जयपुर. प्रदेश में बर्ड फ्लू का कहर जारी है. पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. रोजाना सैकड़ों पक्षियों की मौत हो रही है. बर्ड फ्लू से ज्यादातर कौवों की मौत हो रही है. प्रदेश में अब तक 3947 पक्षियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 2900 कौवे, 211 मोर, 242 कबूतर और 594 अन्य पक्षियों की मौत हुई है.
पूरे प्रदेश में आज एक दिन में 626 पक्षियों की मौत हुई है. जिनमें 349 कौवे, 22 मोर, 52 कबूतर और 203 अन्य पक्षी शामिल हैं. राजस्थान में करीब 16 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में 26 जिलों से 251 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. 12 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 16 जिलों में 62 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं.
जयपुर में एक दिन में 122 पक्षी मरे
भरतपुर और जोधपुर से मृत पक्षियों की भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. वहीं झुंझुनू से भेजी गई सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. जयपुर में एक दिन में ही 122 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 107 कौवे, 10 कबूतर और 5 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर में अब तक 686 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 618 कौवे, 4 मोर, 27 कबूतर, 4 मुर्गी और 33 अन्य पक्षी शामिल है.
पढ़ें- प्रतापगढ़ में बर्ड फ्लू की दस्तक: नानणा में मृत कौओं की रिपोर्ट आई पॉजिटिव, प्रशासन हुआ अलर्ट
किस जिले में कितने पक्षी मरे
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 122, अलवर में 33, दोसा में 20, झुंझुनू में 04, सीकर में 03, भीलवाड़ा में 16, नागौर में 13, टोंक में 08, भरतपुर में 19, करौली में 01, सवाई माधोपुर में 06, हनुमानगढ़ में 128, जोधपुर में 27, बाड़मेर में 68, जालौर में 03, पाली में 13, सिरोही में 02, कोटा में 44, बारां में 14, बूंदी में 16, झालावाड़ में 43, बांसवाड़ा में 03, चित्तौड़गढ़ में 20 पक्षियों की मौत हुई है. प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरती के भी निर्देश दिए गए हैं.
सरकार ने बढ़ाई सतर्कता
पशुपालन विभाग वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई गई है। पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौवे के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मारने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौवों के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.