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इतिहास की पुस्तक में मुगल शासकों का महिमा मंडन क्यों- कोर्ट - मुगल शासकों का महिमा मंडन

जयपुर शहर की अधीनस्थ अदालत ने केन्द्रीय शिक्षा सचिव और एनसीईआरटी के निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि सीबीएसई की ओर से प्रकाशित 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 में मुगलों का आधारहीन महिमा मंडन क्यों किया गया है? अदालत ने यह आदेश पीसी भंडारी के दावे पर दिए.

जयपुर शहर अधीनस्थ अदालत, Jaipur court
जयपुर शहर अधीनस्थ अदालत
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Published : Apr 7, 2021, 9:51 PM IST

जयपुर. शहर की अधीनस्थ अदालत ने केन्द्रीय शिक्षा सचिव और एनसीईआरटी के निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि सीबीएसई की ओर से प्रकाशित 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 में मुगलों का आधारहीन महिमा मंडन क्यों किया गया है? अदालत ने यह आदेश पीसी भंडारी के दावे पर दिए.

बता दें, दावे में कहा गया है कि इस पुस्तक के पेज 234 में लिखा है कि युद्ध के दौरान ढहाए गए मंदिरों की मरम्मत के लिए शाहजहां और औरंगजेब ने ग्रांट जारी किए थे, जब सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी गई तो हेड ऑफ डिपार्टमेंट पब्लिक इन्फोर्मेशन ने जवाब दिया कि उनके पास इस तथ्य छापने का कोई आधार नहीं है, इस पर प्रार्थी ने गत 19 जनवरी को संयुक्त सचिव शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली और एनसीईआरटी के निदेशक को नोटिस भेजकर इन आधारहीन तथ्यों को हटाने की मांग की, लेकिन नोटिस के दो महीने बाद भी मुगल शासकों के महिमा मंडन करने वाले इन तथ्यों को नहीं हटाया गया.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL : खेल-खेल में डिजिटल फंक्शन से चलाना सीखे वाहन, देखें कैसे काम करता है सिम्युलेटर

दावे में गुहार की गई है कि शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी को पाबंद किया जाए कि मुगलों को महिमा मंडित करने वाले तथ्य हटाए और भविष्य में इस तरह के तथ्य प्रकाशित ना करें, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

जयपुर. शहर की अधीनस्थ अदालत ने केन्द्रीय शिक्षा सचिव और एनसीईआरटी के निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा है कि सीबीएसई की ओर से प्रकाशित 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक थीम्स इन इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 में मुगलों का आधारहीन महिमा मंडन क्यों किया गया है? अदालत ने यह आदेश पीसी भंडारी के दावे पर दिए.

बता दें, दावे में कहा गया है कि इस पुस्तक के पेज 234 में लिखा है कि युद्ध के दौरान ढहाए गए मंदिरों की मरम्मत के लिए शाहजहां और औरंगजेब ने ग्रांट जारी किए थे, जब सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी गई तो हेड ऑफ डिपार्टमेंट पब्लिक इन्फोर्मेशन ने जवाब दिया कि उनके पास इस तथ्य छापने का कोई आधार नहीं है, इस पर प्रार्थी ने गत 19 जनवरी को संयुक्त सचिव शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली और एनसीईआरटी के निदेशक को नोटिस भेजकर इन आधारहीन तथ्यों को हटाने की मांग की, लेकिन नोटिस के दो महीने बाद भी मुगल शासकों के महिमा मंडन करने वाले इन तथ्यों को नहीं हटाया गया.

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दावे में गुहार की गई है कि शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी को पाबंद किया जाए कि मुगलों को महिमा मंडित करने वाले तथ्य हटाए और भविष्य में इस तरह के तथ्य प्रकाशित ना करें, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

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