जयपुर. सौम्या गुर्जर को महापौर पद से निलंबित करने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाली वार्ड 60 की बीजेपी पार्षद शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाया गया था. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 50(1) के प्रावधानों के दृष्टिगत अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला को ही महापौर कार्यभार सौंपा जाना विधि सम्मत था.
ग्रेटर निगम में राजनीतिक दल के बहुमत को मद्देनजर रखते हुए शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर का पद सौंपा गया था. कार्यभार की अवधि 5 अक्टूबर को पूरी हो जा रही थी. ऐसे में धारा 50(1) के प्रावधानों में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्यभार अवधि को 60 दिन बढ़ाया गया है. हालांकि आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अन्य आदेश या 60 दिन जो भी पहले हो तक कार्यभार अवधि बढ़ाई गई है.
बता दें कि ग्रेटर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में 6 जून को महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित किया था. इसके बाद कार्यवाहक महापौर के रूप में शील धाभाई को जिम्मेदारी दी गई थी.
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क्योंकि अभी निलंबित महापौर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की हुई है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 26 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. ऐसे में फैसला नहीं होने तक चुनाव नहीं हो सकते. जिसके चलते कार्यवाहक महापौर के कार्यकाल को एक्सटेंड किया गया है.