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Aanjana in New Delhi: आंजना ने उठाया मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी धोखाधड़ी का मामला, कही ये बात...

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Published : Sep 8, 2022, 7:44 PM IST

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी धोखाधड़ी (Multi State Credit Cooperative Societies Fraud) मामले में पीड़ित परिवारों को राहत देने की बात कही. साथ ही निवेशकों को राशि लौटाने में केंद्र सरकार से मदद की मांग की है.

Multi State Credit Cooperative Societies Fraud
मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी धोखाधड़ी

जयपुर. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह वह सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसाइटियों की (Multi State Credit Cooperative Societies Fraud) ओर से की गई धोखाधड़ी के मामलों को उठाया. आंजना ने विज्ञान भवन में हुए राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाते हुए पीड़ित परिवारों को राहत देने और निवेशकों की राशि लौटाने में केंद्र सरकार से मदद करने की मांग की.

बैठक में आंजना ने कहा कि राजस्थान के छोटी बचत करने वाले लाखों लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़पा गया है. इन सब पीड़ित परिवारों के साथ बड़ा धोखा हुआ है, जिससे वे बहुत ही व्यथित है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान के पीड़ित निवेशकों की राशि लौटाने में मदद करे. उन्होंने कहा कि विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियां जैसे ईडी, इन्कम टैक्स विभाग आदि आपस में सहयोग और समन्वय कर पीड़ित निवेशकों को राहत दें. ईडी और इनकम टैक्स विभाग ने मांग आपूर्ति के लिए सम्पत्तियों को जब्त कर रखा है. इससे छोटे निवेशकों को भुगतान में बाधा आ रही है, पहले सर्वप्रथम निवेशकों को राहत देनी चाहिए. उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार इन एजेंसियों को निर्देशित करें.

पढ़ें. सहकारिता को लेकर दावे कई सच्चाई कुछ और, सहकारी बैंकों में कर्मचारियों का टोटा

आंजना ने कहा कि राज्य सरकार के सामने जैसे ही यह विषय आया तत्काल ही राजसहकार पोर्टल (Aanjana on Cooperative Societies Fraud) खोला गया. पीड़ितों की शिकायतें ली जा रही हैं. अब तक 1 लाख से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं. निवेशकों के हित में डेजिग्नेटेड कोर्ट घोषित कर 7 हजार इस्तगासे अभी तक दर्ज किए जा चुके हैं. उन्होंने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को ध्यान दिलाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पीड़ित निवेशकों का पैसा लौटाने और इन सोसायटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए आग्रह किया है.

केंद्र सरकार कानून में करे संशोधन: आंजना ने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटियों के खिलाफ राज्य को दी शक्तियां सीमित हैं. ऐसे में केंद्र सरकार बड्स एक्ट 2019 व मल्टी स्टेट को-आपरेटिव सोसायटीज एक्ट, 2002 में संशोधन करे ताकि राज्य सरकारों के स्तर से भी इन सोसायटियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके. सहकारिता मंत्री ने सम्मेलन में नाबार्ड की ओर से रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जा रही 40 प्रतिशत ऋण राशि को बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की मांग की है. इससे किसानों को अधिक से अधिक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा.

पढ़ें. धोखाधड़ी करने वाली मल्टीस्टेट क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटियों पर गहलोत सरकार ने लगाई लगाम

आंजना ने दी यह जानकारी: सहकारिता मंत्री ने कहा कि राजस्थान में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पैक्स का गठन किया जा रहा है. अब तक 1 हजार 215 पैक्स का गठन कर करीब 3 लाख नए किसानों को जोड़ा गया है. उन्होंने किसानों की ऋण माफी की जानकारी देते हुए राज्य सरकार की ओर से करीब 15 हजार 424 करोड़ रुपये की राशि वहन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण की समस्त प्रक्रिया को जुलाई, 2019 से ही बॉयोमेट्रिक आधारित और ऑनलाइन कर एक पारदर्शी व जवाबदेही तंत्र विकसित किया है.

आंजना ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरे भारत में लागू किया जाए. आंजना ने कहा कि पैक्स के व्यवसाय विविधीकरण के लिए लगने वाले प्रोजेक्ट में भारत सरकार 80 प्रतिशत अनुदान पैक्स को उपलब्ध कराए ताकि पैक्स सुदृढ़ीकरण के कार्य को गति मिल सके. सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री और सहकारिता राज्य मंत्री, सभी राज्यों के सहकारिता मंत्री, केंद्रीय सचिव और सभी राज्यों प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता और रजिस्ट्रार मौजूद रहे. राजस्थान से सम्मेलन में प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा व रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल उपस्थित थे.

जयपुर. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह वह सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसाइटियों की (Multi State Credit Cooperative Societies Fraud) ओर से की गई धोखाधड़ी के मामलों को उठाया. आंजना ने विज्ञान भवन में हुए राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाते हुए पीड़ित परिवारों को राहत देने और निवेशकों की राशि लौटाने में केंद्र सरकार से मदद करने की मांग की.

बैठक में आंजना ने कहा कि राजस्थान के छोटी बचत करने वाले लाखों लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़पा गया है. इन सब पीड़ित परिवारों के साथ बड़ा धोखा हुआ है, जिससे वे बहुत ही व्यथित है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान के पीड़ित निवेशकों की राशि लौटाने में मदद करे. उन्होंने कहा कि विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियां जैसे ईडी, इन्कम टैक्स विभाग आदि आपस में सहयोग और समन्वय कर पीड़ित निवेशकों को राहत दें. ईडी और इनकम टैक्स विभाग ने मांग आपूर्ति के लिए सम्पत्तियों को जब्त कर रखा है. इससे छोटे निवेशकों को भुगतान में बाधा आ रही है, पहले सर्वप्रथम निवेशकों को राहत देनी चाहिए. उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार इन एजेंसियों को निर्देशित करें.

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आंजना ने कहा कि राज्य सरकार के सामने जैसे ही यह विषय आया तत्काल ही राजसहकार पोर्टल (Aanjana on Cooperative Societies Fraud) खोला गया. पीड़ितों की शिकायतें ली जा रही हैं. अब तक 1 लाख से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं. निवेशकों के हित में डेजिग्नेटेड कोर्ट घोषित कर 7 हजार इस्तगासे अभी तक दर्ज किए जा चुके हैं. उन्होंने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को ध्यान दिलाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पीड़ित निवेशकों का पैसा लौटाने और इन सोसायटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए आग्रह किया है.

केंद्र सरकार कानून में करे संशोधन: आंजना ने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटियों के खिलाफ राज्य को दी शक्तियां सीमित हैं. ऐसे में केंद्र सरकार बड्स एक्ट 2019 व मल्टी स्टेट को-आपरेटिव सोसायटीज एक्ट, 2002 में संशोधन करे ताकि राज्य सरकारों के स्तर से भी इन सोसायटियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके. सहकारिता मंत्री ने सम्मेलन में नाबार्ड की ओर से रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जा रही 40 प्रतिशत ऋण राशि को बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की मांग की है. इससे किसानों को अधिक से अधिक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा.

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आंजना ने दी यह जानकारी: सहकारिता मंत्री ने कहा कि राजस्थान में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पैक्स का गठन किया जा रहा है. अब तक 1 हजार 215 पैक्स का गठन कर करीब 3 लाख नए किसानों को जोड़ा गया है. उन्होंने किसानों की ऋण माफी की जानकारी देते हुए राज्य सरकार की ओर से करीब 15 हजार 424 करोड़ रुपये की राशि वहन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण की समस्त प्रक्रिया को जुलाई, 2019 से ही बॉयोमेट्रिक आधारित और ऑनलाइन कर एक पारदर्शी व जवाबदेही तंत्र विकसित किया है.

आंजना ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरे भारत में लागू किया जाए. आंजना ने कहा कि पैक्स के व्यवसाय विविधीकरण के लिए लगने वाले प्रोजेक्ट में भारत सरकार 80 प्रतिशत अनुदान पैक्स को उपलब्ध कराए ताकि पैक्स सुदृढ़ीकरण के कार्य को गति मिल सके. सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री और सहकारिता राज्य मंत्री, सभी राज्यों के सहकारिता मंत्री, केंद्रीय सचिव और सभी राज्यों प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता और रजिस्ट्रार मौजूद रहे. राजस्थान से सम्मेलन में प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा व रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल उपस्थित थे.

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