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पुलिस कस्टडी में 5 महीने के अंदर 5 मौतें...पुलिस मुख्यालय सरकार को सौंपेगा रिपोर्ट

राजस्थान के बाड़मेर में हाल ही में पुलिस कस्टडी में हुई आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस मुख्यालय गंभीर नजर आ रहा है. पुलिस मुख्यालय ने बीते पांच माह में हुई इस तरह की मौत के मामलों की रिपोर्ट तैयार की है, जिसे राज्य सरकार को सौंपा जाएगा.

custodial death in rajasthan, पुलिस कस्टडी में हुई 5 मौतें
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Published : Oct 10, 2019, 5:13 PM IST

जयपुर. प्रदेश में पुलिस हिरासत में हो रही मौत की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय भी गंभीर नजर आ रहा है. जिस तरह से पिछले कुछ माह के दौरान पुलिस हिरासत में मौत होने के 5 मामले सामने आए हैं उसे लेकर सरकार भी काफी गंभीर नजर आ रही है. वहीं पुलिस मुख्यालय से एक कमेटी का गठन कर पुलिस हिरासत में हुई तमाम मौत की रिपोर्ट बनाने के लिए एक एडीजी स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया गया है. कमेटी अपनी रिपोर्ट बनाने के बाद डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव और सरकार को सौंपेगी.

थानों में पुलिस हिरासत में मौत के मामले राजस्थान पुलिस ने तैयार की रिपोर्ट

प्रदेश में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामलों को लेकर एडीजी क्राइम बीएल सोनी का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय काफी गंभीर है. और यही कारण है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय लगातार एक्शन भी ले रहा है. पूर्व में पुलिस हिरासत में मौत के जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.

पढ़ेंः एसीबी की बड़ी कार्रवाई, रीको सेक्शन अधिकारी को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते किया ट्रैप

इसके साथ ही अलग से प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं. हाल ही में बाड़मेर के पचपदरा में पुलिस हिरासत में हुई आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत के बाद पुलिस मुख्यालय से एडीजी स्तर के एक अधिकारी को बाड़मेर भेजा गया और साथ ही उनसे पूरे प्रकरण पर एक रिपोर्ट भी पुलिस मुख्यालय और सरकार ने मांगी है. प्रदेश में दोबारा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों द्वारा प्रत्येक थाना स्तर पर कड़े दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

पढ़ेंः राजस्थान की IAS अधिकारी के पति की कार में मिली चरस, जांच में जुटी दिल्ली पुलिस


प्रदेश में गत कुछ माह के दौरान पुलिस हिरासत में हुई मौत का आंकड़ा

  • अजमेर के पीसांगन थाने में 13 मई को पुलिस हिरासत में मांगीलाल कालेसरा की मौत हुई. मृतक ने हवालात में फांसी लगाकर आत्महत्या की. जिस पर पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया. वहीं 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया.
  • चूरू के सरदार शहर थाने में 7 जुलाई को पुलिस हिरासत में चोरी के आरोपी नेमीचंद नायक की मौत हुई. जिस पर थानाधिकारी रणवीर सिंह सहित आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया. वहीं 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया.
  • कोटा के महावीर नगर थाने में 23 अगस्त को हनुमान नामक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हुई. जिस पर थाना अधिकारी को सस्पेंड किया गया और इसके साथ ही 21 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया.
  • बारां के मांगरोल थाने में 6 सितंबर को पुलिस हिरासत में गिरिराज नामक युवक की मौत हुई. जिस पर थाना प्रभारी चंद्रभान सिंह सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया. इसके अलावा पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया.
  • बाड़मेर के पचपदरा थाने में 6 अक्टूबर को एक आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश गोलिया की पुलिस हिरासत में मौत हुई. जिस पर थाना प्रभारी सरोज चौधरी सहित पूरे थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके साथ थानेदार सहित 10 पुलिसकर्मी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया.

जयपुर. प्रदेश में पुलिस हिरासत में हो रही मौत की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय भी गंभीर नजर आ रहा है. जिस तरह से पिछले कुछ माह के दौरान पुलिस हिरासत में मौत होने के 5 मामले सामने आए हैं उसे लेकर सरकार भी काफी गंभीर नजर आ रही है. वहीं पुलिस मुख्यालय से एक कमेटी का गठन कर पुलिस हिरासत में हुई तमाम मौत की रिपोर्ट बनाने के लिए एक एडीजी स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया गया है. कमेटी अपनी रिपोर्ट बनाने के बाद डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव और सरकार को सौंपेगी.

थानों में पुलिस हिरासत में मौत के मामले राजस्थान पुलिस ने तैयार की रिपोर्ट

प्रदेश में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामलों को लेकर एडीजी क्राइम बीएल सोनी का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय काफी गंभीर है. और यही कारण है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय लगातार एक्शन भी ले रहा है. पूर्व में पुलिस हिरासत में मौत के जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.

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इसके साथ ही अलग से प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं. हाल ही में बाड़मेर के पचपदरा में पुलिस हिरासत में हुई आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत के बाद पुलिस मुख्यालय से एडीजी स्तर के एक अधिकारी को बाड़मेर भेजा गया और साथ ही उनसे पूरे प्रकरण पर एक रिपोर्ट भी पुलिस मुख्यालय और सरकार ने मांगी है. प्रदेश में दोबारा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों द्वारा प्रत्येक थाना स्तर पर कड़े दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

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प्रदेश में गत कुछ माह के दौरान पुलिस हिरासत में हुई मौत का आंकड़ा

  • अजमेर के पीसांगन थाने में 13 मई को पुलिस हिरासत में मांगीलाल कालेसरा की मौत हुई. मृतक ने हवालात में फांसी लगाकर आत्महत्या की. जिस पर पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया. वहीं 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया.
  • चूरू के सरदार शहर थाने में 7 जुलाई को पुलिस हिरासत में चोरी के आरोपी नेमीचंद नायक की मौत हुई. जिस पर थानाधिकारी रणवीर सिंह सहित आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया. वहीं 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया.
  • कोटा के महावीर नगर थाने में 23 अगस्त को हनुमान नामक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हुई. जिस पर थाना अधिकारी को सस्पेंड किया गया और इसके साथ ही 21 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया.
  • बारां के मांगरोल थाने में 6 सितंबर को पुलिस हिरासत में गिरिराज नामक युवक की मौत हुई. जिस पर थाना प्रभारी चंद्रभान सिंह सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया. इसके अलावा पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया.
  • बाड़मेर के पचपदरा थाने में 6 अक्टूबर को एक आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश गोलिया की पुलिस हिरासत में मौत हुई. जिस पर थाना प्रभारी सरोज चौधरी सहित पूरे थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके साथ थानेदार सहित 10 पुलिसकर्मी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया.
Intro:जयपुर
एंकर- प्रदेश में पुलिस हिरासत में हो रही मौत की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय भी गंभीर नजर आ रहा है। जिस तरह से पिछले कुछ माह के दौरान पुलिस हिरासत में मौत होने के 5 मामले सामने आए हैं उसे लेकर सरकार भी काफी गंभीर नजर आ रही है। वहीं पुलिस मुख्यालय से एक कमेटी का गठन कर पुलिस हिरासत में हुई तमाम मौत की रिपोर्ट बनाने के लिए एक एडीजी स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया गया है। कमेटी अपनी रिपोर्ट बनाने के बाद डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव और सरकार को सौंपेगी।


Body:वीओ- प्रदेश में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामलों को लेकर एडीजी क्राइम बीएल सोनी का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय काफी गंभीर है और यही कारण है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय लगातार एक्शन भी ले रहा है। पूर्व में पुलिस हिरासत में मौत के जितने भी मामले सामने आए हैं उनमें जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही अलग से प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं। हाल ही में बाड़मेर के पचपदरा में पुलिस हिरासत में हुई आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत के बाद पुलिस मुख्यालय से एडीजी स्तर के एक अधिकारी को बाड़मेर भेजा गया और साथ ही उनसे पूरे प्रकरण पर एक रिपोर्ट भी पुलिस मुख्यालय और सरकार ने मांगी है। प्रदेश में दोबारा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों द्वारा प्रत्येक थाना स्तर पर कड़े दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

बाइट- बीएल सोनी, एडीजी क्राइम- राजस्थान

प्रदेश में गत कुछ माह के दौरान पुलिस हिरासत में हुई मौत का आंकड़ा

1. अजमेर के पीसांगन थाने में 13 मई को पुलिस हिरासत में मांगीलाल कालेसरा की मौत हुई। मृतक ने हवालात में फांसी लगाकर आत्महत्या की। जिस पर पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया। वहीं 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया।

2. चूरू के सरदार शहर थाने में 7 जुलाई को पुलिस हिरासत में चोरी के आरोपी नेमीचंद नायक की मौत हुई। जिस पर थानाधिकारी रणवीर सिंह सहित आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। वहीं 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया।

3. कोटा के महावीर नगर थाने में 23 अगस्त को हनुमान नामक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हुई। जिस पर थाना अधिकारी को सस्पेंड किया गया और इसके साथ ही 21 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया।

4. बारां के मांगरोल थाने में 6 सितंबर को पुलिस हिरासत में गिरिराज नामक युवक की मौत हुई। जिस पर थाना प्रभारी चंद्रभान सिंह सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया। इसके अलावा पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया।

5. बाड़मेर के पचपदरा थाने में 6 अक्टूबर को एक आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश गोलिया की पुलिस हिरासत में मौत हुई। जिस पर थाना प्रभारी सरोज चौधरी सहित पूरे थाने के स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया गया। इसके साथ थानेदार सहित 10 पुलिसकर्मी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।


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