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70वां संविधान दिवस पर राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों ने संविधान प्रस्तावना का किया वाचन - Governor Kalraj Mishra News

प्रदेश में संविधान दिवस पर राजभवन में एक समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों ने संविधान प्रस्तावना का वाचन किया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार और कर्तव्य दोनों दिए हैं इसलिए कर्तव्य का बोध होना आवश्यक है.

राजभवन में समारोह का आयोजन,  Celebration organized in Raj Bhavan
संविधान दिवस पर राजभवन में समारोह का आयोजन
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Published : Nov 26, 2019, 8:47 PM IST

जयपुर. प्रदेश में संविधान दिवस पर राजभवन में एक समारोह का आयोजन किया गया. वहीं, 70वें संविधान दिवस के अवसर पर राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों ने संविधान प्रस्तावना का वाचन किया. बता दें कि राज्यपाल ेक सचिव सुबीर कुमार ने राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया.

संविधान दिवस पर राजभवन में समारोह का आयोजन

राज्यपाल ने इस मौके पर डाॅ. भीम राव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, राजभवन में संविधान दिवस पर हुए समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार और कर्तव्य दोनों दिए है. मौलिक अधिकारों के साथ ही हमें कर्तव्य का बोध होना आवश्यक है और राष्ट्र की एकता व अखण्डता को सुनिश्चित करने वाला व्यवहार हम सभी को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत की शासन प्रणाली कैसी होगी, राष्ट्र के विधि-विधान क्या होंगे, इनका उल्लेख संविधान में किया गया है.

पढ़ें- प्रदेशभर में कुछ इस तरह से मनाया गया 70वां संविधान दिवस

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के स्वरूप और संरचना को संविधान में बताया गया है. संविधान की मूल भावना प्रस्तावना में है. मिश्र ने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुरूप भारत के नागरिकों को अनुच्छेद 51(क) में उल्लेखित कर्तव्य के अनुरूप आचरण व व्यवहार करना होगा.

राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित मौलिक अधिकार व कर्तव्य को पढ़कर सुनाया. इस अवसर पर राज्यपाल के विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल सहित राजभवन के अधिकारीगण और कर्मचारीगण मौजूद थे.

जयपुर. प्रदेश में संविधान दिवस पर राजभवन में एक समारोह का आयोजन किया गया. वहीं, 70वें संविधान दिवस के अवसर पर राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों ने संविधान प्रस्तावना का वाचन किया. बता दें कि राज्यपाल ेक सचिव सुबीर कुमार ने राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया.

संविधान दिवस पर राजभवन में समारोह का आयोजन

राज्यपाल ने इस मौके पर डाॅ. भीम राव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, राजभवन में संविधान दिवस पर हुए समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार और कर्तव्य दोनों दिए है. मौलिक अधिकारों के साथ ही हमें कर्तव्य का बोध होना आवश्यक है और राष्ट्र की एकता व अखण्डता को सुनिश्चित करने वाला व्यवहार हम सभी को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत की शासन प्रणाली कैसी होगी, राष्ट्र के विधि-विधान क्या होंगे, इनका उल्लेख संविधान में किया गया है.

पढ़ें- प्रदेशभर में कुछ इस तरह से मनाया गया 70वां संविधान दिवस

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के स्वरूप और संरचना को संविधान में बताया गया है. संविधान की मूल भावना प्रस्तावना में है. मिश्र ने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुरूप भारत के नागरिकों को अनुच्छेद 51(क) में उल्लेखित कर्तव्य के अनुरूप आचरण व व्यवहार करना होगा.

राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित मौलिक अधिकार व कर्तव्य को पढ़कर सुनाया. इस अवसर पर राज्यपाल के विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल सहित राजभवन के अधिकारीगण और कर्मचारीगण मौजूद थे.

Intro:70 वां संविधान दिवस पर राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों ने संविधान प्रस्तावना का किया वाचन

संविधान ने हमें अधिकार व कर्तव्य दोनों दिए हैं इसलिए कर्तव्य का बोध होना आवश्यक -राज्यपाल

जयपुर (इंट्रो)
संविधान ने हमें अधिकार और कर्तव्य दोनों दिए है। मौलिक अधिकारों के साथ ही हमें कर्तव्य का बोध होना आवश्यक है और राष्ट्र की एकता व अखण्डता को सुनिश्चित करने वाला व्यवहार हम सभी को करना चाहिए। राजभवन में संविधान दिवस पर हुए समारोह को संबोधित करते हुए यह बात राज्यपाल कलराज मिश्र ने कही। राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने 70 वें संविधान दिवस पर राज्यपाल के समक्ष 70 लोगों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया। राज्यपाल ने इस मौके पर डाॅ. भीम राव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वाजंलि अर्पित की।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि भारत की शासन प्रणाली कैसी होगी, राष्ट्र के विधि - विधान क्या होंगे, इनका उल्लेख संविधान में किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के स्वरूप और संरचना को संविधान में बताया गया है। संविधान की मूल भावना प्रस्तावना में है। मिश्र ने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुरूप भारत के नागरिकों को अनुच्छेद 51(क) में उल्लेखित कर्तव्य के अनुरूप आचरण व व्यवहार करना होगा। राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित मौलिक अधिकार व कर्तव्य को पढकर सुनाया। इस अवसर पर राज्यपाल के विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल सहित राजभवन के अधिकारीगण व कर्मचारीगण मौजूद थे।

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