जयपुर. सहकारी भूमि विकास बैंकों के सुदृढीकरण के लिए एक्शन प्लान बनाकर नाबार्ड (National Bank for Agriculture and Rural Development) को भेजा जाएगा. जिससे किसानों को कृषि ऋण और अन्य ऋणों की सुविधा बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जा सके. गुरुवार को शासन सचिवालय में एसएलडीबी और पीएलडीबी के लिए टर्न-अराउन्ड-प्लान को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए सहकारिता व कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने ये बात कही (meeting in government secretariat Rajasthan).
बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि नाबार्ड को जाने वाले एक्शन प्लान में ओटीएस स्कीम, अल्पकालीन पुनर्वित्त, विशेष तरलता सुविधा सहित अन्य बिंदुओं का समावेश कर तीन दिन के भीतर राज्य सरकार के प्रशासनिक अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेजें. प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि किसानों के हितों के संरक्षण के लिए नई योजनाएं तैयार की जाएं. किसान की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ओटीएस स्कीम और अन्य ब्याज अनुदान की योजनाओं पर जोर दिया जाए.
बैठक में रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के लिए लाई गई ऋणमाफी योजना से करीब 29 हजार किसानों के लगभग 294 करोड़ के ऋण माफ हुए हैं. 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना से प्रतिवर्ष करीब 25 करोड़ रूपए का अनुदान किसानों को मिल रहा है. इस योजना से 5 प्रतिशत पर कृषि ऋण उपलब्ध हो रहा है.
इस दौरान एसएलडीबी के प्रबंध निदेशक विजय शर्मा ने बैंकों के टर्न-अराउन्ड-प्लान के बारे में प्रजेन्टेशन दिया. बैठक में संयुक्त शासन सचिव सहकारिता नारायण सिंह, अतिरिक्त रजिस्ट्रार मार्केटिंग धनसिंह देवल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.