जयपुर. आवासन मंडल द्वारा प्रीमियम संपत्तियों को बेचने के लिए चलाया जा रहा ई ऑक्शन फायदे का सौदा रहा हैं. दो चरणों में मंडल को 41 संपत्तियों के विक्रय से 33 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है. शुक्रवार को समाप्त हुए ई ऑक्शन के दूसरे चरण में 30 प्रीमियम संपत्तियों के विक्रय से 24 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है. इससे पहले आयुष मार्केट की 11 दुकानों की ई ऑक्शन से 8 करोड़ 52 लाख रुपए का राजस्व मिला था.
राजस्थान आवासन मंडल के 15 से 17 जुलाई के बीच हुए ई ऑक्शन में प्रदेश में 17 प्रीमियम आवासीय संपत्तियां 13 करोड़ 87 लाख रुपए में बिकी है, जबकि इन संपत्तियों का न्यूनतम बिक्री मूल्य 9 करोड़ 44 लाख रुपए था. इसी तरह 13 व्यवसायिक संपत्तियों के विक्रय से 10 करोड़ 54 लाख रुपए का राजस्व मिला है. वहीं इन संपत्तियों का न्यूनतम बिक्री मूल्य 4 करोड़ 65 लाख रुपए था.
कोरोना काल में मंडल द्वारा चलाई गई ई ऑक्शन योजना में 448 लोगों ने भाग लिया था. नतीजन मंडल को महज 41 संपत्तियों से ही 33 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई है. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि जयपुर की मानसरोवर योजना में 13.5 वर्ग मीटर की एक दुकान 3 लाख 72 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर में बिकी है, जबकि इससे पहले प्रताप नगर के आयुष मार्केट में 11 दुकानों के भूखंड 8 करोड़ 52 लाख रुपए में बिके थे.
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बता दें कि अब 20 से 22 जुलाई तक आवासीय और व्यावसायिक प्रीमियम संपत्तियों की नीलामी की जाएगी. इसमें जयपुर के प्रतापनगर, मानसरोवर, कोटा के दादाबाड़ी, बीकानेर के मुक्ता प्रसाद नगर में आवासीय भूखंड शामिल है, जबकि जयपुर के प्रतापनगर, मानसरोवर झूलेलाल मार्केट और मानसरोवर कमर्शियल बेल्ट बी में व्यवसायिक भूखंडों को ई ऑक्शन के माध्यम से बेचा जाएगा.