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जयपुर: बिहार से बस में लाए जा रहे थे 30 बाल मजदूर, पुलिस ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार

जयपुर पुलिस ने बालश्रम के लिए लाए जा रहे 30 बच्चों को मुक्त कराया है. बच्चों को बिहार से बस में बैठाकर लाया जा रहा था. सूचना के बाद पुलिस ने चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट के साथ स्पेशल टीम गठित कर कार्रवाई को अंजाम दिया. इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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बिहार से बस में लाए जा रहे थे 30 बाल मजदूर, पुलिस ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार
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Published : Aug 12, 2020, 5:11 AM IST

जयपुर. बिहार से बालश्रम के लिए लाए जा रहे 30 बच्चों को जयपुर पुलिस ने मुक्त कराया है. बच्चों को बस से लाया जा रहा था. इन सभी बच्चों को जयपुर में भट्टा फैक्ट्री और चूड़ी कारखानों में काम करवाने के लिए लाया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस ने नाकाबंदी कर बस को पकड़ा और सभी बच्चों को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया.

राजधानी जयपुर के गलता गेट थाना पुलिस और मानव तस्करी विरोधी यूनिट को सूचना मिली थी कि बिहार से कई बच्चों को जयपुर में बालश्रम करवाने के लिए लाया जा रहा है. जिसके बाद चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट के साथ एक विशेष टीम गठित की गई. आगरा हाईवे बस्सी टोल पर पहुंचने के बाद बस का पीछा किया गया और गलता गेट थाना इलाके में आते ही बस को पकड़ लिया गया. सभी बच्चों को बस से बाहर निकाल कर मुक्त करवाया गया. बस से आए बच्चों की संख्या 30 बताई जा रही है. सभी बच्चों की उम्र 10 से 16 वर्ष के बीच है. यह बच्चे बिहार के रहने वाले हैं. बस संचालक समेत 7 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

पढ़ें: पाक विस्थापितों की मौत का मामला: मृतका का पुराना वीडियो आया सामने, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

जानकारी के मुताबिक सभी बच्चों से जबरन बाल श्रम करवाने के लिए लाया गया था. मुक्त कराए गए बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले बताए जा रहे हैं. एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सुमित गुप्ता के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया. पुलिस ने मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. पहले भी राजधानी जयपुर के भट्टा बस्ती और शास्त्रीनगर इलाके से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया जा चुका है. इन बच्चों से जबरन 16 से 18 घंटे काम करवाया जाता है और भरपेट खाना भी नसीब नहीं हो पाता. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.

जयपुर. बिहार से बालश्रम के लिए लाए जा रहे 30 बच्चों को जयपुर पुलिस ने मुक्त कराया है. बच्चों को बस से लाया जा रहा था. इन सभी बच्चों को जयपुर में भट्टा फैक्ट्री और चूड़ी कारखानों में काम करवाने के लिए लाया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस ने नाकाबंदी कर बस को पकड़ा और सभी बच्चों को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया.

राजधानी जयपुर के गलता गेट थाना पुलिस और मानव तस्करी विरोधी यूनिट को सूचना मिली थी कि बिहार से कई बच्चों को जयपुर में बालश्रम करवाने के लिए लाया जा रहा है. जिसके बाद चाइल्ड हेल्प लाइन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट के साथ एक विशेष टीम गठित की गई. आगरा हाईवे बस्सी टोल पर पहुंचने के बाद बस का पीछा किया गया और गलता गेट थाना इलाके में आते ही बस को पकड़ लिया गया. सभी बच्चों को बस से बाहर निकाल कर मुक्त करवाया गया. बस से आए बच्चों की संख्या 30 बताई जा रही है. सभी बच्चों की उम्र 10 से 16 वर्ष के बीच है. यह बच्चे बिहार के रहने वाले हैं. बस संचालक समेत 7 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

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जानकारी के मुताबिक सभी बच्चों से जबरन बाल श्रम करवाने के लिए लाया गया था. मुक्त कराए गए बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले बताए जा रहे हैं. एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सुमित गुप्ता के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया. पुलिस ने मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. पहले भी राजधानी जयपुर के भट्टा बस्ती और शास्त्रीनगर इलाके से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया जा चुका है. इन बच्चों से जबरन 16 से 18 घंटे काम करवाया जाता है और भरपेट खाना भी नसीब नहीं हो पाता. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.

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