जयपुर. प्रदेश में अतिवृष्टि से प्रदेश में 3 लाख 69 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई हैं. जिसमें कोटा, बारां,बूंदी और सवाई माधोपुर जिले में सबसे अधिक फसलों को नुकसान हुआ है. प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्री ने अधिकारियों को काश्तकारों को जल्द से जल्द प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राहत दिलवाने के निर्देश दिए हैं.
राजस्थान में बीते दिनों हुई अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों के सर्वे में कृषि विभाग की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट दी. जिसके अनुसार अब तक 3 लाख 69 हजार 174 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित होने का अनुमान माना गया है. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि हाड़ौती और सवाई माधोपुर जिले में फसलों को काफी नुकसान हुआ है. विभाग की ओर से कराए गए प्रारंभिक सर्वे के अनुसार कोटा, बारां, बूंदी जिले में सोयाबीन, उड़द, सवाई माधोपुर जिले में बाजरा और उड़द की फसल में ज्यादा नुकसान हुआ है.
प्रदेश में सोयाबीन 1लाख 60 हजार 264 हेक्टेयर में, उड़द 98 हजार 660 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रभावित हुई है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कोटा जिले में 1लाख 3 हजार 257 हेक्टेयर, बूंदी में 99 हजार 26 हेक्टेयर और बारां में 76 हजार 199 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों को क्षति हुई है. इसी प्रकार सवाई माधोपुर जिले में 23 हजार 60 हेक्टेयर में बाजरा और 18 हजार 47 हेक्टेयर में उड़द सहित 61 हजार 381 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है.
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कटारिया ने बताया कि जयपुर, सीकर, नागौर, करौली ,झालावाड़, अलवर, टोंक और भरतपुर जिलों में भी कहीं-कहीं ज्यादा बारिश होने से फसलों को नुकसान हुआ है. जयपुर जिले की सांगानेर, फागी, चाकसू और कोटखावदा तहसीलों में 2920 हेक्टेयर, सीकर जिले की दातारामगढ़ तहसील में 3992 हेक्टेयर और नागौर जिले के कुचामन सिटी और नावा तहसील में 7357 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है.
इसी तरह से करौली जिले में 9664, टोंक में 4140, भरतपुर की डीग तहसील में 764, झालावाड़ जिले की मनोहर थाना रायपुर और खानपुर तहसीलों में 398 और अलवर जिले की कोटकासिम तहसील में 70 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई है. प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट आने के साथ ही कृषि मंत्री कटारिया ने अधिकारियों को प्रभावित काश्तकारों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नियम अनुसार मुआवजा दिलवाने की कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं. जिससे किसानों को राहत मिल सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पात्र कष्ट हर फसल बीमा मुआवजे से वंचित नहीं रहना चाहिए.