जयपुर. देश भर में दीपावली की तैयारियां जोरों पर है. सजावट के सामान, मिठाइयों और पटाखों की दुकानें सज चुकी है. वहीं दीपावली के त्यौहार पर होने वाली आतिशबाजी के चलते पटाखों से आगजनी की घटनाएं भी हो जाती है. समय पर राहत नहीं पहुंचाने की वजह से कई बार यह घटनाएं विकराल रूप धारण कर लेती है. लेकिन, इस बार दीपावली के त्यौहार पर आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने भी पूरी तैयारियां कर ली है.
किसी भी तरह की आगजनी की घटना होने पर तुरंत राहत पहुंचाने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. जहां पर तहसीलदार और एसडीएम लेवल के अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे. बता दें कि आगजनी की आकस्मिक घटनाओं की स्थिति में आपदा प्रबन्धन की दृष्टि से 25 अक्टूबर धनतेरस से 27 अक्टूबर तक जिला कलेक्ट्रेट के कमरा नम्बर 4 में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.
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बता दें कि विशेष रूप से स्थापित इस नियंत्रण कक्ष में 25 और 26 अक्टूबर को तहसीलदार स्तर के अधिकारियों की सुबह 8 से रात 10 बजे तक ड्यूटी लगाई गई है. इसके साथ ही 27 अक्टूबर, दीपावली वाले दिन यह नियंत्रण कक्ष ‘राउण्ड द क्लॉक’ यानी रात-दिन काम करेगा. कन्ट्रोल रूम में हर समय एक तहसीलदार मौजूद रहेंगे. ये अधिकारी कन्ट्रोल रूम में उपस्थित रहकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तर, दक्षिण और पूर्व के निर्देशन में कार्रवाई करेंगे.
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जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि दीपावली पर कई बार भीषण आगजनी की घटनाएं हो जाती है. इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा.उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से सभी से अपील की गई है कि ग्रीन पटाखे ही जलाएं. आतिशबाजी करने से पहले प्रशासन की अनुमति लेकर ही करें. इसके साथ ही ऐसे स्थानों पर आतिशबाजी ना करें जहां पर पेट्रोल पंप, कपड़ा कारखाना, कागज फैक्ट्री या किसी भी तरह की ज्वलनशील वस्तुएं हो.
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लेकिन, कई बार पटाखों की वजह से आगजनी की घटनाएं हो जाती है. इन सभी को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किया गया. जहां 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए तहसीलदार और संबंधित एससीएम की ड्यूटी लगाई गई है. जिससे किसी भी प्रकार की आगजनी की घटना होने पर तुरंत राहत पहुंचाई जा सके. इसके साथ ही चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता हो तो अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित करके चिकित्सा और एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाएंगे.