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राम मंदिर निर्माण के लिए 21 लाख रुपए की राशि भेंट की, मंदिर की विशेषताओं की जानकारी भी दी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि देने का सिलसिला लगातार चलाया जा रहा है. राम भक्त राम मंदिर बनाने के लिए अपनी ओर से पूरा सहयोग कर रहे हैं. इसी कड़ी में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से विद्याधर नगर में आयोजित कार्यक्रम में राम भक्तों ने 21 लाख रुपये की सहयोग राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दी.

Shri Ram Janmabhoomi, donations for Ram temple construction
राम मंदिर निर्माण के लिए 21 लाख रुपए की राशि भेंट की
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Published : Jan 26, 2021, 7:53 PM IST

जयपुर. अयोध्या में बनाए जा रहे राम मंदिर के लिए सहयोग राशि देने का सिलसिला लगातार चलाया जा रहा है. राम भक्त राम मंदिर बनाने के लिए अपनी ओर से पूरा सहयोग कर रहे हैं. इसी कड़ी में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से विद्याधर नगर में आयोजित कार्यक्रम में राम भक्तों ने 21 लाख रुपये की सहयोग राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दी.

राम मंदिर निर्माण के लिए 21 लाख रुपए की राशि भेंट की

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अयोध्या में राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में बनाए जा रहे हैं. श्रीराम मंदिर में राम भक्तों के सहयोग के लिए विश्वव्यापी जनजागृति अभियान चल रहा है. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विनायकराव देशपांडे ने मंगलवार को विद्याधर नगर सेक्टर 7 स्थित तत्कालेश्वर महादेव मंदिर में स्थानीय नागरिकों को संबोधित कर राम मंदिर और राम की भारत में महत्ता के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में दी गई सहयोग राशि मंदिर निर्माण में काम आएगी.

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विनायकराव देशपांडे ने बताया कि संघ और विश्व हिंदू परिषद 36 से 37 साल तक राम मंदिर बनाने के लिए आंदोलन कर लोगों को जागरूक कर रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. नई डिजाइन के अनुसार इस मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 200 फीट होगी और इसकी ऊंचाई 161 फीट होगी.

पढ़ें- Special : जयपुर में स्कूल को 'स्मार्ट' बनाने के फेर हेरिटेज को किया बेहाल...परकोटे की प्राचीर और बुर्ज ध्वस्त

उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए पत्थरों की गड़ाई का काम चल रहा है. मंदिर निर्माण के लिए 90000 वर्ग फीट पत्थरों का काम पूरा हो चुका है, जिसमें 29 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि भरतपुर के पत्थर से राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा और सोमनाथ मंदिर का निर्माण भी इन्हीं पत्थरों से हुआ था.

देशपांडे ने कहा कि संविधान निर्माण के बाद जब राष्ट्रपति को संविधान की पहली कॉपी सौंपी गई थी तो उसमें पहले पेज पर पहला चित्र श्रीराम का ही था. इसके बाद अन्य भगवान और महापुरुषों के चित्र थे. इस तरह सभी जाति और धर्म के लोगों ने श्रीराम को राष्ट्रीय महापुरुष माना है.

जयपुर. अयोध्या में बनाए जा रहे राम मंदिर के लिए सहयोग राशि देने का सिलसिला लगातार चलाया जा रहा है. राम भक्त राम मंदिर बनाने के लिए अपनी ओर से पूरा सहयोग कर रहे हैं. इसी कड़ी में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से विद्याधर नगर में आयोजित कार्यक्रम में राम भक्तों ने 21 लाख रुपये की सहयोग राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दी.

राम मंदिर निर्माण के लिए 21 लाख रुपए की राशि भेंट की

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अयोध्या में राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में बनाए जा रहे हैं. श्रीराम मंदिर में राम भक्तों के सहयोग के लिए विश्वव्यापी जनजागृति अभियान चल रहा है. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विनायकराव देशपांडे ने मंगलवार को विद्याधर नगर सेक्टर 7 स्थित तत्कालेश्वर महादेव मंदिर में स्थानीय नागरिकों को संबोधित कर राम मंदिर और राम की भारत में महत्ता के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में दी गई सहयोग राशि मंदिर निर्माण में काम आएगी.

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री विनायकराव देशपांडे ने बताया कि संघ और विश्व हिंदू परिषद 36 से 37 साल तक राम मंदिर बनाने के लिए आंदोलन कर लोगों को जागरूक कर रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. नई डिजाइन के अनुसार इस मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 200 फीट होगी और इसकी ऊंचाई 161 फीट होगी.

पढ़ें- Special : जयपुर में स्कूल को 'स्मार्ट' बनाने के फेर हेरिटेज को किया बेहाल...परकोटे की प्राचीर और बुर्ज ध्वस्त

उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए पत्थरों की गड़ाई का काम चल रहा है. मंदिर निर्माण के लिए 90000 वर्ग फीट पत्थरों का काम पूरा हो चुका है, जिसमें 29 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि भरतपुर के पत्थर से राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा और सोमनाथ मंदिर का निर्माण भी इन्हीं पत्थरों से हुआ था.

देशपांडे ने कहा कि संविधान निर्माण के बाद जब राष्ट्रपति को संविधान की पहली कॉपी सौंपी गई थी तो उसमें पहले पेज पर पहला चित्र श्रीराम का ही था. इसके बाद अन्य भगवान और महापुरुषों के चित्र थे. इस तरह सभी जाति और धर्म के लोगों ने श्रीराम को राष्ट्रीय महापुरुष माना है.

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