैसला दबाव में दिया गया, HC में देंगे चुनौती: बचाव पक्ष के वकील

वही एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने 13 मई 2008 के मंगलवार शाम के 7 बजकर 30 मिनट पर हुए उन दर्दनाक पलों के बारे में कहा, कि वो पल बड़े दुखत थे. लेकिन आज बड़ा खुशी का विषय है कि चार को फांसी हुई है. इससे जो पीड़ित परिवार है और जो जांच एजेंसियां हैं, उनके लिए भी सुखद और खुशी का पल है.

जयपुर. 3 मई 2008 के सिलसिलेवार 8 बम धमाकों से लेकर 20 दिसंबर 2019 न्याय के फैसले तक एक ऐसा पुलिस अधिकारी है, जो इस पल का खास गवाह बना है. नाम है बजरंग सिंह शेखावत. उस समय परकोटे के सदर पुलिस थाने के सीओ और आज एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने भी बम ब्लास्ट के चारों गुनहगारों को फांसी देने के फैसले का स्वागत किया है और खुशी जाहिर की है.

जयपुर बम ब्लास्ट के शुरू से अंतिम तक के गवाह एडीसीपी बजरंग सिंह शेखावत

एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने कहा, कि में सदर सीओ के पद पर कार्यरत था और जालूपुरा थाने में बैठे हुए थे. तो उसी समय कुछ पटाखों जलने जैसी आवाज आई. तो उसके बाद बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की तरफ दौड़े. साथ ही मौके पर जाब्ता भी लगाया और तलाश की. क्योंकि कोई संदिग्ध हो सकते हैं. फिर उसके बाद घटनास्थल पर जाकर वहां का मंजर देखा. उसके बाद एटीएस में भी ये ट्रायल चल रही थी और आज जब मेरे सामने निर्णय आया है, जो बड़ा ही सुखद है.

साथ ही उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने इस पीड़ा को सहा है और इस दुखत घटना से गुजरे हैं. उन लोगों के लिए भी सुखद पल है. क्योंकि पीड़ा देने वाले गुनहगारों को फांसी की सजा हुई है. तो वहीं 5 आरोपियों में से चार को फांसी और एक अन्य शहबाज के बरी होने में कमजोर पैरवी और सबूत के सवाल पर उन्होंने कहा, कि वो बरी हुआ है. लेकिन अभी फाइनल बरी नहीं हुआ है. बरी हुआ है, तो हो सकता है न्यायिक एजेंसियां, पुलिस या पुलिस से जुड़ी एजेंसियां फिर से विचार करेंगी और उस निर्णय के बाद में उसकी अपील हो और उसको भी इस तरफ की सजा हो.

यह भी पढ़ें- जयपुर ब्लास्ट मामले का फैसला दबाव में दिया गया, HC में देंगे चुनौती: बचाव पक्ष के वकील

वही एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने 13 मई 2008 के मंगलवार शाम के 7 बजकर 30 मिनट पर हुए उन दर्दनाक पलों के बारे में कहा, कि वो पल बड़े दुखत थे. लेकिन आज बड़ा खुशी का विषय है कि चार को फांसी हुई है. इससे जो पीड़ित परिवार है और जो जांच एजेंसियां हैं, उनके लिए भी सुखद और खुशी का पल है.

Intro:हमले से लेकर न्याय के फैसले तक दृश्य का गवाह बनने वाले एडिशनल DCP बजरंग सिंह ने जयपुर बम ब्लास्ट के चारों गुनहगारों को फांसी देने पर खुशी जताई है. तब वो सदर सीओ थे और आज एडिशनल DCP.


Body:जयपुर. 13 मई 2008 के सिलसिलेवार 8 बम धमाकों से लेकर 20 दिसंबर 2019 न्याय के फैसले तक एक ऐसा पुलिस अधिकारी है जो इस पल का खास गवाह बना. नाम है बजरंग सिंह शेखावत. उस समय परकोटे के सदर पुलिस थाने के सीओ और आज एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत. उन्होंने भी बम ब्लास्ट के चारों गुनहगारों को फांसी देने के फैसले का स्वागत किया है और खुशी जाहिर की. साथ ही उस समय के जख्मी मंजरों की दासता सुनाई.

एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने कहा, कि में सदर सीओ के पद पर कार्यरत था और जालूपुरा थाने में बैठे हुए थे. तो उसी समय कुछ पटाखों जलने जैसी आवाज आई. तो उसके बाद बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की तरफ दौड़े. साथ ही मौके पर जाब्ता भी लगाया और तलाश की. क्योंकि कोई संदिग्ध हो सकते है. फिर उसके बाद घटनास्थल पर जाकर वहां का मंजर देखा. उसके बाद एटीएस में भी रह सब ये ट्रायल चल रही थी. और आज जब मेरे सामने निर्णय आया है जो बड़ा ही सुखद है.

साथ ही उन्होंने कहा, की जिन परिवारों ने इस पीड़ा को सहा है और इस दुखत घटना से गुजरे है उन लोगो के लिए भी सुखद पल है. क्योंकि पीड़ा देने वाले गुनहगारों को फांसी की सजा हुई है. तो वही 5 आरोपियों में से चार को फांसी और एक अन्य शहबाज के बरी होने में कमजोर पैरवी व सबूत के सवाल पर उन्होंने कहा, कि वो बरी हुआ है. लेकिन अभी फाइनल बरी नहीं हुआ है. बरी हुआ है तो हो सकता है न्यायिक एजेंसियां, पुलिस या पुलिस से जुड़ी एजेंसियां वापिस विचार करेंगी और उस निर्णय के बाद में उसकी अपील हो और उसको भी इस तरफ की सजा हो.

वही एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने 13 मई 2008 के मंगलवार शाम के 7.30 बजे के उन दर्दनाक पलों के बारे में कहा, कि वो पल बड़े दुखत थे. लेकिन आज बड़ा खुशी का विषय है कि चार को फांसी हुई है. इससे जो पीड़ित परिवार है और जो जांच एजेंसीयां है उनके लिए भी सुखद और खुशी का पल है.

बाइट- बजरंग सिंह शेखावत, एडिशनल DCP


Conclusion:...
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.