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झूलेलाल मार्केट की दुकानों में लोगों ने दिखाई रूचि, एक ही दिन में बिक गई 59 दुकानें

जयपुर के झूले मार्केट की 59 दुकानें की एक दिन ही में बिक्री हो गई. इस बिक्री से आवासन मंडल को 6 करोड़ का राजस्व मिला है. अब मार्केट के सौंदर्यीकरण पर काम किया जाएगा.

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झुलेलाल मार्केट की दुकानों की बिक्री
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Published : Jan 28, 2020, 12:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आवासों के बाद अब दुकानों में भी लोगों ने रूचि दिखाई है. मानसरोवर योजना में स्थित झूलेलाल मार्केट की 59 दुकानें एक ही दिन में बिक गई. जिससे आवासन मंडल को 6 करोड़ का राजस्व मिला है.

झुलेलाल मार्केट की दुकानों की बिक्री...

मानसरोवर योजना के थड़ी होल्डर्स के स्थाई सुनियोजित पुनर्वास के लिए हाउसिंग बोर्ड ने सेक्टर 11 में 2007-08 में तीन मंजिला झूलेलाल मार्केट का निर्माण किया था. जिसमें 526 दुकानें बनाई गई थी लेकिन सालों तक उन दुकानों का विक्रय नहीं हो पाया. इन्हें बेचने की योजना के तहत 266 दुकानों को तिब्बती व्यापार संघ को आवंटित किया गया. इस संबंध में तिब्बती व्यापार संघ की अध्यक्ष लामो ने बताया कि प्रति दुकान 6 लाख 50 हजार रूपए की कीमत पड़ी है. इससे अब उन्हें व्यापार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

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वहीं बची हुई 59 दुकानों को खुली बिक्री योजना के जरिए बेचने का फैसला लिया गया. ये योजना 27 जनवरी से शुरू होकर 19 फरवरी तक चलनी थी लेकिन पहले ही दिन इन दुकानों को खरीदने के लिए 462 खरीददारों ने खुली बिक्री योजना में भाग लिया. वहीं एक ही दिन में सभी 59 दुकानें बेच दी गई. योजना में ज्यादा खरीददार आने की वजह से दुकानों का आवंटन लॉटरी निकाल कर किया गया.

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इन दुकानों के आवंटन से बोर्ड को 6 करोड़ का राजस्व मिला है. जबकि इसी मार्केट में तिब्बती शरणार्थियों को भी व्यापार के लिए स्थाई जगह उपलब्ध कराने की मंशा से 266 दुकानों का आवंटन किया गया है. वहीं बिक्री की दुकानों में से दुकान नंबर 59 को खरीदने में तो 126 लोगों ने रूचि दिखाई.

अब झूलेलाल मार्केट के सौंदर्यीकरण और सुधारीकरण पर 1 करोड़ रूपए खर्च किया जाएगा. मार्केट की दुकानों के खरीदारों को स्वर्ण जयंती उपहार योजना का भी लाभ मिला. प्रत्येक खरीदार को निश्चित उपहार के रूप में एक मिक्सर ग्राइंडर और 11 खरीदारों के लिए होंडा एक्टिवा स्कूटर की लॉटरी निकाली गई.

जयपुर. राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आवासों के बाद अब दुकानों में भी लोगों ने रूचि दिखाई है. मानसरोवर योजना में स्थित झूलेलाल मार्केट की 59 दुकानें एक ही दिन में बिक गई. जिससे आवासन मंडल को 6 करोड़ का राजस्व मिला है.

झुलेलाल मार्केट की दुकानों की बिक्री...

मानसरोवर योजना के थड़ी होल्डर्स के स्थाई सुनियोजित पुनर्वास के लिए हाउसिंग बोर्ड ने सेक्टर 11 में 2007-08 में तीन मंजिला झूलेलाल मार्केट का निर्माण किया था. जिसमें 526 दुकानें बनाई गई थी लेकिन सालों तक उन दुकानों का विक्रय नहीं हो पाया. इन्हें बेचने की योजना के तहत 266 दुकानों को तिब्बती व्यापार संघ को आवंटित किया गया. इस संबंध में तिब्बती व्यापार संघ की अध्यक्ष लामो ने बताया कि प्रति दुकान 6 लाख 50 हजार रूपए की कीमत पड़ी है. इससे अब उन्हें व्यापार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

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वहीं बची हुई 59 दुकानों को खुली बिक्री योजना के जरिए बेचने का फैसला लिया गया. ये योजना 27 जनवरी से शुरू होकर 19 फरवरी तक चलनी थी लेकिन पहले ही दिन इन दुकानों को खरीदने के लिए 462 खरीददारों ने खुली बिक्री योजना में भाग लिया. वहीं एक ही दिन में सभी 59 दुकानें बेच दी गई. योजना में ज्यादा खरीददार आने की वजह से दुकानों का आवंटन लॉटरी निकाल कर किया गया.

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इन दुकानों के आवंटन से बोर्ड को 6 करोड़ का राजस्व मिला है. जबकि इसी मार्केट में तिब्बती शरणार्थियों को भी व्यापार के लिए स्थाई जगह उपलब्ध कराने की मंशा से 266 दुकानों का आवंटन किया गया है. वहीं बिक्री की दुकानों में से दुकान नंबर 59 को खरीदने में तो 126 लोगों ने रूचि दिखाई.

अब झूलेलाल मार्केट के सौंदर्यीकरण और सुधारीकरण पर 1 करोड़ रूपए खर्च किया जाएगा. मार्केट की दुकानों के खरीदारों को स्वर्ण जयंती उपहार योजना का भी लाभ मिला. प्रत्येक खरीदार को निश्चित उपहार के रूप में एक मिक्सर ग्राइंडर और 11 खरीदारों के लिए होंडा एक्टिवा स्कूटर की लॉटरी निकाली गई.

Intro:जयपुर - राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आवासों के बाद अब दुकानों में भी लोगों ने रुचि दिखाई है। मानसरोवर योजना में स्थित झूलेलाल मार्केट की 59 दुकानें एक ही दिन में बिक गई। जिससे मंडल को 6 करोड़ का राजस्व मिला है। जबकि इसी मार्केट में तिब्बती शरणार्थियों को भी व्यापार के लिए स्थाई जगह उपलब्ध कराने की मंशा से 266 दुकानों का आवंटन किया गया है।


Body:मानसरोवर योजना के थड़ी होल्डर्स के स्थाई सुनियोजित पुनर्वास के लिए हाउसिंग बोर्ड ने सेक्टर 11 में 2007-08 में तीन मंजिला झूलेलाल मार्केट का निर्माण किया था। जिसमें 526 दुकानें बनाई गई थी। लेकिन सालों तक उन दुकानों का विक्रय नहीं हो पाया। इन्हें बेचने की योजना के तहत 266 दुकानों को तिब्बती व्यापार संघ को आवंटित किया गया। इस संबंध में तिब्बती व्यापार संघ की अध्यक्ष लामो ने बताया कि प्रति दुकान 6 लाख 50 हजार रुपए की कॉस्ट पड़ी है। इससे अब उन्हें व्यापार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
बाईट - लामो, अध्यक्ष, तिब्बती व्यापार संघ

वहीं बची हुई 59 दुकानों को खुली बिक्री योजना के जरिए बेचने का फैसला लिया गया। 27 जनवरी से शुरू होकर ये योजना 19 फरवरी तक चलनी थी। लेकिन पहले ही दिन इन दुकानों को खरीदने के लिए 462 खरीददारों ने खुली बिक्री योजना में भाग लिया। और एक ही दिन में सभी 59 दुकानें बेच दी गई। योजना में ज्यादा खरीददार आने की वजह से दुकानों का आवंटन लॉटरी निकाल कर किया गया। इन दुकानों के आवंटन से बोर्ड को 6 करोड़ का राजस्व मिला है। इनमें से दुकान नंबर 59 को खरीदने में तो 126 लोगों ने रुचि दिखाई। वहीं अब झूलेलाल मार्केट के सौंदर्यीकरण और सुधारीकरण पर 1 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा।
बाईट - पवन अरोड़ा, कमिश्नर, हाउसिंग बोर्ड


Conclusion:झूलेलाल मार्केट की दुकानों के खरीदारों को स्वर्ण जयंती उपहार योजना का भी लाभ मिला। प्रत्येक खरीदार को निश्चित उपहार के रूप में एक मिक्सर ग्राइंडर और 11 खरीदारों के लिए होंडा एक्टिवा स्कूटर की लॉटरी निकाली गई।
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