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ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 2 IAS में विवाद, ACS ने सीज किए विशिष्ट सचिव के अधिकार

राजस्थान में दो IAS के बीच टकराव की खबरें सामने आ रही हैं. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के एसीएस राजेश्वर सिंह ने एक आदेश निकालते हुए अपने ही विभाग की विशिष्ट सचिव और निदेशक आरुषि मलिक के अधिकार सीज कर दिए हैं.

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Published : May 8, 2020, 10:41 AM IST

राजस्थान ग्रामीण विकास पंचायती राज, jaipur news
आदेश जारी कर आरुषि मलिक के सारे अधिकार किए सीज

जयपुर. एसीएस राजेश्वर सिंह ने विशिष्ट सचिव आरूषी मलिक के सारे अधिकार वापस ले लिए हैं. इसको लेकर आदेश भी निकाला गया है. आदेश में साफ लिखा है कि सभी योजनाओं को लेकर विशेष शासन सचिव एवं निदेशक कोई बैठक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं आयोजित करेगा, ना ही किसी बैठक में भाग ले पाएंगी. साथ ही उच्च अधिकारियों एवं अधीनस्थ अधिकारियों से कोई पत्र व्यवहार भी नहीं किया जाएगा.

राजस्थान ग्रामीण विकास पंचायती राज, jaipur news
ACS द्वारा जारी की गई आदेश कॉपी

राजस्थान में आईएएस अधिकारियों के बीच टकराव की की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. कुछ समय पहले एसीएस हेल्थ रोहित कुमार सिंह और एसीएस होम राजीव स्वरूप के टकराव को लेकर चर्चाएं हुई थी. अब एक बार फिर दो आईएएस के टकराव की खबरें सामने आ रही है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के एसीएस राजेश्वर सिंह ने एक आदेश निकालते हुए अपने ही विभाग की विशिष्ट सचिव और निदेशक आरुषि मलिक के अधिकार सीज कर दिए हैं. इसके लिए विभाग ने आदेश तक निकाल दिया है. जिस पर एसीएस राजेश्वर सिंह के हस्ताक्षर है. इस आदेश में यह लिखा है कि विभाग में पत्रावली या संबंधित शासन उप सचिव के द्वारा शासन सचिव को प्रस्तुत किए जाने का प्रावधान है और विभाग में वर्तमान में शासन सचिव पदस्थापित नहीं है. जिसके कारण कामचलाऊ व्यवस्था के अंतर्गत सभी पत्रावलियां विशिष्ट शासन सचिव एवं निदेशक के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही है.

राजस्थान ग्रामीण विकास पंचायती राज, jaipur news
आदेश जारी कर आरुषि मलिक के सारे अधिकार किए सीज

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जिसका परिणाम पूरी तरीके से असंतोषजनक है और विशेषकर विभिन्न केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग की स्थिति अत्यंत सोचनीय है. इस पत्र में स्थितियां संतोषजनक बताते हुए इसके पीछे जो कारण बताए हैं, उन में लिखा गया है कि योजनाओं से संबंधित पत्रावलियों का लंबे समय तक विशेष शासन सचिव एवं निदेशक के पास लंबित रहना और अनिर्णय की स्थिति पत्रावली पर की गई है. जिसमें क्वेरी का जवाब नहीं देना, कार्यालय एवं फोन पर अधिकांश समय अनुपलब्ध रहना, उच्चाधिकारियों और अधीनस्थों के साथ दुर्व्यवहार करना इसके पीछे प्रमुख कारण हैं.

विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन एवं समुचित लक्ष्य अर्जित को सुनिश्चित करने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि सभी केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं और FFC, SFCP, PRI, भवन निर्माण, अंबेडकर भवन निर्माण, किसान सेवा केंद्र निर्माण, जनता जल योजना, राजीव गांधी सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत विकास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना, विलेज मास्टर प्लान डिसेंट्रलाइज्ड पार्टिसिपेटरी प्लानिंग, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, स्वामित्व योजना समेत अन्य समस्त केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं की पत्रावली संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा विशेष शासन सचिव एवं निदेशक के माध्यम से प्रस्तुत नहीं की जा कर सीधे प्रस्तुत की जाएगी. जिससे योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके.

यह भी पढे़ं. जोधपुर में Corona फैलना गहलोत सरकार की विफलता, शराब की दुकानें भी नहीं खुलनी चाहिए थी: गजेंद्र शेखावत

सभी योजनाओं को लेकर विशेष शासन सचिव एवं निदेशक कोई बैठक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं आयोजित करेगा, ना ही किसी बैठक में भाग लिया जाएगा. साथ ही ना उच्च अधिकारियों एवं अधीनस्थ अधिकारियों से कोई पत्र व्यवहार किया जाएगा. यह आदेश तत्काल रुप से लागू कर दिए गए हैं. इन आदेशों से साफ है कि अब इस विभाग की विशिष्ट सचिव आरुषि मलिक ना तो कोई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकेगी, ना ही विभाग के इन विषयों को लेकर उनके पास कोई हस्ताक्षर करने का अधिकार होगा. दरअसल, कहा जा रहा है कि 17 अप्रैल को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विभाग के कामों पर नाराजगी जताई थी और उसमें भी यही बातें निकल कर सामने आई थी.

जयपुर. एसीएस राजेश्वर सिंह ने विशिष्ट सचिव आरूषी मलिक के सारे अधिकार वापस ले लिए हैं. इसको लेकर आदेश भी निकाला गया है. आदेश में साफ लिखा है कि सभी योजनाओं को लेकर विशेष शासन सचिव एवं निदेशक कोई बैठक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं आयोजित करेगा, ना ही किसी बैठक में भाग ले पाएंगी. साथ ही उच्च अधिकारियों एवं अधीनस्थ अधिकारियों से कोई पत्र व्यवहार भी नहीं किया जाएगा.

राजस्थान ग्रामीण विकास पंचायती राज, jaipur news
ACS द्वारा जारी की गई आदेश कॉपी

राजस्थान में आईएएस अधिकारियों के बीच टकराव की की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. कुछ समय पहले एसीएस हेल्थ रोहित कुमार सिंह और एसीएस होम राजीव स्वरूप के टकराव को लेकर चर्चाएं हुई थी. अब एक बार फिर दो आईएएस के टकराव की खबरें सामने आ रही है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के एसीएस राजेश्वर सिंह ने एक आदेश निकालते हुए अपने ही विभाग की विशिष्ट सचिव और निदेशक आरुषि मलिक के अधिकार सीज कर दिए हैं. इसके लिए विभाग ने आदेश तक निकाल दिया है. जिस पर एसीएस राजेश्वर सिंह के हस्ताक्षर है. इस आदेश में यह लिखा है कि विभाग में पत्रावली या संबंधित शासन उप सचिव के द्वारा शासन सचिव को प्रस्तुत किए जाने का प्रावधान है और विभाग में वर्तमान में शासन सचिव पदस्थापित नहीं है. जिसके कारण कामचलाऊ व्यवस्था के अंतर्गत सभी पत्रावलियां विशिष्ट शासन सचिव एवं निदेशक के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही है.

राजस्थान ग्रामीण विकास पंचायती राज, jaipur news
आदेश जारी कर आरुषि मलिक के सारे अधिकार किए सीज

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जिसका परिणाम पूरी तरीके से असंतोषजनक है और विशेषकर विभिन्न केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग की स्थिति अत्यंत सोचनीय है. इस पत्र में स्थितियां संतोषजनक बताते हुए इसके पीछे जो कारण बताए हैं, उन में लिखा गया है कि योजनाओं से संबंधित पत्रावलियों का लंबे समय तक विशेष शासन सचिव एवं निदेशक के पास लंबित रहना और अनिर्णय की स्थिति पत्रावली पर की गई है. जिसमें क्वेरी का जवाब नहीं देना, कार्यालय एवं फोन पर अधिकांश समय अनुपलब्ध रहना, उच्चाधिकारियों और अधीनस्थों के साथ दुर्व्यवहार करना इसके पीछे प्रमुख कारण हैं.

विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन एवं समुचित लक्ष्य अर्जित को सुनिश्चित करने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि सभी केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं और FFC, SFCP, PRI, भवन निर्माण, अंबेडकर भवन निर्माण, किसान सेवा केंद्र निर्माण, जनता जल योजना, राजीव गांधी सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत विकास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना, विलेज मास्टर प्लान डिसेंट्रलाइज्ड पार्टिसिपेटरी प्लानिंग, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, स्वामित्व योजना समेत अन्य समस्त केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं की पत्रावली संबंधित प्रभारी अधिकारी द्वारा विशेष शासन सचिव एवं निदेशक के माध्यम से प्रस्तुत नहीं की जा कर सीधे प्रस्तुत की जाएगी. जिससे योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके.

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सभी योजनाओं को लेकर विशेष शासन सचिव एवं निदेशक कोई बैठक और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं आयोजित करेगा, ना ही किसी बैठक में भाग लिया जाएगा. साथ ही ना उच्च अधिकारियों एवं अधीनस्थ अधिकारियों से कोई पत्र व्यवहार किया जाएगा. यह आदेश तत्काल रुप से लागू कर दिए गए हैं. इन आदेशों से साफ है कि अब इस विभाग की विशिष्ट सचिव आरुषि मलिक ना तो कोई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकेगी, ना ही विभाग के इन विषयों को लेकर उनके पास कोई हस्ताक्षर करने का अधिकार होगा. दरअसल, कहा जा रहा है कि 17 अप्रैल को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विभाग के कामों पर नाराजगी जताई थी और उसमें भी यही बातें निकल कर सामने आई थी.

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