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दुष्कर्म मामले में युवक को हुई थी फांसी की सजा, अब कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को 1 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में आरोपी की फांसी की सजा को घटाते हुए आजीवन कारावास में बदल दिया है. मामला 2018 का है जब आरोपी ने एक सात साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था. वहीं यह फैसला कोर्ट ने अभियुक्त की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

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Published : Nov 7, 2019, 9:36 PM IST

जयपुर न्यूज, jaipur news

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. बता दें कि सात साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या करने के मामले में अभियुक्त कोमल लोढ़ा को मिली फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है.

अभियुक्त की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए. अपील में अधिवक्ता अजय सिंह यदुवंशी ने अदालत को बताया कि झालावाड़ के कामखेडा थाना इलाके से 27 जुलाई 2018 सात साल की बच्ची गायब हो गई थी. वहीं बाद में पुलिस को उसकी लाश खेत में मिली.

पढ़ें- जयपुर: 9 और 10 नवंबर को 4 जिलों के चुनावी दौरे पर रहेंगे सतीश पूनिया

घटना को लेकर झालावाड़ की अदालत ने अभियुक्त को अपहरण, दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य और हत्या के मामले में गत 26 सितंबर को फांसी की सजा सुनाई थी. इस आदेश के खिलाफ दायर अपील में कहा गया कि उसका नाम एफआईआर में नहीं था. इसके अलावा प्रकरण विरल से विरलतम की श्रेणी में नहीं आता है. ऐसे में उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. बता दें कि सात साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या करने के मामले में अभियुक्त कोमल लोढ़ा को मिली फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है.

अभियुक्त की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए. अपील में अधिवक्ता अजय सिंह यदुवंशी ने अदालत को बताया कि झालावाड़ के कामखेडा थाना इलाके से 27 जुलाई 2018 सात साल की बच्ची गायब हो गई थी. वहीं बाद में पुलिस को उसकी लाश खेत में मिली.

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घटना को लेकर झालावाड़ की अदालत ने अभियुक्त को अपहरण, दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य और हत्या के मामले में गत 26 सितंबर को फांसी की सजा सुनाई थी. इस आदेश के खिलाफ दायर अपील में कहा गया कि उसका नाम एफआईआर में नहीं था. इसके अलावा प्रकरण विरल से विरलतम की श्रेणी में नहीं आता है. ऐसे में उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है.

Intro:अधिवक्ता अजयसिंह यदुवंशी की बाइट

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सात साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या करने के मामले में अभियुक्त कोमल लोढ़ा को मिली फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश अभियुक्त की ओर से दायर आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:अपील में अधिवक्ता अजयसिंह यदुवंशी ने अदालत को बताया कि झालावाड के कामखेडा थाना इलाके से 27 जुलाई 2018 सात साल की बच्ची गायब हो गई थी। वहीं बाद में पुलिस को उसकी लाश खेत में मिली। घटना को लेकर झालावाड की अदालत ने अभियुक्त को अपहरण, दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य और हत्या के मामले में गत 26 सितंबर को फांसी की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ दायर अपील में कहा गया कि उसका नाम एफआईआर में नहीं था। इसके अलावा प्रकरण विरल से विरलतम की श्रेणी में नहीं आता है। ऐसे में उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है।
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