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AAP on ERCP : ईआरसीपी की राजनीति में कूदी 'आम आदमी पार्टी', मिश्रा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, लगाए यह आरोप...

राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना पर चल रहे विवाद में आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई भी कूद गई है. पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने सीएम को पत्र लिख राज्य सरकार को नसीहत दी है और साथ ही केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया (AAP targets Gehlot on ERCP) है. मिश्रा का कहना है कि गहलोत इस परियोजना पर राजनीति बंद कर ठोस कदम उठाएं. उन्होंने केंद्र पर इस परियोजना को लेकर शर्तें लगाने को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है.

AAP's Vinay Mishra writes to CM Gehlot on ERCP
ईआरसीपी की राजनीति में कूदी 'आम आदमी पार्टी', मिश्रा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, लगाए यह आरोप..
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Published : Jul 7, 2022, 9:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर प्रदेश में चल रही सियासत में अब आम आदमी पार्टी भी कूद गई है. 'आप' ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सलाह दी है कि वे केंद्र की बीजेपी सरकार की तरह थोथे कागजी बयानों की राजनीति छोड़ें और परियोजना को लागू करने के लिए ठोस कदम (AAP targets Gehlot on ERCP) उठाएं. पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि 'आप' ERCP को लेकर जनता के बीच जाएगी और कांग्रेस-बीजेपी की नूरा-कुश्ती का पर्दाफाश करेगी.

मिश्रा ने पत्र में लिखा (Vinay Mishra writes to CM Gehlot) है कि यह परियोजना न केवल सीधे तौर पर प्रभावित 13 जिलों के लोगों का जीवन बदल देगी, बल्कि पूरे प्रदेश में पेयजल, सिंचाई और कृषि उत्पाद के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों को भी कई गुना बढ़ा देगी. इसको लागू करने में टालमटोल की राजनीति करना उचित नहीं है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि पूर्वी नहर परियोजना को चुनावी व राजनीतिक मुद्दा न बनाएं और इसको व्यवहारिक स्वरूप देकर लागू करें. मिश्रा ने परियोजना में देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराते हुए कहा कि मोदी सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के होते हुए भी राजस्थान के जायज कानूनी हक की रक्षा करने में पूरी तरह असफल रहे हैं.

पढ़ें: ईआरसीपी पर सियासी बवाल : भाजपा बोली CM बुलाएं सर्वदलीय बैठक, अपनी नाकामी छुपाने के लिए ना करें राजनीति...

मिश्रा ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि वो ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए शर्तें लगा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. पत्र में राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए गए हैं. मिश्रा ने कहा कि डिपेंडिबिलिटी के तकनीकी मसले पर केंद्र सरकार आपत्ति कर रही है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह केंद्र से चर्चा करके इस विवाद को समाप्त करे. सच यह है कि केंद्र सरकार की आपत्तियों पर बुलाई गई बैठकों में प्रदेश की टीम हिस्सा लेने में आनाकानी करती रही है.

पढ़ें: केन्द्र सरकार ने ERCP का काम रोकने के लिए कहा है, लेकिन हमारी सरकार ने 9,600 करोड़ का फंड जारी कर दिया है- सीएम गहलोत

पत्र में लिखा है, पूर्वी नहर परियोजना 2016-17 में वसुंधरा राजे सरकार ने घोषित की थी. इसके बाद 2018 में सरकार बदल गई और गहलोत मुख्यमंत्री बने, लेकिन तीन साल तक इस परियोजना पर कोई काम नहीं हुआ. अब चुनाव नजदीक आ गए हैं तो गहलोत ने सीधे 9500 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान कर परियोजना लागू करने की घोषणा कर दी. ना तो उन्होंने केंद्र की तकनीकी आपत्तियों को समाप्त करने पर कोई प्रयास नहीं किया, ना ही फिजिबिलिटी चेक करवाई.

पढ़ें: नहर परियोजना पर सियासत: राजस्थान के सांसद ही जल शक्ति मंत्री फिर भी ERCP को नहीं मिल रहा नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा- गहलोत

इसके अलावा डिपेंडिबिलिटी विवाद को समाप्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं करने के साथ ही पाइपलाइन, ट्रीटमेंट प्लांट और लिफ्ट प्लांट के लिए जरूरी जमीनों का ठीक से सर्वे करवाने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया है. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा तो कर दी कि राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं होती है, तो भी इस नहर परियोजना को पूरा करेंगे. लेकिन बिना ग्राउंड तैयारी के चुनाव से डेढ़ साल पहले उनकी घोषणा प्रदेश की जनता को वोट के लिए बेवकूफ बनाने के सिवाय कुछ नहीं है.

जयपुर. राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को लेकर प्रदेश में चल रही सियासत में अब आम आदमी पार्टी भी कूद गई है. 'आप' ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सलाह दी है कि वे केंद्र की बीजेपी सरकार की तरह थोथे कागजी बयानों की राजनीति छोड़ें और परियोजना को लागू करने के लिए ठोस कदम (AAP targets Gehlot on ERCP) उठाएं. पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि 'आप' ERCP को लेकर जनता के बीच जाएगी और कांग्रेस-बीजेपी की नूरा-कुश्ती का पर्दाफाश करेगी.

मिश्रा ने पत्र में लिखा (Vinay Mishra writes to CM Gehlot) है कि यह परियोजना न केवल सीधे तौर पर प्रभावित 13 जिलों के लोगों का जीवन बदल देगी, बल्कि पूरे प्रदेश में पेयजल, सिंचाई और कृषि उत्पाद के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों को भी कई गुना बढ़ा देगी. इसको लागू करने में टालमटोल की राजनीति करना उचित नहीं है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि पूर्वी नहर परियोजना को चुनावी व राजनीतिक मुद्दा न बनाएं और इसको व्यवहारिक स्वरूप देकर लागू करें. मिश्रा ने परियोजना में देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराते हुए कहा कि मोदी सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के होते हुए भी राजस्थान के जायज कानूनी हक की रक्षा करने में पूरी तरह असफल रहे हैं.

पढ़ें: ईआरसीपी पर सियासी बवाल : भाजपा बोली CM बुलाएं सर्वदलीय बैठक, अपनी नाकामी छुपाने के लिए ना करें राजनीति...

मिश्रा ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि वो ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए शर्तें लगा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. पत्र में राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए गए हैं. मिश्रा ने कहा कि डिपेंडिबिलिटी के तकनीकी मसले पर केंद्र सरकार आपत्ति कर रही है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह केंद्र से चर्चा करके इस विवाद को समाप्त करे. सच यह है कि केंद्र सरकार की आपत्तियों पर बुलाई गई बैठकों में प्रदेश की टीम हिस्सा लेने में आनाकानी करती रही है.

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पत्र में लिखा है, पूर्वी नहर परियोजना 2016-17 में वसुंधरा राजे सरकार ने घोषित की थी. इसके बाद 2018 में सरकार बदल गई और गहलोत मुख्यमंत्री बने, लेकिन तीन साल तक इस परियोजना पर कोई काम नहीं हुआ. अब चुनाव नजदीक आ गए हैं तो गहलोत ने सीधे 9500 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान कर परियोजना लागू करने की घोषणा कर दी. ना तो उन्होंने केंद्र की तकनीकी आपत्तियों को समाप्त करने पर कोई प्रयास नहीं किया, ना ही फिजिबिलिटी चेक करवाई.

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इसके अलावा डिपेंडिबिलिटी विवाद को समाप्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं करने के साथ ही पाइपलाइन, ट्रीटमेंट प्लांट और लिफ्ट प्लांट के लिए जरूरी जमीनों का ठीक से सर्वे करवाने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया है. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा तो कर दी कि राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं होती है, तो भी इस नहर परियोजना को पूरा करेंगे. लेकिन बिना ग्राउंड तैयारी के चुनाव से डेढ़ साल पहले उनकी घोषणा प्रदेश की जनता को वोट के लिए बेवकूफ बनाने के सिवाय कुछ नहीं है.

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