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जयपुर में 3 दिवसीय समांतर साहित्य उत्सव का आगाज, लेखिका अरुंधति रॉय ने मोदी सरकार पर जमकर बोला हमला

जयपुर में तीन दिवसीय समांतर साहित्य उत्सव का आगाज शुक्रवार से हुआ, जिसका उद्घाटन लेखिका अरुंधति रॉय ने किया. वहीं कार्यक्रम में रॉय ने सरकार पर कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ एनआरसी और नागरिकता एक्ट को लेकर निशाना साधा.

जयपुर न्यूज, jaipur news
समांतर साहित्य उत्सव का आगाज
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Published : Feb 21, 2020, 10:37 PM IST

जयपुर. राजधानी में तीन दिवसीय समांतर साहित्य उत्सव का आगाज हो गया है. जवाहर कला केंद्र में इस फेस्टिवल का उद्घाटन लेखिका अरुंधति राय ने किया. इस दौरान जाने-माने लेखक भी मौजूद रहे.

समांतर साहित्य उत्सव का आगाज

अरुंधति रॉय ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दे के साथ साथ एनआरसी और नागरिकता एक्ट को लेकर भी तीखा प्रहार किया. रॉय ने साफ तौर से इस कानून को एन्टी मुस्लिम करार तो दिया ही, साथ ही कहा कि ये कानून एंटी वीमेन, एंटी आदिवासी, एंटी दलित है, जो कि देश के गरीब लोगों को कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर कर देगा.

इस कानून की तुलना रॉय ने हिटलर के कानून से भी की. रॉय ने कहा कि मोदी जी ऑनलाइन को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन, कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से इंटरनेट सेवाएं ही बंद हैं, वहां पर लोगों को ओटीपी मिलना भी बंद हो गया है, वहां पर व्यापार ठप हो गया है, ये है डेमोक्रेसी.

पढ़ेंः प्रदेश के करीब 8 लाख कर्मचारी सरकार से नाखुश, 24 से 28 फरवरी तक धरना

बता दें कि जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में ये उत्सव चल रहा है. उत्सव स्थल को धरती धोरां री नाम दिया गया है, जिसमें तीन दिन तक 127 सत्र चलेंगे. कार्यक्रम के दौरान लेखकों को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया. कन्हैया लाल सेठिया जन्मशती सम्मान से लेखक कैलाश मनहर, भरत ओला को सम्मान किया गया. उधर, साहित्य उत्सव के संयोजक तलवार ने कहा कि इस उत्सव का उद्देश्य हिंदी और राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देना है.

जयपुर. राजधानी में तीन दिवसीय समांतर साहित्य उत्सव का आगाज हो गया है. जवाहर कला केंद्र में इस फेस्टिवल का उद्घाटन लेखिका अरुंधति राय ने किया. इस दौरान जाने-माने लेखक भी मौजूद रहे.

समांतर साहित्य उत्सव का आगाज

अरुंधति रॉय ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दे के साथ साथ एनआरसी और नागरिकता एक्ट को लेकर भी तीखा प्रहार किया. रॉय ने साफ तौर से इस कानून को एन्टी मुस्लिम करार तो दिया ही, साथ ही कहा कि ये कानून एंटी वीमेन, एंटी आदिवासी, एंटी दलित है, जो कि देश के गरीब लोगों को कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर कर देगा.

इस कानून की तुलना रॉय ने हिटलर के कानून से भी की. रॉय ने कहा कि मोदी जी ऑनलाइन को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन, कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से इंटरनेट सेवाएं ही बंद हैं, वहां पर लोगों को ओटीपी मिलना भी बंद हो गया है, वहां पर व्यापार ठप हो गया है, ये है डेमोक्रेसी.

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बता दें कि जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में ये उत्सव चल रहा है. उत्सव स्थल को धरती धोरां री नाम दिया गया है, जिसमें तीन दिन तक 127 सत्र चलेंगे. कार्यक्रम के दौरान लेखकों को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया. कन्हैया लाल सेठिया जन्मशती सम्मान से लेखक कैलाश मनहर, भरत ओला को सम्मान किया गया. उधर, साहित्य उत्सव के संयोजक तलवार ने कहा कि इस उत्सव का उद्देश्य हिंदी और राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देना है.

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