जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-2 महानगर द्वितीय ने महिला आरपीएस अधिकारी के साथ अभद्रता करने और एससी, एसटी केस के आरोपी अधिवक्ता गोवर्धन सिंह को सोमवार को एक-एक लाख रुपए के जमानत- मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए (Accused of misbehave with woman RPS got bail) हैं. अदालत ने कहा है कि आरोपी ना तो भीड़ एकत्रित करेगा और ना ही इस केस को लेकर सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट डालेगा.
जमानत अर्जी में अधिवक्ता अजयकुमार जैन ने अदालत को बताया कि वर्ष 2020 में आरोपी ने पहले महिला आरपीएस के खिलाफ रिपोर्ट दी थी. जिसमें उसने महिला आरपीएस को ओबीसी वर्ग का बताया था. इसके बाद महिला अधिकारी ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. प्रार्थी को महिला अधिकारी के एससी वर्ग का होने की जानकारी ही नहीं थी. ऐसे में मामला एससी,एसटी एक्ट का बनता ही नहीं है. वहीं सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि प्रकरण में आरोपी गोवर्धन के खिलाफ अभियोजन पक्ष के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
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सरकारी वकील ने दलील दी कि उसके विरुद्ध अन्य लोगों ने भी मामले दर्ज कराए हैं. यदि उसे जमानत दी गई तो वह उसका दुरुपयोग कर सकता है. ऐसे में उसकी जमानत अर्जी को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि सदर थाने की तत्कालीन एसीपी ने 3 अप्रैल, 2020 को गोवर्धन सिंह व अन्य के खिलाफ अभद्रता करने और आपत्तिजनक टिप्पणियां करने को लेकर मामला दर्ज कराया था. मामले में हाइकोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए गोवर्धन सिंह को गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी. वहीं गत दिनों अदालत ने इस रोक को हटा दिया था. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हाइकोर्ट परिसर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया था.