जयपुर. कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में आमजन की मदद के लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर को कोरोना वॉर रूम में तब्दील कर दिया गया है. जयपुर पुलिस की ओर से लॉकडाउन के दौरान आमजन की विभिन्न तरीकों से मदद की जा रही है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट का वॉर रूम किस तरह से 100 नंबर पर आने वाली लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निदान कर रहा है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम कोरोना वॉर रूम पहुंची.
बता दें कि लॉकडाउन के कारण 100 नंबर पर आने वाली कॉल को अटेंड करने के लिए स्टाफ की संख्या भी दोगुनी कर दी गई है. 24 घंटे राउंड द क्लॉक पुलिसकर्मी 100 नंबर पर आने वाली समस्याओं को सुनकर उन समस्याओं का निदान करने में पूरी तरह से जुटे हुए हैं. वहीं लॉकडाउन के दौरान 100 नंबर पर आने वाली कॉल की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई है.
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दोगुनी हुई 100 नंबर पर आने वाली कॉल की संख्या
वॉर रूम 100 के इंचार्ज रामधन ने बताया, कि लॉकडाउन से पहले करीब 15 से 20 हजार कॉल प्रतिदिन प्राप्त होती थी, जिसमें अधिकतर अपराध से संबंधित, किसी सड़क दुर्घटना या आगजनी से संबंधित कॉल हुआ करती थी. वहीं, वर्तमान समय में पहले की तुलना में 100 नंबर पर दोगुनी कॉल आ रही है. अब प्रतिदिन 30 से 40 हजार कॉल अटेंड की जाती है.
100 नंबर पर आने वाली कॉल से संबंधित जानकारी
- लॉकडाउन से पूर्व कॉल की संख्या- 15 से 20 हजार प्रतिदिन
- लॉकडाउन के दौरान कॉल की संख्या- 30 से 40 हजार प्रतिदिन
- लॉकडाउन से पूर्व स्टाफ की संख्या- 40
- लॉकडाउन के दौरान स्टाफ की संख्या- 80
- लॉकडाउन से पूर्व फेक कॉल की संख्या- 2 से 3 हजार प्रतिदिन
- लॉकडाउन के दौरान फेक कॉल की संख्या- 0
- राशन व अन्य आवश्यक वस्तुओं से संबंधित सहायता के लिए कॉल- 8 से 10 हजार प्रतिदिन
- मेडिकल इमरजेंसी व दवाइयों से संबंधित कॉल- 3 से 4 हजार प्रतिदिन
- सैनिटाइजेशन से संबंधित कॉल- 8 से 9 हजार प्रतिदिन
- सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित कॉल- 5 से 6 हजार प्रतिदिन
- लॉकडाउन की जानकारी से संबंधित कॉल- 7 से 8 हजार प्रतिदिन
हालांकि, प्रतिदिन एक लाख से भी अधिक कॉल डिस्प्ले होती हैं जिनमें से अधिकतर रिपीट कॉल होती हैं. 100 नंबर पर आने वाली कॉल की संख्या दोगुनी होने के कारण वॉर रूम 100 में तैनात पुलिसकर्मियों के स्टाफ की संख्या को भी पहले की तुलना में दोगुना कर दिया गया है. लॉक डाउन से पहले जहां प्रत्येक शिफ्ट में 40 पुलिसकर्मियों का स्टाफ तैनात था, तो वहीं अब इसकी संख्या को बढ़ाकर 80 कर दिया गया है.
मदद मांगने के लिए फोन नंबर पर आ रही कॉल
वॉर रूम इंचार्ज रामधन ने बताया, कि लॉकडाउन के चलते सभी लोग अपने घरों में हैं. इस कारण अभी अपराध नगण्य के बराबर है. उनका कहना है कि पहले लोग अपराध की जानकारी देने के लिए 100 नंबर पर फोन किया करते थे, तो वहीं अब लोग विभिन्न तरह की मदद मांगने के लिए फोन कर रहे हैं. जिसमें राशन की सहायता, मेडिकल हेल्प, शेल्टर होम से संबंधित सहायता, मेडिकल इमरजेंसी और सैनिटाइजेशन हेल्प आदि शामिल है.
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रामधन का कहना है कि 100 नंबर पर आने वाली प्रत्येक कॉल में बताई गई समस्या का तुरंत निदान किया जाता है. उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों और नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों को इसकी सूचना देकर मदद मांग रहे व्यक्ति की समस्या को तुरंत सुलझाया जाता है.
अब नहीं आती है फेक कॉल
100 नंबर पर पहले लोग काफी संख्या में फेक कॉल किया करते थे, जो अब पूरी तरह से बंद हो गई है. इसके साथ ही लोग अब 100 नंबर पर फोन कर उन लोगों की जानकारी पुलिस को दे रहे हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना या फिर लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन भी पुलिस की ओर से लिया जा रहा है.