ETV Bharat / city

बिजली बिल माफी के लिए AAP ने लिखा CM को पत्र, BJP ने कहा-बिल वसूलना मानव अधिकार का हनन - AAP wote letter to CM Gehlot

आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिजली के बिल माफ करने की मांग की. उनका कहना है कि सरकार कम से कम लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली के बिल पूरी तरह माफ करे और बाद में दिल्ली सरकार की तर्ज पर बिजली के बिलों में राहत दे.

jaipur news, rajasthan news, hindi news
बिजली बिल माफी के लिए 'आप' ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
author img

By

Published : May 26, 2020, 10:34 PM IST

जयपुर. कोरोना संकट के समय प्रदेश में लगातार बिजली और पानी के बिल माफी की मांग उठ रही है. अब आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिजली के बिल माफ करने की मांग की है. वहीं भाजपा नेता मनीष पारीक ने लॉकडाउन की अवधि में घरेलू बिजली का बिल वसूलना मानव अधिकार का हनन बताया है. मनीष पारीक ने इस संबंध में मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को परिवाद और मुख्यमंत्री को ई-मेल पर शिकायत भेजी है.

आम आदमी पार्टी के जयपुर जिला अध्यक्ष जवाहर शर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डिस्कॉम द्वारा 31 मई के बाद भुगतान नहीं करने वालों पर पेनल्टी लगाने और बिजली का कनेक्शन काटने की चेतावनी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. साथ ही प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह कम से कम लॉकडाउन अवधि के दौरान तो बिजली के बिल पूरी तरह माफ करे और बाद में दिल्ली सरकार की तर्ज पर बिजली के बिलों में राहत दे.

जवाहर शर्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी बिजली के बिल माफ करने की मांग करती है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार है. बावजूद इसके बिजली के बिलों में कोई राहत नहीं दी जा रही. इस प्रकार की दोहरी नीति जन कल्याणकारी सरकार के लिए अच्छी नहीं है. वहीं भाजपा मीडिया पैनलिस्ट और वरिष्ठ नेता मनीष पारीक ने भी लॉकडाउन की अवधि में घरेलू बिजली का बिल वसूल करना मानव अधिकार का हनन करार दिया. पारीक ने इस संबंध में राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है. वहीं मुख्यमंत्री को ई-मेल भेज शिकायत की है.

मनीष पारीक ने कहा कि लॉकडाउन की पालना जनता ने की और अपने घरों में बंद भी रही. ऐसी स्थिति में उनका रोजगार नहीं हुआ तब सरकार को कम से कम घरेलू बिजली के बिलों में तो राहत देना ही चाहिए और उसकी वसूली नहीं करते हुए बिजली के बिल पूर्ण रूप से माफ कर देना चाहिए. पारीक ने कहा कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21 के जरिए भी सभी को गरिमामय जीवन जीने का मूलभूत अधिकार दिया गया है.

यह भी पढ़ें- हाल-ए-मौसम: Sevier heat wave की चपेट में चूरू, दिन का पारा 47 डिग्री के पार

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में विशेष रूप से इस भीषण गर्मी में बिजली मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है, लेकिन पिछले 2 माह से लगभग सभी लोग कोविड-19 के चलते अपने घरों में बंद है और रोजगार से भी वंचित हैं. ऐसे में राज्य की लोक कल्याणकारी सरकार का दम भरने वाली गहलोत सरकार पिछले 3 माह के बिजली के बिल ना वसूले.

जयपुर. कोरोना संकट के समय प्रदेश में लगातार बिजली और पानी के बिल माफी की मांग उठ रही है. अब आम आदमी पार्टी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिजली के बिल माफ करने की मांग की है. वहीं भाजपा नेता मनीष पारीक ने लॉकडाउन की अवधि में घरेलू बिजली का बिल वसूलना मानव अधिकार का हनन बताया है. मनीष पारीक ने इस संबंध में मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को परिवाद और मुख्यमंत्री को ई-मेल पर शिकायत भेजी है.

आम आदमी पार्टी के जयपुर जिला अध्यक्ष जवाहर शर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डिस्कॉम द्वारा 31 मई के बाद भुगतान नहीं करने वालों पर पेनल्टी लगाने और बिजली का कनेक्शन काटने की चेतावनी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. साथ ही प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह कम से कम लॉकडाउन अवधि के दौरान तो बिजली के बिल पूरी तरह माफ करे और बाद में दिल्ली सरकार की तर्ज पर बिजली के बिलों में राहत दे.

जवाहर शर्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी बिजली के बिल माफ करने की मांग करती है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार है. बावजूद इसके बिजली के बिलों में कोई राहत नहीं दी जा रही. इस प्रकार की दोहरी नीति जन कल्याणकारी सरकार के लिए अच्छी नहीं है. वहीं भाजपा मीडिया पैनलिस्ट और वरिष्ठ नेता मनीष पारीक ने भी लॉकडाउन की अवधि में घरेलू बिजली का बिल वसूल करना मानव अधिकार का हनन करार दिया. पारीक ने इस संबंध में राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है. वहीं मुख्यमंत्री को ई-मेल भेज शिकायत की है.

मनीष पारीक ने कहा कि लॉकडाउन की पालना जनता ने की और अपने घरों में बंद भी रही. ऐसी स्थिति में उनका रोजगार नहीं हुआ तब सरकार को कम से कम घरेलू बिजली के बिलों में तो राहत देना ही चाहिए और उसकी वसूली नहीं करते हुए बिजली के बिल पूर्ण रूप से माफ कर देना चाहिए. पारीक ने कहा कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21 के जरिए भी सभी को गरिमामय जीवन जीने का मूलभूत अधिकार दिया गया है.

यह भी पढ़ें- हाल-ए-मौसम: Sevier heat wave की चपेट में चूरू, दिन का पारा 47 डिग्री के पार

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में विशेष रूप से इस भीषण गर्मी में बिजली मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है, लेकिन पिछले 2 माह से लगभग सभी लोग कोविड-19 के चलते अपने घरों में बंद है और रोजगार से भी वंचित हैं. ऐसे में राज्य की लोक कल्याणकारी सरकार का दम भरने वाली गहलोत सरकार पिछले 3 माह के बिजली के बिल ना वसूले.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.