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SMS अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट, चिकित्सकों का कहना-अंगदान के लिए अवेयरनेस जरूरी

राजस्थान में अंगदान करने को लेकर अवेयरनेस कार्यक्रम अब रंग दिखा रहा है. जयपुर के SMS अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि प्रदेश में जागरुकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है.

Jaipur SMS Hospital, राजस्थान में अंगदान
SMS अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट
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Published : Nov 15, 2020, 2:30 PM IST

जयपुर. अंगदान के चलते कई जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है और अंगदान को लेकर सरकार की ओर से कई अवेयरनेस कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं लेकिन अंगदान से जुड़े चिकित्सकों का कहना है कि अभी भी अंगदान के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है और मीडिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

SMS अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट

कोरोना संक्रमण के बाद जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में लंबे समय बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया शुरू हुई और अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया, जहां 15 वर्षीय अंकित ने 4 लोगों की जिंदगी बचाई. स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (SOTTO) के नोडल ऑफिसर डॉक्टर मनीष शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद बीते 8 महीने से प्रदेश में अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन का काम रुक गया था लेकिन हाल ही में एक बार फिर से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश का 38 वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया.

यह भी पढ़ें. पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2020: आंसर शीट में आपत्ति दर्ज कराने की आज अंतिम तारीख

डॉक्टर मनीष का कहना है कि ऑर्गन डोनेशन को लेकर सरकार की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन अभी भी जागरूकता की कमी देखी जा रही है और मीडिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

उनका कहना है कि मीडिया के माध्यम से ही आमजन को पता चलता है कि ऑर्गन डोनेशन किस तरह जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाता है और मीडिया इसे सकारात्मक भूमिका की तरह आमजन के बीच लेकर जाए तो अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ सकती है. अभी भी प्रदेश में ऐसे मरीज हैं, जिनको अपनी जिंदगी बचाने के लिए अंगों की जरूरत है और अगर समय रहते इन मरीजों को अंग उपलब्ध वह तो इनकी जिंदगी बचाई जा सकती है.

जयपुर. अंगदान के चलते कई जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है और अंगदान को लेकर सरकार की ओर से कई अवेयरनेस कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं लेकिन अंगदान से जुड़े चिकित्सकों का कहना है कि अभी भी अंगदान के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है और मीडिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

SMS अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट

कोरोना संक्रमण के बाद जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में लंबे समय बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया शुरू हुई और अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया, जहां 15 वर्षीय अंकित ने 4 लोगों की जिंदगी बचाई. स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (SOTTO) के नोडल ऑफिसर डॉक्टर मनीष शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद बीते 8 महीने से प्रदेश में अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन का काम रुक गया था लेकिन हाल ही में एक बार फिर से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश का 38 वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया.

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डॉक्टर मनीष का कहना है कि ऑर्गन डोनेशन को लेकर सरकार की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन अभी भी जागरूकता की कमी देखी जा रही है और मीडिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

उनका कहना है कि मीडिया के माध्यम से ही आमजन को पता चलता है कि ऑर्गन डोनेशन किस तरह जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाता है और मीडिया इसे सकारात्मक भूमिका की तरह आमजन के बीच लेकर जाए तो अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ सकती है. अभी भी प्रदेश में ऐसे मरीज हैं, जिनको अपनी जिंदगी बचाने के लिए अंगों की जरूरत है और अगर समय रहते इन मरीजों को अंग उपलब्ध वह तो इनकी जिंदगी बचाई जा सकती है.

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