जयपुर. प्रदेश में बीते कुछ समय से कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है. इसका कारण वैक्सीन की कमी है लेकिन इसी बीच वैक्सीन को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. सीएम गहलोत ने विपक्ष के 11.5 लाख वैक्सीन डोज की बर्बाद होने के आरोप को गलत बताया था. अब राज्य सरकार केंद्र पर वैक्सीन नहीं देने का आरोप लगा रही है.
प्रदेश में तकरीबन 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लाभार्थियों को वैक्सीन (Vaccination in Rajasthan) लगाई जा चुकी है लेकिन इसी बीच वैक्सीन की बर्बादी के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. आंकड़ों की माने तो अकेले चूरू जिले में 39.7 प्रतिशत वैक्सीन बर्बाद हुई है. इसके अलावा हनुमानगढ़ में 26.40 प्रतिशत, भरतपुर में 17.13, कोटा में 16.71, चित्तौड़गढ़ में 11.81, जालोर में 9.63, सीकर में 8.83, अलवर में 8.32, धौलपुर में 7.89 और अजमेर में 6.75 प्रतिशत वैक्सीन अब तक बर्बाद हो चुकी है.
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इसी बीच वैक्सीन की कमी (shortage of vaccine in Rajasthan) और बर्बादी को लेकर राज्य और केंद्र सरकार भी आमने-सामने नजर आ रही है. राज्य सरकार का कहना है कि प्रदेश में सिर्फ 3.38 वैक्सीन की डोज बर्बाद हुई है. वहीं विपक्ष की ओर से यह आरोप भी लगाया गया है कि यह आंकड़ा 11.5 लाख से अधिक है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी थी और विपक्ष के आरोपों को गलत बताया है. प्रदेश में 18 से 44 वर्ष की आयु के लाभार्थियों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र पर वैक्सीन नहीं देने का आरोप भी लगाया है.
दरअसल इस उम्र के लोगों को सरकार अपने स्तर पर वैक्सीन खरीद कर लगा रही है लेकिन बीते कुछ समय से वैक्सीन पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं होने के चलते टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित भी हुआ है.