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जयपुरः 70वें वन महोत्सव का आयोजन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया 'वन बचाओ' का नारा - Chief Minister gives 'Save forest' slogan

जयपुर के जामडोली विमंदित परिसर में शुक्रवार को 70 वां वन महोत्सव मनाया गया. जिसके मुख्य अतिथि सीएम अशोक गहलोत रहे. उन्होंने पौधों को अपने बच्चों की तरह बड़ा करने की बात कही. साथ ही 'वन बचाओ' का नारा भी दिया.

जयपुर न्यूज, Jaipur News
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Published : Sep 6, 2019, 9:36 PM IST

जयपुर. राजधानी के जामडोली विमंदित परिसर में आज 70 वां वन महोत्सव मनाया गया. जिसमें सीएम अशोक गहलोत ने पौधारोपण कर महोत्सव का शुभारंभ किया. साथ ही बच्चों ने भी पौधारोपण कर फॉरेस्ट बचाने का संदेश दिया. इस दौरान वन मंत्री सुखराम विश्नोई, मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विधायक रफीक खान मौजूद रहे.

'बेटी बचाओ' के साथ अब 'वन बचाओ' का नारा

प्रदेश में केवल 9 फीसदी वन क्षेत्र ही बचे हैं. ऐसे में राजस्थान के लिए यह बड़ी विकट स्थिति बन गई है. यदि समय रहते हुए जगंल को नहीं बचाया तो आने वाले दिनों में और भी स्थिति दिक्कत हो सकती है. ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कहा कि पौधों को अपने बच्चों की तरह बड़ा करें. हमारे पूर्वज भी पेड़ों के महत्व को समझते थे. हालांकि इस बार बारिश अच्छी हुई है. उनका यह भी कहना था, कि बारिश बचाना भी बेहद जरूरी है. आदिवासी इलाकों में वन ही लोगों की जिंदगी है.

पढ़ें- नागौर-बीकानेर हाइवे पर पलटी कार, हादसे में नागौर विधायक घायल

सीएम ने अपने संबोधन में बताया कि पहले चिपको आंदोलन भी पेड़ों को बचाने के लिए किया गया था. इस आंदोलन में पेड़ काटने पर रोक लगी थी. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से गुजारिश की है कि पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी जरूर करें. सीएम का यह भी कहना था कि पहले कार्यकाल में उन्होंने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का स्लोगन था, फिर 'बेटी बचाओ' और अब 'वन बचाओ' का नारा देता हूं.

पढ़े- वसुंधरा राजे का बंगला खाली करवाने को लेकर बेनीवाल ने की ये टिप्पणी

कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने पौधरोपण कर हरी झंडी दिखाकर पौधरोपण अभियान को आगे बढ़ाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. वहीं तीन श्रेणियों में अम्रता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार भी वितरित किये गए. तो वहीं सीएम गहलोत ने गुलाबीनगर के खास जगहों पर पौधरोपण की सुंदरता का भी पोस्टर विमोचन किया.

जयपुर. राजधानी के जामडोली विमंदित परिसर में आज 70 वां वन महोत्सव मनाया गया. जिसमें सीएम अशोक गहलोत ने पौधारोपण कर महोत्सव का शुभारंभ किया. साथ ही बच्चों ने भी पौधारोपण कर फॉरेस्ट बचाने का संदेश दिया. इस दौरान वन मंत्री सुखराम विश्नोई, मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विधायक रफीक खान मौजूद रहे.

'बेटी बचाओ' के साथ अब 'वन बचाओ' का नारा

प्रदेश में केवल 9 फीसदी वन क्षेत्र ही बचे हैं. ऐसे में राजस्थान के लिए यह बड़ी विकट स्थिति बन गई है. यदि समय रहते हुए जगंल को नहीं बचाया तो आने वाले दिनों में और भी स्थिति दिक्कत हो सकती है. ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कहा कि पौधों को अपने बच्चों की तरह बड़ा करें. हमारे पूर्वज भी पेड़ों के महत्व को समझते थे. हालांकि इस बार बारिश अच्छी हुई है. उनका यह भी कहना था, कि बारिश बचाना भी बेहद जरूरी है. आदिवासी इलाकों में वन ही लोगों की जिंदगी है.

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सीएम ने अपने संबोधन में बताया कि पहले चिपको आंदोलन भी पेड़ों को बचाने के लिए किया गया था. इस आंदोलन में पेड़ काटने पर रोक लगी थी. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से गुजारिश की है कि पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी जरूर करें. सीएम का यह भी कहना था कि पहले कार्यकाल में उन्होंने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का स्लोगन था, फिर 'बेटी बचाओ' और अब 'वन बचाओ' का नारा देता हूं.

पढ़े- वसुंधरा राजे का बंगला खाली करवाने को लेकर बेनीवाल ने की ये टिप्पणी

कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने पौधरोपण कर हरी झंडी दिखाकर पौधरोपण अभियान को आगे बढ़ाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. वहीं तीन श्रेणियों में अम्रता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार भी वितरित किये गए. तो वहीं सीएम गहलोत ने गुलाबीनगर के खास जगहों पर पौधरोपण की सुंदरता का भी पोस्टर विमोचन किया.

Intro:वन महोत्सव के राज्य स्तरीय समारोह में सीएम अशोक गहलोत ने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का स्लोगन देने के बाद अब फिर 'बेटी बचाओ' और अब 'वन बचाओ' का नारा दिया है. जिसमें उन्होंने पौधरोपण के बाद पौधे को अपने बच्चों की तरह बड़ा करने की बात कही.


Body:जयपुर : राजधानी के जामडोली विमंदित परिसर में आज 70 वां वन महोत्सव मनाया गया. जिसमें सीएम अशोक गहलोत ने पौधारोपण कर महोत्सव का शुभारंभ किया. साथ ही बच्चों ने भी पौधारोपण कर फॉरेस्ट बचाने का संदेश दिया. इस दौरान वन मंत्री सुखराम बिश्नोई मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विधायक रफीक खान मौजूद रहे.

प्रदेश में केवल 9 फ़ीसदी वन क्षेत्र ही बचे हैं ऐसे में राजस्थान के लिए यह बड़ी विकट स्थिति बन गई है यदि समय रहते हुए फारेस्ट को नहीं बचाया तो आने वाले दिनों में और भी स्थिति दिक्कत हो सकती है. ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ने ऐसी ही स्थिति से निपटने के लिए कहा, कि पौधों को अपने बच्चों की तरह बड़ा करे. हमारे पूर्वज भी पेड़ों के महत्व को समझते थे. हालांकि इस बार बारिश अच्छी हुई है. उनका यह भी कहना था, कि बारिश बचाना भी बेहद जरूरी है. आदिवासी इलाकों में वन ही उनकी जिंदगी है.

सीएम ने अपने संबोधन में बताया, की पहले चिपको आंदोलन भी पेड़ों को बचाने के लिए किया गया था. इस आंदोलन में पेड़ काटने पर रोक लगी थी. वही विश्नोई समाज भी इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करता है. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से गुजारिश की कि पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी जरूर करें. सीएम का यह कहना भी था, कि पहले कार्यकाल में उन्होंने 'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ' का स्लोगन था, फिर 'बेटी बचाओ' और अब 'वन बचाओ' का नारा देता हूं.

कार्यक्रम से सीएम अशोक गहलोत ने पौधरोपण कर हरी झंडी दिखाकर पौधरोपण अभियान को आगे बढ़ाया. इन दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. वही तीन श्रेणियों में अम्रता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार भी वितरित किये गए. तो वही सीएम गहलोत ने गुलाबीनगर के खास जगहों पर पौधरोपण की सुंदरदा का भी पोस्टर विमोचन किया.

बाइट- अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री


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