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कांग्रेस-बीजेपी के 50 बागी अब भी मैदान में, अच्छे वोटों से जीते पूर्व पार्षद बन सकते हैं पार्टी के लिए खतरा - निकाय चुनाव में बागी नेता

भाजपा और कांग्रेस ने करीब 30 से ज्यादा नामांकन वापस करवाएं हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के 50 से ज्यादा बागी प्रत्याशी मैदान में अभी भी हैं. हालांकि दोनों ही पार्टियों का मानना है कि कुछ ऐसे विद्रोही कार्यकर्ता हैं, जो उनके अधिकृत प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जिसे लेकर दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं ने बागियों को चेतावनी दी है.

बीजेपी के बागी नेता मैदान में, BJP rebel leader in field
बागीन नेता ने बीजेपी-कांग्रेस की बढ़ाई चिंता
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Published : Oct 23, 2020, 1:34 PM IST

कोटा. नगर निगम चुनाव में बागी बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं. दोनों ही पार्टी के करीब 80 कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय ही टिकट नहीं मिलने और एमएलए से नाराजगी जताते हुए नामांकन दर्ज करा दिए थे. भागदौड़ करते हुए भाजपा और कांग्रेस ने करीब 30 से ज्यादा नामांकन वापस करवाएं हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के 50 से ज्यादा बागी प्रत्याशी मैदान में अभी भी हैं.

कांग्रेस बीजेपी के बागी

हालांकि, दोनों ही पार्टियों का मानना है कि कुछ ऐसे विद्रोही कार्यकर्ता हैं, जो उनके अधिकृत प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं ने बागियों को चेतावनी दी है कि पार्टी की विचारधारा को देखते हुए अधिकृत प्रत्याशियों को ही समर्थन करें, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.

पढ़ें- नगर निगम चुनाव 2020: नाम वापसी के बाद सदस्य पद के लिए 2238 उम्मीदवार चुनाव मैदान में

अच्छे वोटों से जीते पूर्व पार्षद भी बागी...

टिकट कटने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के पार्षद रहे राकेश पुटरा ने उत्तर नगर निगम के वार्ड नंबर 50 से निर्दलीय ही मैदान में है. पिछली बार बीजेपी से चुनाव लड़ते समय 3500 से ज्यादा मतों से वे जीते थे. ऐसे में इस बार भी पुटरा बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. वहीं पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के भतीजे ओम गुंजल भी वार्ड नंबर 30 से निर्दलीय ही मैदान में हैं. यह भी पिछली बार भाजपा से ही पार्षद रहे थे.

कांग्रेस पार्टी की बात की जाए, तो पूर्व पार्षद मोनू कुमारी और वार्ड नंबर 38 से जिग्नेश शाह मैदान में है. जिग्नेश यहां दो बार पार्षद रहे हैं. इसके अलावा पिछले बोर्ड में पार्षद रहे मोहम्मद हुसैन आम आदमी पार्टी से थे, कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने वापस बगावत कर दी. वे निर्दलीय ही मैदान में उतर गए हैं. हालांकि उन्हें कांग्रेस पार्टी में निष्कासित कर दिया.

बीजेपी में पूर्व मंडल अध्यक्ष से लेकर युवा कार्यकर्ता मैदान में...

भाजपा छावनी मंडल के पूर्व अध्यक्ष रहे खेमचंद शाक्यवाल ने कोटा दक्षिण के वार्ड नंबर 42 से अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. जबकि वार्ड नंबर 4 से हरि ओम स्वामी, 6 से नरेश, 9 से अनीता, 17 से जयराजसिंह, 33 से रीना 36 से सुरेंद्र नागर, 38 से महावीर नागर, 53 से बलराम, 55 से छोटी बाई 67 से भानु प्रताप और 68 से सुनील गौतम मैदान में है.

वहीं कोटा उत्तर के वार्ड 15 से इरशाद अली, 45 से जतिन लोधा, 70 से बीरबल लोधा, 24 रितु कंवर, 26 सुनील शर्मा, 59 से कमलेश, 17 से इना मीणा, 19 विशाल और वार्ड 49 से बलविंद्र के अलावा भी अन्य कई बागी बीजेपी के हैं.

कांग्रेस में ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ने भी की बगावत...

कांग्रेस में बागियों का काफी बोलबाला है. इसके अलावा ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहन सैनी और झालावाड़ संसदीय क्षेत्र से पिछले आम चुनाव में प्रत्याशी रहे प्रमोद शर्मा के भाई कपिल शर्मा भी निर्दलीय के तौर पर ही मैदान में है. वहीं, कांग्रेस की तरफ से हर्षित गौतम, रमेश यादव, रणजीत प्रजापति, अरुणा चौहान, शफीक, हेमंत मेहरा व बाबूलाल नागर ने नाम वापस लिए हैं.

हालांकि, कांग्रेस ने सूची जारी नहीं की थी, इसके चलते बागियों को समय नहीं मिला. ऐसे में अधिकांश कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टिकट कटने की जानकारी ही बाद में मिली. ऐसे में कार्यकर्ताओं को बागी बनकर नामांकन दर्ज कराने का मौका नहीं मिला. यह लोग मैदान में जरूर कांग्रेस की बगावत कर रहे हैं. अधिकृत प्रत्याशी की खिलाफत भी हो रही है.

पढ़ें- देश के यही हालात रहे तो BJP को सत्ता छोड़नी पड़ेगी: मुरारी लाल मीणा

इधर, नामांकन खारिज होने के बाद भाजपा ने 2 वार्डों में निर्दलीयों को दिया समर्थन...

भारतीय जनता पार्टी का दक्षिण नगर निगम के वार्ड 46 से अधिकृत प्रत्याशी अब्दुल हमीद कानू का नामांकन संतानों की संख्या ज्यादा होने के चलते रद्द हो गया था. ऐसे में उनकी जगह निर्दलीय प्रत्याशी शबीना को समर्थन कर दिया है. वहीं उत्तर नगर निगम के वार्ड 30 में रिटर्निंग ऑफिसर ने मध्य प्रदेश का ओबीसी सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं देते हुए निशा यादव का भी नामांकन रद्द कर दिया था. बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी निशा यादव की जगह अब पार्टी ने पूजा यादव को समर्थन कर दिया है. साथ ही किरण माहेश्वरी ने पूजा यादव को पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण करवा दी.

कोटा. नगर निगम चुनाव में बागी बीजेपी और कांग्रेस के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं. दोनों ही पार्टी के करीब 80 कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय ही टिकट नहीं मिलने और एमएलए से नाराजगी जताते हुए नामांकन दर्ज करा दिए थे. भागदौड़ करते हुए भाजपा और कांग्रेस ने करीब 30 से ज्यादा नामांकन वापस करवाएं हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के 50 से ज्यादा बागी प्रत्याशी मैदान में अभी भी हैं.

कांग्रेस बीजेपी के बागी

हालांकि, दोनों ही पार्टियों का मानना है कि कुछ ऐसे विद्रोही कार्यकर्ता हैं, जो उनके अधिकृत प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं ने बागियों को चेतावनी दी है कि पार्टी की विचारधारा को देखते हुए अधिकृत प्रत्याशियों को ही समर्थन करें, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.

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अच्छे वोटों से जीते पूर्व पार्षद भी बागी...

टिकट कटने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के पार्षद रहे राकेश पुटरा ने उत्तर नगर निगम के वार्ड नंबर 50 से निर्दलीय ही मैदान में है. पिछली बार बीजेपी से चुनाव लड़ते समय 3500 से ज्यादा मतों से वे जीते थे. ऐसे में इस बार भी पुटरा बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. वहीं पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के भतीजे ओम गुंजल भी वार्ड नंबर 30 से निर्दलीय ही मैदान में हैं. यह भी पिछली बार भाजपा से ही पार्षद रहे थे.

कांग्रेस पार्टी की बात की जाए, तो पूर्व पार्षद मोनू कुमारी और वार्ड नंबर 38 से जिग्नेश शाह मैदान में है. जिग्नेश यहां दो बार पार्षद रहे हैं. इसके अलावा पिछले बोर्ड में पार्षद रहे मोहम्मद हुसैन आम आदमी पार्टी से थे, कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने वापस बगावत कर दी. वे निर्दलीय ही मैदान में उतर गए हैं. हालांकि उन्हें कांग्रेस पार्टी में निष्कासित कर दिया.

बीजेपी में पूर्व मंडल अध्यक्ष से लेकर युवा कार्यकर्ता मैदान में...

भाजपा छावनी मंडल के पूर्व अध्यक्ष रहे खेमचंद शाक्यवाल ने कोटा दक्षिण के वार्ड नंबर 42 से अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. जबकि वार्ड नंबर 4 से हरि ओम स्वामी, 6 से नरेश, 9 से अनीता, 17 से जयराजसिंह, 33 से रीना 36 से सुरेंद्र नागर, 38 से महावीर नागर, 53 से बलराम, 55 से छोटी बाई 67 से भानु प्रताप और 68 से सुनील गौतम मैदान में है.

वहीं कोटा उत्तर के वार्ड 15 से इरशाद अली, 45 से जतिन लोधा, 70 से बीरबल लोधा, 24 रितु कंवर, 26 सुनील शर्मा, 59 से कमलेश, 17 से इना मीणा, 19 विशाल और वार्ड 49 से बलविंद्र के अलावा भी अन्य कई बागी बीजेपी के हैं.

कांग्रेस में ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ने भी की बगावत...

कांग्रेस में बागियों का काफी बोलबाला है. इसके अलावा ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहन सैनी और झालावाड़ संसदीय क्षेत्र से पिछले आम चुनाव में प्रत्याशी रहे प्रमोद शर्मा के भाई कपिल शर्मा भी निर्दलीय के तौर पर ही मैदान में है. वहीं, कांग्रेस की तरफ से हर्षित गौतम, रमेश यादव, रणजीत प्रजापति, अरुणा चौहान, शफीक, हेमंत मेहरा व बाबूलाल नागर ने नाम वापस लिए हैं.

हालांकि, कांग्रेस ने सूची जारी नहीं की थी, इसके चलते बागियों को समय नहीं मिला. ऐसे में अधिकांश कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टिकट कटने की जानकारी ही बाद में मिली. ऐसे में कार्यकर्ताओं को बागी बनकर नामांकन दर्ज कराने का मौका नहीं मिला. यह लोग मैदान में जरूर कांग्रेस की बगावत कर रहे हैं. अधिकृत प्रत्याशी की खिलाफत भी हो रही है.

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इधर, नामांकन खारिज होने के बाद भाजपा ने 2 वार्डों में निर्दलीयों को दिया समर्थन...

भारतीय जनता पार्टी का दक्षिण नगर निगम के वार्ड 46 से अधिकृत प्रत्याशी अब्दुल हमीद कानू का नामांकन संतानों की संख्या ज्यादा होने के चलते रद्द हो गया था. ऐसे में उनकी जगह निर्दलीय प्रत्याशी शबीना को समर्थन कर दिया है. वहीं उत्तर नगर निगम के वार्ड 30 में रिटर्निंग ऑफिसर ने मध्य प्रदेश का ओबीसी सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं देते हुए निशा यादव का भी नामांकन रद्द कर दिया था. बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी निशा यादव की जगह अब पार्टी ने पूजा यादव को समर्थन कर दिया है. साथ ही किरण माहेश्वरी ने पूजा यादव को पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण करवा दी.

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