जयपुर. गहलोत सरकार प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी कर रही है. सरकार का मुख्य मकसद प्रदेश में चल रही चिकित्सकों की कमी को दूर करना है क्योंकि भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान काफी बड़ा राज्य है. ऐसे में हर क्षेत्र और हर व्यक्ति तक चिकित्सकीय सुविधा पहुंचे, इसके प्रयास चिकित्सा विभाग की ओर से किए जा रहे हैं. फिलहाल 16 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्य चल रहा (16 colleges under construction in Rajasthan) है. इनमें से चार मेडिकल कॉलेज इसी वर्ष शुरू हो जाएंगे.
मामले को लेकर चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया का कहना है कि मौजूदा समय में प्रदेश के अलग-अलग 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज निर्माण का कार्य चल रहा है. इनमें से 4 नए मेडिकल कॉलेज इसी वर्ष शुरू कर दिए जाएंगे. गालरिया का कहना है कि गंगानगर, चित्तौड़गढ़, धौलपुर और सिरोही में मेडिकल कॉलेज इसी वर्ष शुरू कर दिए जाएंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की ओर से पहले राउंड का इंस्पेक्शन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है.
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गालरिया का कहना है कि इन सभी मेडिकल कॉलेज को इसी एकेडमिक सेशन से शुरू कर दिया जाएगा. हमारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेज में लैब, लाइब्रेरी और हॉस्टल से जुड़ा काम भी पूरा हो चुका है. जैसे ही एनएमसी अनुमति देती है, वैसे ही इन मेडिकल कॉलेज को शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा अगले वर्ष 7 अन्य मेडिकल कॉलेज भी विभाग की ओर से शुरू कर दिए जाएंगे.
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पीजी कोर्स भी होंगे शुरू: आमतौर पर प्रदेश में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की भी कमी रहती है, इसे देखते हुए इन सभी नए मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्स भी शुरू कर दिए जाएंगे. इसे लेकर एनएमसी में विभाग की ओर से अप्लाई किया जा चुका है. गालरिया का कहना है कि प्रदेश में धीरे-धीरे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर किया जा रहा है. इसके साथ ही सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं. जैसे-जैसे नए मेडिकल कॉलेज शुरू होंगे, वैसे-वैसे चिकित्सकों की कमी दूर हो सकेगी और हर व्यक्ति को आसानी से इलाज मिल सकेगा.