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94 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी के घुटनों की रोबोटिक सर्जरी, कहा- फिर से समाज की सेवा करने के लिए तैयार

जयपुर में 94 साल के स्वतंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा की रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी हुई. शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं और वे भूतपूर्व सांसद और 4 बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे चुके हैं.

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94 साल के पंडित रामकिशन शर्मा के घुटनों की रोबोटिक सर्जरी
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Published : Feb 7, 2020, 7:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पहली बार एक 94 वर्षीय पुरुष की रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की गई. जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने ये कारनामा कर दिखाया. ये सर्जरी स्वंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा की गई. जिसके बाद मानो स्वत्रंता सेनानी ने दर्द की बेड़िया तोड़, घुटने प्रत्यारोपण के बाद देश सेवा के लिए फिर से तैयार है. आज वो एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े होकर चल रहे हैं.

94 साल के पंडित रामकिशन शर्मा के घुटनों की रोबोटिक सर्जरी

दरअसल, 94 साल के स्वतंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं. छोटी उम्र से देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत पंडित रामकिशन जी ने सन 1942 में सुप्रसिद्ध 'भारत छोड़ो आंदोलन' में बतौर स्वतंत्र सेनानी की सक्रिय भूमिका निभाई. साथ ही उनको गांधीजी व अन्य वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में काम करने का भी सौभाग्य मिला. सोशल पार्टी के अध्यक्ष रहे रामकिशन शर्मा भूतपूर्व सांसद और 4 बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे चुके हैं.

यह भी पढ़ें- पूर्व आईएएस असवाल को राहत, हाइकोर्ट ने निचली अदालत के प्रसंज्ञान और कार्रवाई को किया रद्द

बता दें कि पंडित रामकिशन शर्मा ने राजस्थान में उभर रहे जल संकट को समय रहते भाग लिया और 82 साल की उम्र में 10 साल लंबे जन आंदोलन का संचालन किया. जिसका उद्देश्य जल संरक्षण की ओर से भूमि के जलस्तर को बढ़ाना और गांव-गांव में खेतों तक सिंचाई और पीने का पानी पहुंचाना था. पंडित जी इस आंदोलन के माध्यम से लगातार 10 वर्षों तक गांव में जलापूर्ति के लिए लड़ते रहे और अंत में परिणाम स्वरूप 'ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना' का उद्धव हुआ. जिसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा 40 हजार करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया. इस योजना के अंतर्गत लगभग 13 से अधिक जिलों में जल की आपूर्ति की जाएगी और दूरदराज के गांव में खेतों खेतों तक सिंचाई और पीने योग्य जल पहुंचा जाएगा.

लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से पंडित रामकिशन शर्मा के घुटनों का दर्द उनके सामाजिक व देश सेवा के कार्य में बाधा उत्पन्न करने लगा था. साथ ही उनकी दैनिक दिनचर्या में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही थी. चिकित्सकों के परामर्श से जाना कि घुटना प्रत्यारोपण इस समस्या का उपचार है. परंतु इस उम्र में उन्हें घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के परिणाम पर संशय था, लेकिन जयपुर के डॉक्टर्स ने ये कर दिखाया और आज वो कदम से कदम मिलाकर चल पा रहे है.

जयपुर. राजस्थान में पहली बार एक 94 वर्षीय पुरुष की रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की गई. जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने ये कारनामा कर दिखाया. ये सर्जरी स्वंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा की गई. जिसके बाद मानो स्वत्रंता सेनानी ने दर्द की बेड़िया तोड़, घुटने प्रत्यारोपण के बाद देश सेवा के लिए फिर से तैयार है. आज वो एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े होकर चल रहे हैं.

94 साल के पंडित रामकिशन शर्मा के घुटनों की रोबोटिक सर्जरी

दरअसल, 94 साल के स्वतंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं. छोटी उम्र से देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत पंडित रामकिशन जी ने सन 1942 में सुप्रसिद्ध 'भारत छोड़ो आंदोलन' में बतौर स्वतंत्र सेनानी की सक्रिय भूमिका निभाई. साथ ही उनको गांधीजी व अन्य वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में काम करने का भी सौभाग्य मिला. सोशल पार्टी के अध्यक्ष रहे रामकिशन शर्मा भूतपूर्व सांसद और 4 बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे चुके हैं.

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बता दें कि पंडित रामकिशन शर्मा ने राजस्थान में उभर रहे जल संकट को समय रहते भाग लिया और 82 साल की उम्र में 10 साल लंबे जन आंदोलन का संचालन किया. जिसका उद्देश्य जल संरक्षण की ओर से भूमि के जलस्तर को बढ़ाना और गांव-गांव में खेतों तक सिंचाई और पीने का पानी पहुंचाना था. पंडित जी इस आंदोलन के माध्यम से लगातार 10 वर्षों तक गांव में जलापूर्ति के लिए लड़ते रहे और अंत में परिणाम स्वरूप 'ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना' का उद्धव हुआ. जिसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा 40 हजार करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया. इस योजना के अंतर्गत लगभग 13 से अधिक जिलों में जल की आपूर्ति की जाएगी और दूरदराज के गांव में खेतों खेतों तक सिंचाई और पीने योग्य जल पहुंचा जाएगा.

लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से पंडित रामकिशन शर्मा के घुटनों का दर्द उनके सामाजिक व देश सेवा के कार्य में बाधा उत्पन्न करने लगा था. साथ ही उनकी दैनिक दिनचर्या में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही थी. चिकित्सकों के परामर्श से जाना कि घुटना प्रत्यारोपण इस समस्या का उपचार है. परंतु इस उम्र में उन्हें घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के परिणाम पर संशय था, लेकिन जयपुर के डॉक्टर्स ने ये कर दिखाया और आज वो कदम से कदम मिलाकर चल पा रहे है.

Intro:जयपुर. राजस्थान में पहली बार एक 94 वर्षीय पुरुष की रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की गई. जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल में के चिकित्सकों ने ये कारनामा कर दिखाया. बता दे कि ये सर्जरी स्वंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा के की गई. जिसके बाद मानो स्वत्रंता सेनानी ने दर्द की बेड़िया तोड़, घुटने प्रत्यारोपण के बाद देश सेवा के लिए फिर से तैयार है. आज वो एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े होकर चल रहे है.


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दरअसल 94 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी पंडित रामकिशन शर्मा राजस्थान के भरतपुर जिले के निवासी है. छोटी उम्र से देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत पंडित रामकिशन जी ने सन 1942 में सुप्रसिद्ध 'भारत छोड़ो आंदोलन' में बतौर स्वतंत्र सेनानी की सक्रिय भूमिका निभाई. साथ ही उनको गांधीजी व अन्य वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में काम करने का भी सौभाग्य मिला. सोशल पार्टी के अध्यक्ष रहे रामकिशन शर्मा भूतपूर्व सांसद और 4 बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे चुके पंडित रामकिशन शर्मा ने कई महत्वपूर्ण सामाजिक योगदान दिए है.

आपको बता दें कि पंडित रामकिशन शर्मा ने राजस्थान में उभर रहे जल संकट को समय रहते भाग लिया और 82 वर्ष की आयु में 10 वर्ष लंबे जन आंदोलन का संचालन किया. जिसका उद्देश्य जल संरक्षण द्वारा भूमि के जलस्तर को बढ़ाना और गांव गांव में खेतों तक सिंचाई व पीने का जल पहुंचाना था. पंडित जी इस आंदोलन के माध्यम से लगातार 10 वर्षों तक गांव में जलापूर्ति के लिए लड़ते रहे और अंत में परिणाम स्वरूप 'ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना' का उद्धव हुआ. जिसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा 40,000 करोड रुपए का बजट पारित किया गया. इस योजना के अंतर्गत लगभग 13 से अधिक जिलों में जल की आपूर्ति की जाएगी और दूरदराज के गांव में खेतों खेतों तक सिंचाई व पीने योग्य जल पहुंचा जाएगा.

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पंडित रामकिशन शर्मा के घुटनों का दर्द उनके सामाजिक व देश सेवा के कार्य में बाधा उत्पन्न करने लगा था. साथ ही उनकी दैनिक दिनचर्या में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही थी. चिकित्सकों के परामर्श से जाना कि घुटना प्रत्यारोपण इस समस्या का उपचार है. परंतु इस उम्र में उन्हें घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के परिणाम पर संशय था लेकिन जयपुर के डॉक्टर्स ने ये कर दिखाया और आज वो कदम से कदम मिलाकर चल पा रहे है.

बाइट 1- पं. रामकिशन शर्मा, स्वंतत्रता सैनानी
बाइट 2- डॉ अनूप झुरानी


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