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महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण फैसले के विरोध में ABVP और NSUI का प्रदर्शन, पुलिस ने 37 छात्रों को लिया हिरासत में

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Published : Jul 13, 2022, 4:22 PM IST

महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के विरोध में बुधवार को एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठन ने महाराजा कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करते हुए टोंक रोड को जाम (Student organizations protest against land acquisition) कर दिया. छात्र संगठनों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की. पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग करते एबीवीपी के करीब 22 और एनएसयूआई के 15 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया.

Maharaja College Jaipur
प्रदर्शन करते छात्र संगठन

जयपुर. महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के विरोध में बुधवार को छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई ने महाराजा कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करते हुए टोंक रोड को जाम कर (Student organizations protest against land acquisition) दिया. पुलिस प्रशासन ने यहां से छात्रों को कॉलेज परिसर में खदेड़ा, तो सरकार के खिलाफ नारों के बीच छात्र संगठन आमने-सामने हो गए. इस पर पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए एबीवीपी के करीब 22 और एनएसयूआई के 15 छात्रों को हिरासत में लिया. हालांकि पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को एबीवीपी ने पक्षपात पूर्ण बताया.

आईपीडी टावर के लिए 133 ग्रिड सभी स्टेशन और सड़क को चौड़ा करने के लिए महाराजा कॉलेज के गोखले हॉस्टल की जमीन अधिग्रहण करने के विरोध के बीच, मंगलवार को यूडीएच मंत्री ने इसे जनहित का मामला बताते हुए यूनिवर्सिटी कुलपति को एक बार फिर सिंडीकेट की बैठक बुलाकर विचार करने को कहा है. हालांकि मंत्री शांति धारीवाल का यह फैसला छात्रों को रास नहीं आया. नतीजन बुधवार को दोनों प्रमुख छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई ने महाराजा कॉलेज में जयपुर विकास प्राधिकरण और राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. यहां छात्रों ने पहले महाराजा कॉलेज के बाहर मुख्य मार्ग टोंक रोड को जाम किया और फिर यहां से पुलिस की ओर से छात्रों को खदेड़ जाने के बाद कॉलेज परिसर में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान भारी संख्या में कॉलेज में पुलिस बल तैनात रहा.

छात्र संगठन के पदाधिकारियों के बयान

पढ़ें: Maharaja College Jaipur: ऐतिहासिक इमारत को संवरने का इंतजार, दरकती दीवारें बयां कर रही अनदेखी की दास्तां

प्रदर्शन के दौरान दोनों ही छात्र संगठन जमीन अधिग्रहण के फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी की. हालांकि इस दौरान एबीवीपी ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नारेबाजी की, तो एनएसयूआई और एबीवीपी के छात्र आपस मे भिड़ गए. जिनका बीच बचाव करते हुए पुलिस प्रशासन ने एबीवीपी के छात्रों को उठाते हुए पुलिस वैन में बैठाया.

एवीबीपी ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोपः एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री हुशयार मीणा ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि छात्र हितों के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ एबीवीपी लड़ाई लड़ रही थी. दूसरी तरफ एनएसयूआई आंदोलन का ढोंग कर रहे थे. पुलिस ने दोहरा रवैया अपनाते हुए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल यहां अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में न तो पुलिस का पक्षपात पूर्ण रवैया सहन किया जाएगा और न ही महाराजा कॉलेज की जमीन को अधिग्रहण करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द एबीवीपी राज्य सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी. इस दौरान छात्रों ने पुलिस प्रशासन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया. वहीं बाद में पुलिस प्रशासन ने एनएसयूआई के भी 15 छात्रों को हिरासत में लिया.

पढ़ें: जयपुर: महाराजा कॉलेज के गोखले हॉस्टल में रैगिंग की शिकायत, पुलिस ने मांगा कॉलेज प्रशासन से जवाब

महाराजा कॉलेज परिसर की 10 वर्गमीटर भूमि ली जानी है: बता दें कि आईपीडी टावर के लिए जीएसएस और सड़क के लिए महाराजा कॉलेज परिसर की 10 वर्गमीटर भूमि ली जानी है. इसमें 2000 वर्ग मीटर भूमि सब स्टेशन और शेष भूमि से 50 फीट चौड़ी सड़क को 160 फिट चौड़ा किया जाएगा. लेकिन सिंडिकेट की पिछले दिनों हुई बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हुआ. ऐसे में यूडीएच मंत्री ने कुलपति को एक बार फिर सिंडिकेट की बैठक कॉल करने के लिए कहा है. जिसके बाद इस मामले को लेकर विरोध और तेज हो गया है.

जयपुर. महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के विरोध में बुधवार को छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई ने महाराजा कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करते हुए टोंक रोड को जाम कर (Student organizations protest against land acquisition) दिया. पुलिस प्रशासन ने यहां से छात्रों को कॉलेज परिसर में खदेड़ा, तो सरकार के खिलाफ नारों के बीच छात्र संगठन आमने-सामने हो गए. इस पर पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए एबीवीपी के करीब 22 और एनएसयूआई के 15 छात्रों को हिरासत में लिया. हालांकि पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को एबीवीपी ने पक्षपात पूर्ण बताया.

आईपीडी टावर के लिए 133 ग्रिड सभी स्टेशन और सड़क को चौड़ा करने के लिए महाराजा कॉलेज के गोखले हॉस्टल की जमीन अधिग्रहण करने के विरोध के बीच, मंगलवार को यूडीएच मंत्री ने इसे जनहित का मामला बताते हुए यूनिवर्सिटी कुलपति को एक बार फिर सिंडीकेट की बैठक बुलाकर विचार करने को कहा है. हालांकि मंत्री शांति धारीवाल का यह फैसला छात्रों को रास नहीं आया. नतीजन बुधवार को दोनों प्रमुख छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई ने महाराजा कॉलेज में जयपुर विकास प्राधिकरण और राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. यहां छात्रों ने पहले महाराजा कॉलेज के बाहर मुख्य मार्ग टोंक रोड को जाम किया और फिर यहां से पुलिस की ओर से छात्रों को खदेड़ जाने के बाद कॉलेज परिसर में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान भारी संख्या में कॉलेज में पुलिस बल तैनात रहा.

छात्र संगठन के पदाधिकारियों के बयान

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प्रदर्शन के दौरान दोनों ही छात्र संगठन जमीन अधिग्रहण के फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी की. हालांकि इस दौरान एबीवीपी ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नारेबाजी की, तो एनएसयूआई और एबीवीपी के छात्र आपस मे भिड़ गए. जिनका बीच बचाव करते हुए पुलिस प्रशासन ने एबीवीपी के छात्रों को उठाते हुए पुलिस वैन में बैठाया.

एवीबीपी ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोपः एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री हुशयार मीणा ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि छात्र हितों के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ एबीवीपी लड़ाई लड़ रही थी. दूसरी तरफ एनएसयूआई आंदोलन का ढोंग कर रहे थे. पुलिस ने दोहरा रवैया अपनाते हुए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल यहां अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में न तो पुलिस का पक्षपात पूर्ण रवैया सहन किया जाएगा और न ही महाराजा कॉलेज की जमीन को अधिग्रहण करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द एबीवीपी राज्य सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी. इस दौरान छात्रों ने पुलिस प्रशासन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया. वहीं बाद में पुलिस प्रशासन ने एनएसयूआई के भी 15 छात्रों को हिरासत में लिया.

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महाराजा कॉलेज परिसर की 10 वर्गमीटर भूमि ली जानी है: बता दें कि आईपीडी टावर के लिए जीएसएस और सड़क के लिए महाराजा कॉलेज परिसर की 10 वर्गमीटर भूमि ली जानी है. इसमें 2000 वर्ग मीटर भूमि सब स्टेशन और शेष भूमि से 50 फीट चौड़ी सड़क को 160 फिट चौड़ा किया जाएगा. लेकिन सिंडिकेट की पिछले दिनों हुई बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हुआ. ऐसे में यूडीएच मंत्री ने कुलपति को एक बार फिर सिंडिकेट की बैठक कॉल करने के लिए कहा है. जिसके बाद इस मामले को लेकर विरोध और तेज हो गया है.

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