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भरतपुर मासिक बंधी प्रकरण में 9 थानाधिकारियों को किया ACB मुख्यालय में तलब - DIG Laxman Goud

भरतपुर डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम पर एक दलाल द्वारा थाना अधिकारियों से मासिक बंधी लेने के प्रकरण में एसीबी ने पूछताछ के लिए 9 थानाधिकारियों को तलब किया है. सोमवार को 9 बजे झालाना डूंगरी स्थित एसीबी मुख्यालय में थानाधिकारियों को तलब होने के आदेश दिए गए है.

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भरतपुर मासिक बंधी प्रकरण में 9 थानाधिकारियों को किया ACB मुख्यालय में तलब
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Published : Jul 6, 2020, 2:00 AM IST

जयपुर. भरतपुर में डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम से एक दलाल द्वारा थाना अधिकारियों से मासिक बंधी लेने के प्रकरण में एसीबी की जांच जारी है. इस पूरे प्रकरण में एसीबी के एडिशनल एसपी पृथ्वीराज मीणा ने जांच करते हुए भरतपुर जिले के 9 थाना अधिकारियों को सोमवार को एसीबी मुख्यालय में तलब किया है. सभी थाना अधिकारियों को सोमवार को सुबह 9 बजे झालाना डूंगरी स्थित एसीबी मुख्यालय में तलब होने के आदेश दिए गए हैं. इस संबंध में एसीबी के एडिशनल एसपी पृथ्वीराज मीणा द्वारा भरतपुर जिले के एसपी को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया है.

सोमवार को तलब होने के आदेश दिए गए है

भरतपुर मासिक बंधी प्रकरण में एसीबी के आला अधिकारियों द्वारा पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है और इसके साथ ही एसीबी के एडीजी सौरभ श्रीवास्तव खुद इस पूरे प्रकरण में भरतपुर जिले के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज कर रहे हैं. एडीजी सौरव श्रीवास्तव ने पिछले 2 दिनों में 16 पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं.

पढ़ें: डीबी गुप्ता बने मुख्यमंत्री के सलाहकार, 3 दिन पहले मुख्य सचिव के पद से किया था रिलीव

हालांकि एडीजी सौरव श्रीवास्तव का तबादला एसीबी से पुलिस मुख्यालय में किया जा चुका है और उन्हें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का कार्यभार सौंपा गया है. एडीजी सौरभ श्रीवास्तव बुधवार को एसीबी मुख्यालय से रिलीव होने के बाद पुलिस मुख्यालय में एडीजी लॉ एंड आर्डर का कार्यभार ग्रहण करेंगे. एसीबी से रिलीव होने से पहले एडीजी सौरव श्रीवास्तव भरतपुर मासिक बंदी प्रकरण में तमाम पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज करने में लगे हुए हैं.

क्या है भरतपुर मासिक बंदी मामला?

जयपुर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए भरतपुर डीआईजी के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में एक व्यक्ति को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आरोपी के कब्जे से 5 लाख रुपए की रिश्वत राशि भी बरामद की गई थी. जानकारी के मुताबिक उद्योग नगर सीआई चंद्रप्रकाश से डीआईजी के नाम पर 10 लाख रुपये मांगे गए थे. सीआई ने एसीबी को सूचना दी थी. जिसके बाद प्रमोद शर्मा को जयपुर में रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया. एसीबी को काफी समय से सूचनाएं मिल रही थी कि भरतपुर डीआईजी के नाम से सहूलियत दिलाने और एसीआर सही करवाने के नाम पर थानाधिकारियों से वसूली की जा रही है.

जयपुर. भरतपुर में डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम से एक दलाल द्वारा थाना अधिकारियों से मासिक बंधी लेने के प्रकरण में एसीबी की जांच जारी है. इस पूरे प्रकरण में एसीबी के एडिशनल एसपी पृथ्वीराज मीणा ने जांच करते हुए भरतपुर जिले के 9 थाना अधिकारियों को सोमवार को एसीबी मुख्यालय में तलब किया है. सभी थाना अधिकारियों को सोमवार को सुबह 9 बजे झालाना डूंगरी स्थित एसीबी मुख्यालय में तलब होने के आदेश दिए गए हैं. इस संबंध में एसीबी के एडिशनल एसपी पृथ्वीराज मीणा द्वारा भरतपुर जिले के एसपी को पत्र लिखकर अवगत करवाया गया है.

सोमवार को तलब होने के आदेश दिए गए है

भरतपुर मासिक बंधी प्रकरण में एसीबी के आला अधिकारियों द्वारा पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है और इसके साथ ही एसीबी के एडीजी सौरभ श्रीवास्तव खुद इस पूरे प्रकरण में भरतपुर जिले के पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज कर रहे हैं. एडीजी सौरव श्रीवास्तव ने पिछले 2 दिनों में 16 पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं.

पढ़ें: डीबी गुप्ता बने मुख्यमंत्री के सलाहकार, 3 दिन पहले मुख्य सचिव के पद से किया था रिलीव

हालांकि एडीजी सौरव श्रीवास्तव का तबादला एसीबी से पुलिस मुख्यालय में किया जा चुका है और उन्हें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का कार्यभार सौंपा गया है. एडीजी सौरभ श्रीवास्तव बुधवार को एसीबी मुख्यालय से रिलीव होने के बाद पुलिस मुख्यालय में एडीजी लॉ एंड आर्डर का कार्यभार ग्रहण करेंगे. एसीबी से रिलीव होने से पहले एडीजी सौरव श्रीवास्तव भरतपुर मासिक बंदी प्रकरण में तमाम पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज करने में लगे हुए हैं.

क्या है भरतपुर मासिक बंदी मामला?

जयपुर एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए भरतपुर डीआईजी के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में एक व्यक्ति को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आरोपी के कब्जे से 5 लाख रुपए की रिश्वत राशि भी बरामद की गई थी. जानकारी के मुताबिक उद्योग नगर सीआई चंद्रप्रकाश से डीआईजी के नाम पर 10 लाख रुपये मांगे गए थे. सीआई ने एसीबी को सूचना दी थी. जिसके बाद प्रमोद शर्मा को जयपुर में रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया. एसीबी को काफी समय से सूचनाएं मिल रही थी कि भरतपुर डीआईजी के नाम से सहूलियत दिलाने और एसीआर सही करवाने के नाम पर थानाधिकारियों से वसूली की जा रही है.

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