जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को रियायती दरों पर आवंटित की गई भूमि के भौतिक सत्यापन में उपयोग भिन्न प्रयोजन में होने की स्थिति में आवंटन निरस्त करने के संबंध में एक बार फिर आदेश जारी किए हैं. इस बार विभाग ने ऐसे प्रकरणों की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों की ओर से नहीं दिए जाने की स्थिति में उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
रियायती दर पर संस्थाओं को जमीन आवंटन और उनके उपयोग के मामले में स्वायत्त शासन विभाग ने सभी निकायों को निर्देश जारी किए थे. इस तरह के प्रकरणों का भौतिक सत्यापन कर 15 दिनों में पूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे. जिसके तहत आवंटन शर्तों की पालना नहीं होने की स्थिति में आवंटन निरस्त कर अगले 3 दिन में भूमि पर भौतिक कब्जा लेने के आदेश जारी किए थे.
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इस संबंध में 4 दिसंबर, 16 दिसंबर और 26 दिसंबर 2020 को आदेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया था. बावजूद इसके निकाय की ओर से कार्रवाई से अवगत नहीं कराया गया. ऐसे में अब स्वायत्त शासन विभाग ने कार्रवाई के लिए दोबारा निर्देशित किया है. इस बार आदेशों में अधिकारियों को चेतावनी देते हुए लिखा है कि यदि ऐसे प्रकरणों की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों की ओर से नहीं दी जाती है, तो उनके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि रियायती दर पर भूमि आवंटन के प्रकरणों में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बीते वर्ष 1 जून को सभी नगरीय निकायों से रियायती दर पर संस्थाओं के आवंटन के प्रकरणों की जानकारी मांगी थी. प्रदेश के विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और पालिकाओं ने 1897 प्रकरणों की सूची राज्य सरकार को भेजी थी. जिसके आधार पर मंत्री धारीवाल ने इन जमीनों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए थे और आवंटन की शर्तों का मौके पर पालन नहीं होने की स्थिति में आवंटन को निरस्त करने के निर्देश जारी किए थे.