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अधिकारी बकाया कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा कराने में व्यक्तिगत रूचि लेंः एसीएस सुधांश पंत

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Published : May 22, 2021, 7:54 PM IST

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने शनिवार को प्रदेश में वृहद पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा की. पंत ने कहा कि राज्य सरकार मेजर प्रोजेक्ट्स के लम्बित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने पर फोकस कर रही है. अधिकारियों की कार्यकुशलता और समयबद्ध मॉनिटरिंग से इनके कार्यों में अनावश्यक विलम्ब को रोका जा सकता है.

एसीएस सुधांश पंत, Rajasthan Water Supply Department
एसीएस सुधांश पंत

जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 'टाइम ओवर रन' प्रोजेक्ट्स में नए सिरे से निर्धारित टाइमलाइन में कार्यों को पूरा कराने के लिए व्यक्तिगत रूचि लें. उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं के माध्यम से लोगों को समय पर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी और अधिक सक्रियता से पूर्ण 'ओनरशिप' लेकर गम्भीरता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें.

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कार्यों में ज्यादातर ऐसे इश्यूज होते हैं, जिनका स्थानीय स्तर पर समन्वय और व्यक्तिगत रूप से फॉलो-अप करते हुए निराकरण किया जा सकता है. एसीएस ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स में अधिकारी 'वाटर रिजर्वेशन' के मुद्दे पर भी पूरा ध्यान दें. अगर किसी प्रोजेक्ट में जल आरक्षण को लेकर राज्य स्तर से किसी प्रकार के समन्वय की आवश्यकता हो तो प्रकरणवार प्रस्ताव तैयार कर भेजें, उनको आगामी दिनों में जल संसाधन विभाग के साथ आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय समन्वय बैठक में रखा जाएगा. उन्होंने वृहद पेयजल परियोजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अंतरविभागीय मुद्दों के समाधान के लिए भी अधिकारियों को सतत प्रयास करने के निर्देश दिए.

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उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मेजर प्रोजेक्ट्स में कार्य शुरू होने, पूर्णता की मूल तिथि, पुनर्निर्धारित तिथि और वर्तमान स्थिति के बारे में चार्ट तैयार करें, इसके आधार पर राज्य स्तर से प्रति महीने बैठक आयोजित करते हुए समीक्षा की जाएगी. पंत ने विभाग की राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट विंग के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदेश में मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य कर रही फर्मों के प्रबंधन के साथ राज्य की सभी परियोजनाओं में उनकी भागीदारी के आधार पर प्रगति और शेष कार्यों के बारे में चर्चा करें. इसके जरिए क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने की पहल की जाए. देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स में पूर्णता के लिए तय नई समयावधि में कार्य पूरा करने में फर्मों की लापरवाही या शिथिलता पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाए. अगर किसी प्रोजेक्ट में कार्यकारी एजेंसी बार-बार रिवाइज्ड टाइमलाइन के भीतर भी कार्य पूर्ण नहीं कर पा रही है और स्थानीय स्तर पर समन्वय के बाद भी कोई हल नहीं निकल रहा हो तो ऐसे प्रकरण पूर्ण विवरण सहित राज्य स्तर पर प्रस्तुत करें.

जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 'टाइम ओवर रन' प्रोजेक्ट्स में नए सिरे से निर्धारित टाइमलाइन में कार्यों को पूरा कराने के लिए व्यक्तिगत रूचि लें. उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं के माध्यम से लोगों को समय पर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी और अधिक सक्रियता से पूर्ण 'ओनरशिप' लेकर गम्भीरता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें.

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कार्यों में ज्यादातर ऐसे इश्यूज होते हैं, जिनका स्थानीय स्तर पर समन्वय और व्यक्तिगत रूप से फॉलो-अप करते हुए निराकरण किया जा सकता है. एसीएस ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स में अधिकारी 'वाटर रिजर्वेशन' के मुद्दे पर भी पूरा ध्यान दें. अगर किसी प्रोजेक्ट में जल आरक्षण को लेकर राज्य स्तर से किसी प्रकार के समन्वय की आवश्यकता हो तो प्रकरणवार प्रस्ताव तैयार कर भेजें, उनको आगामी दिनों में जल संसाधन विभाग के साथ आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय समन्वय बैठक में रखा जाएगा. उन्होंने वृहद पेयजल परियोजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अंतरविभागीय मुद्दों के समाधान के लिए भी अधिकारियों को सतत प्रयास करने के निर्देश दिए.

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उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मेजर प्रोजेक्ट्स में कार्य शुरू होने, पूर्णता की मूल तिथि, पुनर्निर्धारित तिथि और वर्तमान स्थिति के बारे में चार्ट तैयार करें, इसके आधार पर राज्य स्तर से प्रति महीने बैठक आयोजित करते हुए समीक्षा की जाएगी. पंत ने विभाग की राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट विंग के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदेश में मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य कर रही फर्मों के प्रबंधन के साथ राज्य की सभी परियोजनाओं में उनकी भागीदारी के आधार पर प्रगति और शेष कार्यों के बारे में चर्चा करें. इसके जरिए क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने की पहल की जाए. देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स में पूर्णता के लिए तय नई समयावधि में कार्य पूरा करने में फर्मों की लापरवाही या शिथिलता पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाए. अगर किसी प्रोजेक्ट में कार्यकारी एजेंसी बार-बार रिवाइज्ड टाइमलाइन के भीतर भी कार्य पूर्ण नहीं कर पा रही है और स्थानीय स्तर पर समन्वय के बाद भी कोई हल नहीं निकल रहा हो तो ऐसे प्रकरण पूर्ण विवरण सहित राज्य स्तर पर प्रस्तुत करें.

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