जयपुर. राजधानी के जामडोली विमंदित परिसर में आज 70 वां वन महोत्सव मनाया गया. जिसमें सीएम अशोक गहलोत ने पौधारोपण कर महोत्सव का शुभारंभ किया. साथ ही बच्चों ने भी पौधारोपण कर फॉरेस्ट बचाने का संदेश दिया. इस दौरान वन मंत्री सुखराम विश्नोई, मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विधायक रफीक खान मौजूद रहे.
प्रदेश में केवल 9 फीसदी वन क्षेत्र ही बचे हैं. ऐसे में राजस्थान के लिए यह बड़ी विकट स्थिति बन गई है. यदि समय रहते हुए जगंल को नहीं बचाया तो आने वाले दिनों में और भी स्थिति दिक्कत हो सकती है. ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कहा कि पौधों को अपने बच्चों की तरह बड़ा करें. हमारे पूर्वज भी पेड़ों के महत्व को समझते थे. हालांकि इस बार बारिश अच्छी हुई है. उनका यह भी कहना था, कि बारिश बचाना भी बेहद जरूरी है. आदिवासी इलाकों में वन ही लोगों की जिंदगी है.
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सीएम ने अपने संबोधन में बताया कि पहले चिपको आंदोलन भी पेड़ों को बचाने के लिए किया गया था. इस आंदोलन में पेड़ काटने पर रोक लगी थी. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से गुजारिश की है कि पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी जरूर करें. सीएम का यह भी कहना था कि पहले कार्यकाल में उन्होंने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का स्लोगन था, फिर 'बेटी बचाओ' और अब 'वन बचाओ' का नारा देता हूं.
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कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने पौधरोपण कर हरी झंडी दिखाकर पौधरोपण अभियान को आगे बढ़ाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. वहीं तीन श्रेणियों में अम्रता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार भी वितरित किये गए. तो वहीं सीएम गहलोत ने गुलाबीनगर के खास जगहों पर पौधरोपण की सुंदरता का भी पोस्टर विमोचन किया.