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पहले दिन 87 श्रद्धालुओं ने किए भगवान बदरी विशाल के दर्शन

चारधाम यात्रा पर जाने के लिए उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा. रात में किसी की तीर्थयात्री को बदरीथाम धाम में रुकने की अनुमति नहीं है. पहले दिन 87 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पहले दिन बदरीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालु भी काफी उत्साहित दिखाई दिए.

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पहले दिन 87 श्रद्धालुओं ने किए भगवान बदरी विशाल के दर्शन
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Published : Jul 1, 2020, 10:14 PM IST

चमोली: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा आज (एक जुलाई) से उत्तराखंड वासियों के लिए शुरू हो गई है. इस सीजन में कपाट खुलने के करीब 46 दिनों बाद बदरीनाथ धाम भक्तों से गुलजार हुआ. पहले दिन 87 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पहले दिन बदरीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालु भी काफी उत्साहित दिखाई दिए. तीर्थयात्रियों ने कहा कि भीड़ कम होने से भगवान के दर्शन आसानी से हो पा रहे हैं.

यात्रा के पहले दिन चमोली जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने खुद बदरीनाथ धाम जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान चमोली जिलाधिकारी ने उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड, नगर पंचायत और बदरीनाथ धाम में मौजूद कर्मचारियों को जल्द से जल्द आधी अधूरी व्यवस्थाओं को पूरा करने के निर्देश दिए. कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए बदरीनाथ मंदिर परिसर की स्टील और लोहे की रैलिंग को भी कपड़ों से ढका गया है.

पढ़ें: तिरुपति बालाजी और साईं बाबा मंदिर की तर्ज पर राजस्थान में भी बड़े मंदिर खोले सरकारः कालीचरण सराफ

लामबगड़ में पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य की टीम बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है. मेडिकल चेकअप के बाद ही तीर्थयात्रियों को आगे जाने दिया जा रहा है. शाम चार बजे के बाद लामबगड़ से बदरीनाथ धाम में जाने की इजाजत नहीं है. कोई भी तीर्थयात्री रात को धाम में नहीं रुक सकता है. भगवान के दर्शनों के बाद श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम के लिए जोशीमठ लौटना पड़ेगा. हालांकि अन्य किसी विषम परिस्थितियों के लिए धाम में फिलहाल 600 यात्रियों के रहने और खाने का प्रबंध किया गया है.

चमोली पुलिस की ओर से भी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पुलिस लामबगड़ में ही बदरीनाथ धाम जाने वाले सभी यात्रियों की एंट्री कर रही है. बदरीनाथ में होटल नहीं खुले हैं ऐसे में तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की परेशानी हो इसके लिए लंगर लगाकर उन्हें भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया जा रहा है.

बता दें कि इस बार कोरोना की वजह से पहली बार चारधाम यात्रा में कई बदलाव किए गए थे. भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट भी अपनी निर्धारित तिथी 30 अप्रैल से 15 दिन बाद यानी 15 मई को सुबह 4.30 बजे खोले गए थे, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने यात्रा शुरू नहीं की थी. हालांकि अब एक जुलाई से राज्य सरकार ने कुछ गाइडलाइन के साथ प्रदेश के श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी है. बाहरी प्रदेश के तीर्थयात्री अभी चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकते हैं.

चमोली: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा आज (एक जुलाई) से उत्तराखंड वासियों के लिए शुरू हो गई है. इस सीजन में कपाट खुलने के करीब 46 दिनों बाद बदरीनाथ धाम भक्तों से गुलजार हुआ. पहले दिन 87 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पहले दिन बदरीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालु भी काफी उत्साहित दिखाई दिए. तीर्थयात्रियों ने कहा कि भीड़ कम होने से भगवान के दर्शन आसानी से हो पा रहे हैं.

यात्रा के पहले दिन चमोली जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने खुद बदरीनाथ धाम जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान चमोली जिलाधिकारी ने उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड, नगर पंचायत और बदरीनाथ धाम में मौजूद कर्मचारियों को जल्द से जल्द आधी अधूरी व्यवस्थाओं को पूरा करने के निर्देश दिए. कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए बदरीनाथ मंदिर परिसर की स्टील और लोहे की रैलिंग को भी कपड़ों से ढका गया है.

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लामबगड़ में पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य की टीम बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है. मेडिकल चेकअप के बाद ही तीर्थयात्रियों को आगे जाने दिया जा रहा है. शाम चार बजे के बाद लामबगड़ से बदरीनाथ धाम में जाने की इजाजत नहीं है. कोई भी तीर्थयात्री रात को धाम में नहीं रुक सकता है. भगवान के दर्शनों के बाद श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम के लिए जोशीमठ लौटना पड़ेगा. हालांकि अन्य किसी विषम परिस्थितियों के लिए धाम में फिलहाल 600 यात्रियों के रहने और खाने का प्रबंध किया गया है.

चमोली पुलिस की ओर से भी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पुलिस लामबगड़ में ही बदरीनाथ धाम जाने वाले सभी यात्रियों की एंट्री कर रही है. बदरीनाथ में होटल नहीं खुले हैं ऐसे में तीर्थ यात्रियों को किसी तरह की परेशानी हो इसके लिए लंगर लगाकर उन्हें भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया जा रहा है.

बता दें कि इस बार कोरोना की वजह से पहली बार चारधाम यात्रा में कई बदलाव किए गए थे. भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट भी अपनी निर्धारित तिथी 30 अप्रैल से 15 दिन बाद यानी 15 मई को सुबह 4.30 बजे खोले गए थे, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने यात्रा शुरू नहीं की थी. हालांकि अब एक जुलाई से राज्य सरकार ने कुछ गाइडलाइन के साथ प्रदेश के श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी है. बाहरी प्रदेश के तीर्थयात्री अभी चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकते हैं.

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