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जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन से ट्रांसपोर्टर्स का 17 लाख रुपए का सामान चोरी
उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा और परिवहन के लिए रखे सामान को लेकर कई वादे और दावे किए जाते हैं, लेकिन बीते 6 महीने के अंतराल में ट्रांसपोर्टर्स के सामान चोरी होने की कई वारदातें सामने आई है. इसके तहत रेल प्रशासन के वादों की पोल खुलती नजर आई है. इसी बीच बीते दिन भी ट्रांसपोर्टर्स का जयपुर से सिकंदराबाद जाने वाली ट्रेन से करीब 17 लाख का सामान चोरी हो गया. वहीं रेल प्रशासन की ओर से कोई संतुष्टिपूर्वक जवाब भी नहीं दिया जा रहा है. जिसको लेकर ट्रांसपोर्टर्स में रेलवे प्रशासन के प्रति आक्रोश नजर आया.
ट्रेन से ट्रांसपोर्टर का लाखों का सामान हो गया चोरी
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Published : Aug 2, 2019, 9:00 PM IST
जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे जहां एक तरफ यात्री और परिवहन के लिए बुक कराए सामान की सुविधा के लिए रेलवे पुलिस की तारीफ कर रही है तो वहीं दूसरी ओर तस्वीर इसकी उलट देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा जयपुर से सिकंदराबाद जाने वाली ट्रेन नंबर 19713 के इंजन के पास वाले पीएसएलआर कोच को 5 सालों के लिए एक ट्रांसपोर्ट को लीज पर दिया गया है. जिसमें जयपुर से सिकंदराबाद के लिए ट्रांसपोर्टर्स का सामान जाता है.
ट्रेन से ट्रांसपोर्टर का लाखों का सामान हो गया चोरी रेलवे यात्री और परिवहन के सामानों की सुरक्षा के दावे भी करता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा मामला बताते हैं जिसमें रेलवे के इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. जयपुर से गुरुवार को सिकंदराबाद गई ट्रेन संख्या 19713 में ट्रांसपोर्ट का कुछ सामान गया था. जिस सामान की कुल कीमत करीब ₹17 लाख बताई जा रही है. ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि उनके द्वारा सिकंदराबाद आरपीएफ और जयपुर आरपीएफ समेत उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम और जीआरपी को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है लेकिन रेलवे के द्वारा उन्हें केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है. मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
यह भी पढ़ें : दिन में पार्टी विरोधी बयान और रात में बसपा विधायकों के साथ गुढ़ा की CM से मुलाकात, सियासी चर्चाएं शुरू
रेलवे की ओर से ट्रेनों में सुरक्षा के उलट ट्रेनों में चोरी की वारदातें सामने आ रही है. ट्रांसपोर्टर का कहना है कि पिछले 6 महीने में उनके साथ ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी है, लेकिन रेल प्रशासन बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.
ट्रांसपोर्टर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों के डिब्बों की मरम्मत भी नहीं कराई जाती है और उन्हें जस की तस हालत में ही दोबारा लगा दिया जाता है. जिससे उनका सामान बार-बार चोरी हो जाता है और उन्हें लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स ने शुक्रवार को उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्य प्रबंधक को भी इसे लेकर अपनी शिकायत दी है.
यह भी पढ़ें : सोना फिर चमका, जयपुर सर्राफा बाजार में 36 हजार के पार पहुंची कीमतें
ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि उन्होंने जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन का पीएसएलआर कोच दिसंबर में 5 साल के लिए लीज पर लिया है. इस तरह की घटना सामने आने के बाद अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन उनकी ओर से इस संबंध में कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है.
रेलवे के दावे विफल
- जयपुर से सिकंदराबाद जाती है ट्रेन संख्या 19713
- इंजन के पास होता है पीएसएलआर कोच
- ट्रांसपोर्टर्स के 187 पार्सल रखे थे ट्रेन में
- चोरों ने चुरा लिए 94 पार्सल
- 4 टन का होता है कंपाउंड
- चोरी की वारदात से रेलवे के दावों की खुल रही पोल
जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे जहां एक तरफ यात्री और परिवहन के लिए बुक कराए सामान की सुविधा के लिए रेलवे पुलिस की तारीफ कर रही है तो वहीं दूसरी ओर तस्वीर इसकी उलट देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा जयपुर से सिकंदराबाद जाने वाली ट्रेन नंबर 19713 के इंजन के पास वाले पीएसएलआर कोच को 5 सालों के लिए एक ट्रांसपोर्ट को लीज पर दिया गया है. जिसमें जयपुर से सिकंदराबाद के लिए ट्रांसपोर्टर्स का सामान जाता है.
ट्रेन से ट्रांसपोर्टर का लाखों का सामान हो गया चोरी रेलवे यात्री और परिवहन के सामानों की सुरक्षा के दावे भी करता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा मामला बताते हैं जिसमें रेलवे के इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. जयपुर से गुरुवार को सिकंदराबाद गई ट्रेन संख्या 19713 में ट्रांसपोर्ट का कुछ सामान गया था. जिस सामान की कुल कीमत करीब ₹17 लाख बताई जा रही है. ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि उनके द्वारा सिकंदराबाद आरपीएफ और जयपुर आरपीएफ समेत उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम और जीआरपी को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है लेकिन रेलवे के द्वारा उन्हें केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है. मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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रेलवे की ओर से ट्रेनों में सुरक्षा के उलट ट्रेनों में चोरी की वारदातें सामने आ रही है. ट्रांसपोर्टर का कहना है कि पिछले 6 महीने में उनके साथ ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी है, लेकिन रेल प्रशासन बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.
ट्रांसपोर्टर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों के डिब्बों की मरम्मत भी नहीं कराई जाती है और उन्हें जस की तस हालत में ही दोबारा लगा दिया जाता है. जिससे उनका सामान बार-बार चोरी हो जाता है और उन्हें लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स ने शुक्रवार को उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्य प्रबंधक को भी इसे लेकर अपनी शिकायत दी है.
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ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि उन्होंने जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन का पीएसएलआर कोच दिसंबर में 5 साल के लिए लीज पर लिया है. इस तरह की घटना सामने आने के बाद अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन उनकी ओर से इस संबंध में कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है.
रेलवे के दावे विफल
- जयपुर से सिकंदराबाद जाती है ट्रेन संख्या 19713
- इंजन के पास होता है पीएसएलआर कोच
- ट्रांसपोर्टर्स के 187 पार्सल रखे थे ट्रेन में
- चोरों ने चुरा लिए 94 पार्सल
- 4 टन का होता है कंपाउंड
- चोरी की वारदात से रेलवे के दावों की खुल रही पोल
Intro:जयपुर एंकर-- उत्तर पश्चिम रेलवे के द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सामान को लेकर कई वादे किए जाते हैं,,,,,,, लेकिन पिछले 6 महीने के अंतराल के अंतर्गत ट्रांसपोर्टर्स के सामान चोरी होने की वारदातें लगातार सामने आई ,,,,,,,,,और रेल प्रशासन की वादों की पोल खुलती नजर आई ,,,,,,,इस दौरान बीते दिन भी ट्रांसपोर्टर्स का जयपुर से सिकंदराबाद जाने वाली ट्रेन से करीब 16 लाख का सामान चोरी हो गया,,,,,,,, और रेल प्रशासन की ओर से कोई भी संतुष्ट जवाब नहीं दिया गया है ,,,,,,,जिसको लेकर ट्रांसपोर्टर्स रेलवे से काफी नाराज भी देखे जा रहे,,,,,,,
Body:जयपुर-- उत्तर पश्चिम रेलवे जहां एक तरफ यात्री और उनके सामानों की सुविधा के लिए रेलवे पुलिस की तारीफ कर रही है,,,,, वहीं दूसरी ओर ट्रेनों के अंदर यह बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है,,,,,, आपको बता दें कि उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा जयपुर से सिकंदराबाद जाने वाली 19713 ट्रेन नंबर के इंजन के पास वाले पीएसएलआर कोच को 5 सालों के लिए एक ट्रांसपोर्ट को लीज पर दिया गया है,,,,,,, जिसमें जयपुर से सिकंदराबाद जाने वाले ट्रांसपोर्टर्स का सामान जाता है,,,,,, वहीं दूसरी और रेलवे यात्री और उनके सामानों की सुरक्षा के दावे भी करती है लेकिन हम आपको एक ऐसा वाक्य बताते हैं जिसके अंतर्गत रेलवे की पोल खुलती नजर आ रही है,,,,, जयपुर से गुरुवार को सिकंदराबाद गई 19713 ट्रेन में जयपुर ट्रांसपोर्ट इसका कुछ सामान गया था सामान की कुल कीमत करीब ₹16 लाख बताई जा रही है,,,,,, ऐसे में शातिर चोरों के द्वारा ट्रेन के अंदर ट्रेन की चद्दर केक काटकर ट्रांसपोर्टर्स का सामान चोरी कर लिया गया है,,,,,, ऐसे में ट्रांसपोर्टर्स का कहना है ,,,,कि उनके द्वारा सिकंदराबाद आईपीएफ और जयपुर आईपीएफ समेत उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम और जीआरपी को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है ,,,,,लेकिन रेलवे के द्वारा उन्हें केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है,,,,, और ना कोई कार्यवाही भी की जा रही है,,,,,,
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जयपुर से सिकंदराबाद जाती है ट्रेन (19713)
इंजन के पास होता है पीएसएलआर डिब्बा
ट्रांसपोर्टर्स के 187 पार्सल रखे थे ट्रेन में
चोरों ने चुराए 94 पार्सल
4 टन का होता है कंपाउंड
चोरी से रेलवे के दावों की खुल रही पोल
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वीओ 02-- ऐसे में रेलवे द्वारा ट्रेनों में लगातार यात्रियों की सुरक्षा के लिए इंतजाम भी किए जा रहे हैं ,,,,,,लेकिन जहां रेलवे एक तरफ कहता है ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्री और उनका सामान बिल्कुल सुरक्षित है ,,,,,,,तो वहीं दूसरी ओर लगातार चोरो के हौसले बुलंद हो रहे है ,,,,,,और लगातार चोरिया भी बढ़ती जा रही है ,,,,,,,,ट्रांसपोर्टर का कहना है कि पिछले 6 महीने में उनके साथ ऐसी घटना कई बार हो चुकी है,,,,, लेकिन रेल प्रशासन इस पर भी गंभीर नहीं है,,,,,
बाइट-- जितेंद्र शर्मा ( ट्रांसपोर्टर)
Conclusion:फाइनल वीओ-- इस दौरान ट्रांसपोर्टर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि आए दिन ट्रेनों में से उनका सामान चोरी होता रहता है,,,,,, तो वहीं दूसरी और रेलवे को शिकायत करने पर भी रेल प्रशासन ध्यान नहीं देता है,,,,,,, वहीं उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों के डिब्बों की मरम्मत भी नहीं कराई जाती है ,,,,,,,,और उन्हें जस की तस हालत में ही दोबारा से लगा दिया जाता है ,,,,,,,,जिससे उनके सामान बार-बार चोरी हो जाता है,,,,,,,, और उन्हें लाखों का नुकसान भी झेलना पड़ता है ,,,,,,,,,ऐसे में आज ट्रांसपोर्टर्स ने उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्य प्रबंधक को भी इसको लेकर अपनी शिकायत दी,,,,,, ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि उन्होंने जयपुर सिकंदराबाद ट्रेन का पीएसएलआर डब्बा 5 साल के लिए लीज पर लिया है ऐसे में उन्होंने दिसंबर माह से लीज पर ले रखा है,,,,,, साथी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि अब हमारी मजबूरी यह रह गई है,,,,,कि हम यह ट्रेनों को भी नहीं छोड़ सकते हैं ,,,,,,,यदि हमने इन ट्रेनों को छोड़ा तो रेल प्रशासन की और से उन्हें सिक्योरिटी अनफिट भी कर दिया जाएगा,,,,,, जिससे उन्हें काफी नुकसान भी सहन करना पड़ेगा,,,,,,