जयपुर. एसीएस खान और पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खान विभाग के फील्ड अधिकारियों से रूबरू हुए. इस दौरान डॉ. अग्रवाल ने रॉयल्टी ठेकों से सरकार के राजस्व को बढ़ाने और बजरी के अवैध निर्गमन और अवैध खनन पर रोक की प्रभावी कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने 1037 करोड़ के 106 रॉयल्टी ठेकों की नीलामी प्रक्रिया से पुराने प्रतिभागियों के साथ ही नए प्रतिभागियों को प्रोत्साहित कर आगे लाने के निर्देश दिए, ताकि ठेकों की नीलामी से प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त हो और अधिक राजस्व प्राप्त हो सके.
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डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जून महीने से ही प्रदेश में गत साल की इन्हीं महीनों की अपेक्षा अधिक राजस्व प्राप्त होने लगा है. सितंबर 2019 में 314 करोड़ 75 लाख की तुलना में सितंबर 2020 में 390 करोड़ 27 लाख का राजस्व अर्जित किया है. कोरोना के कारण अप्रैल-मई महीने में प्रभावित राजस्व संग्रहण में अब केवल 5.94 प्रतिशत की कमी रह गई है, जिसे इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. डॉ. अग्रवाल ने एमनेस्टी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश देते हुए अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि इस योजना के दायरे में आने वाले सभी बकायेदारों से सीधे संपर्क कर योजना का लाभ बताते हुए शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार एमनेस्टी योजना में 80 करोड़ की वसूली की संभावना है.
उन्होंने कहा कि रिवेन्यू कलेक्शन सेंटर और एक्सेस रेवेन्यु सेंटरों की रवन्ना व्यवस्था को और अधिक चाक-चौबंद करने करने के उपाय किए जाएं, ताकि छीजत को रोका जा सके. अग्रवाल ने बताया कि बजरी की 74 रिप्लेनिशमेंट स्टडी करवाई जानी है, जिनमें से 27 स्टडी रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. उन्होंने रिप्लेनिशमेंट की शेष 47 स्टडी रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को स्टडी रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बजरी के अवैध निर्गमन और अवैध खनन के मामलों में एक मोटे अनुमान के अनुसार 80 प्रतिशत हिस्सेदारी बजरी के अवैध निर्गमन की है.
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उन्होंने अधिकारियों को बजरी के अवैध निर्गमन और अवैध खनन के विरुद्ध जांच और कार्रवाई करते समय जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और अन्य से आवश्यक समन्वय बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए, ताकि अवैध गतिविधियों पर ठोस कार्रवाई हो सके. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य की नई खनन नीति पर सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा गुजरात, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश और केरल की खनिज नीति का अध्ययन कर लिया गया है. अब 3 दिन में स्थानीय अधिकारियों और विशेषज्ञों से भी चर्चा करने को कहा गया है. इसी में उन्होंने एमआईएस पोर्टल, संपर्क पोर्टल, मुख्यमंत्री, खान मंत्री के निर्देशों न्यायालयों के प्रकरणों में जवाब प्रस्तुत करने सहित विचाराधीन प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाने के निर्देश दिए.