जयपुर. प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच अब आम जनता भी अपना रोष व्यक्त करने लगी है. इसी का एक उदाहरण शुक्रवार को राजभवन के बाहर देखने को मिला. एक महिला अचानक रात के 9:15 पर मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गई. अचानक धरने पर बैठी महिला की वजह से शासन और प्रशासन में भी अफरा-तफरी मच गई. हालांकि कुछ ही देर में पुलिस ने उसे वहां से उठा दिया.
राजभवन के बाहर धरने पर बैठी महिला अपना नाम कृष्णा शर्मा बता रही है. इस महिला का कहना था कि प्रदेश में जिस तरह पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा है, उससे आम जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है, लेकिन राज्यपाल उसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं. महिला का कहना है कि इस तरह से करना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करना है.
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महिला ने कहा कि प्रदेश एक तरफ जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के विकराल रूप से गुजर रहा है. वहींं, दूसरी ओर पिछले 10 दिनों से प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच राज्य की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि 8 करोड़ की जनता ने सरकार को चुना है, लेकिन कुछ लोग इस सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं.
कृष्णा शर्मा ने कहा कि इस पूरे मामले में राज्यपाल की भूमिका भी सही नहीं है. उन्हें सरकार को विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दे देनी चाहिए. महिला ने कहा कि वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं हैं. वे एक आम जनता है, जो चाहती है कि पिछले 10 दिनों से राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक खत्म हो.
महिला ने कहा कि वे इस तरह की राजनीति को देखकर दुखी है. उसे लगता है कि उसके मूल अधिकार का हनन हो रहा है, इसीलिए वे गांधीवादी तरीके से राज्यपाल के मुख्य गेट पर धरने पर बैठी है. उन्होंने मांग की कि राज्यपाल सरकार को विधानसभा की अनुमति दें. हालांकि, बाद में पुलिस ने महिला को वहां से समझाइश कर धरना खत्म करवाया.