जयपुर. राजधानी में बढ़ते कोविड-19 संक्रमित मरीजों के बाद अब धीरे-धीरे ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिल रही है. खासकर प्राइवेट अस्पतालों में महज कुछ घंटों का ही ऑक्सीजन का स्टॉक बचा है. इसी बीच प्रशासन दावे कर रहा है कि अस्पतालों में स्थिति सामान्य है और ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार जारी है. दूसरी ओर प्राइवेट अस्पताल से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि कई बार प्रशासन को इस मामले को लेकर अवगत कराया है लेकिन किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया है.
इस मामले को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ. विजय कपूर का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों में हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं. अस्पतालों को ऑक्सीजन के लिए हाथ पैर मारने पड़ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है. यदि यही हालात रहा तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
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डॉक्टर कपूर का कहना है कि इस बारे में प्रशासन को भी अवगत कराया गया लेकिन अभी तक प्राइवेट अस्पतालों में सुचारू रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पा रही है. मौजूदा समय में महज कुछ घंटों की ऑक्सीजन प्राइवेट अस्पतालों में बची है. प्राइवेट अस्पतालों में मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे क्योंकि अस्पताल में बेड तो उपलब्ध है लेकिन उनके लिए ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है.
90% तक बेड फुल
राजधानी जयपुर की बात की जाए तो आरयूएचएस, जयपुरिया और ईएसआई अस्पताल के अलावा 64 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है और तकरीबन 90% तक बेड और आईसीयू इन अस्पतालों में फूल हो चुके हैं.
RUHS अस्पताल की बात की जाए तो 1200 बेड का यह अस्पताल पूरी तरह से फुल हो चुका है. इसके अलावा जयपुरिया और ईएसआई अस्पताल भी तकरीबन फुल होने की कगार पर है. इसके अलावा ऑक्सीजन सप्लाई में प्राइवेट अस्पतालों से पहले सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है.