जयपुर. कोरोना संकट के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के बाद माना जा रहा था कि राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. लेकिन, सरकार में कोरोना से लड़ने के साथ ही अंदरखाने राजनीतिक नियुक्तियों पर भी लगातार मंथन चल रहा था और लॉकडाउन में हुई 17 राजनीतिक नियुक्तियां इस बात की साफ तौर से गवाही भी दे रही हैं.
पढ़ें: संकट की घड़ी में उद्योगों को देंगे संबल, निवेशकों के लिए बनाएंगे टास्क फोर्स : CM गहलोत
विभिन्न नियुक्तियों के चलते डेढ़ साल से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं में अब खुशी की लहर है. जानकारों की मानें तो लॉकडाउन के बीच राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे की हरी झंडी मिल चुकी थी. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की राय लेकर ये नियुक्तियां करना शुरू कर दिया गया है.
हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ये नियुक्तियां 31 मार्च तक मिल जानी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण में जुटी सरकार अब धीरे-धीरे ही राजनीतिक नियुक्तियां कर रही है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी इसी तरह कोरोना के साथ जंग और राजनीतिक नियुक्तियों पर मंथन का काम एक साथ चलेगा. कई और विधायकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी.
लॉकडाउन के दौरान अब तक इन विभागों में हुई राजनीतिक नियुक्तियां
1. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग: इसमें शिव भगवान नागा, वंदना दुबे और नुसरत नकवी की नियुक्ति हुई.
2. किशोर न्याय राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति: इसमें संजीव भट्ट और वंदना माथुर की नियुक्ति हुई.
3. वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना समिति: इसमें विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर, दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह, पूर्व विधायक रमेश पांड्या और पूर्व विधायक रणधीर सिंह की नियुक्ति हुई.
4. राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी: इसमें पूर्व आईएएस ललित मेहरा के साथ ही राजेंद्र बैरवा की नियुक्ति हुई.
5. राज्य स्तरीय सतर्कता समिति: इसमें पिलानी विधायक जेपी चंदेलिया और बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल के साथ ही रवि तरवाड़ी, बिरदी चंद बारासा, उषा चौमार और रेखा कलोसिया की नियुक्ति हुई.