जयपुर. इस बजट का आकलन किया जाए तो बजट का 85 प्रतिशत हिस्सा यानि की 34 हजार करोड़ रुपए तो अधिकारी और शिक्षकों के वेतन भत्ते पर ही खर्च हो जाएगा. इसके बाद 65 हजार स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर, कंप्यूटर साइंस लैब, कमरों की मरम्मत सहित अन्य सुविधाओं के लिए महज 5.7 करोड़ रुपए बचते हैं, जो बेहद कम हैं.
इसी कारण से आज प्रदेश की स्कूलों की हालत भयावह है. क्योंकि सरकार का आधे से ज्यादा बजट तो वेतन भत्ते में निकल जाता है. शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा के बजट को बढ़ाना चाहिए था. उधर, बजट घोषणा में डीए को 12 से 17 प्रतिशत किया गया है, जिसकी सराहना शिक्षकों ने की है.
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शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने 1 जुलाई 2019 तक का डीए नकद दिया जाएगा. शिक्षा विभाग में शनिवार को 'नो बैग डे' सहित 41 हजार भर्तियों और कंप्यूटर शिक्षक कैडर बनाने की घोषणा सराहनीय है.
वहीं 167 ब्लॉक में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने की घोषणा पुरानी है, जिसे सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है. शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय, जोधपुर के भवन, खेल मैदान के विकास और उपकरणों के लिए 5 करोड़ की राशि के लिए सराहनीय है.