जयपुर. बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाने को लेकर सरकारें बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही कहानी बताती हैं. प्रदेश सरकार ने डेढ़ साल पहले शिक्षक ग्रेड-3 के 31 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की थी. लेकिन इसकी प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में निकाली गई शिक्षकों की विभिन्न भर्तियों में अभी भी 9 हजार पद खाली पड़े हैं.
जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग में शिक्षकों के अलग-अलग पदों के लिए 5 बड़ी भर्तियां निकाली गईं थीं. इनमें 9055 पद आज भी खाली हैं. बेरोजगार इन पदों को भरने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. हर स्तर पर अपनी मांग भी पहुंचाई. लेकिन अभी तक कोई परिणाम नहीं निकला है. इनमें से किसी भर्ती का मामला कोर्ट में अटका होने के कारण नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई और किसी में आरक्षण के नए प्रावधानों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया अटकी पड़ी है.
यदि सरकार इन मुद्दों का निपटारा करे तो बेरोजगारों को बड़ी राहत मिल सकती है. इस बीच सरकार ने शिक्षक ग्रेड-3 के 31 हजार और स्कूल व्याख्याता के 3 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की है. लेकिन इसकी कवायद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. इन पांच भर्तियों में तकनीकी कारणों से 9055 पद खाली पड़े हैं.
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2016
अंग्रेजी के 826 पदों को भरने के लिए एसएलपी वापस लेनी होगी. इस भर्ती में विज्ञान, गणित के 877 पद भी खाली हैं. इन पर भी प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग की जा रही है.
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती- 2018
शिक्षा विभाग ने जनवरी में लेवल वन के 924 व लेवल टू के 2565 पदों पर प्रतीक्षा सूची जारी की थी. ज्वाइनिंग की प्रक्रिया के बीच मामला कोर्ट में चला गया और कई पदों पर ज्वाइनिंग अटक गई.
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2016
इस भर्ती में 1200 पद खाली पड़े हैं. आरोप है कि कोर्ट के फैसले के बावजूद इन पदों पर वेटिंग लिस्ट और रीशफल परिणाम जारी नहीं किया जा रहा.
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018
इस भर्ती में चयनित 1352 अभ्यर्थी ज्वाइन करके नौकरी छोड़ गए. जबकि करीब 622 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति लेने ही नहीं पहुंचे. ऐसे में खाली पड़े 1974 पदों पर प्रतीक्षा सूची जारी करने की मांग की जा रही है.
स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018
5 हजार पदों पर यह भर्ती निकाली गई थी. इसमें ईडब्ल्यूएस का 10 फीसदी और एमबीसी का बढ़ा हुआ 4 फीसदी आरक्षण लागू किया गया लेकिन शेडो पोस्ट क्रिएट नहीं की. ऐसे में सामान्य और ओबीसी वर्ग के 689 अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह गए.